अतुल सुभाष पर हंसने वाली जज रीता कौशिक पर भी कसेगा शिकंजा?
बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या (Atul Subhash Case) के मामले में जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। फिलहाल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania), सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है। बेंगलुरु पुलिस ने अब इस मामले में शामिल सभी आरोपों की गहन जांच शुरू करने का फैसला किया है, जिसमें आत्महत्या नोट में जज रीता कौशिक (Reeta Kaushik) पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं। अतुल के अनुसार, जज के व्यवहार और रिश्वत के दबाव ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया था। यह मामला बेहद जटिल होता जा रहा है, और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में हर पहलू की जांच की जाएगी।
अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या से पहले एक 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस नोट में खास तौर पर जज रीता कौशिक पर 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। अतुल ने नोट में यह भी लिखा कि जज के चेंबर में एक घटना घटी थी, जब उनकी पत्नी निकिता ने मजाक करते हुए कहा था, “तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते?”, और जज कौशिक इस पर हंस पड़ी थीं। इस नोट के अनुसार, अतुल ने जज के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें उनकी भूमिका और परिवार के सदस्यों की संलिप्तता को लेकर सवाल उठाए गए थे।
Atul Subhash Case: हर आरोप की होगी जांच
बेंगलुरु पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पष्ट किया है कि वे सुसाइड नोट में दर्ज सभी आरोपों की गहन जांच करेंगे। इस बीच द न्यूज़ मिनट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बातचीत के दौरान एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने इस मामले में बयान दिया, “सुसाइड नोट में जिन-जिन आरोपों का उल्लेख किया गया है, हम उन्हें पूरी तरह से जांचेंगे। हमारी टीम के पास इस मामले की जांच करने के सभी कानूनी अधिकार हैं। हालांकि, हम कार्रवाई करने से पहले सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करेंगे।” इससे साफ होता है कि पुलिस मामले में किसी भी आरोप को हल्के में नहीं लेगी, और यदि किसी का भी नाम सुसाइड नोट में शामिल है, तो उसे निष्पक्ष जांच का सामना करना पड़ सकता है।
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अतुल सुभाष की 9 दिसंबर को बेंगलुरु में उनके घर में शव मिलने की घटना ने सभी को चौंका दिया। उन्होंने अपनी मौत से पहले 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों और जज पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके अलावा, उन्होंने एक डेढ़ घंटे लंबा वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि झूठे केस के कारण उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ा।
ATUL SUBHASH CASE: WATCH FULL VIDEO
आत्महत्या से पहले का #AtulSubhash का 63 मिनट का ये पूरा वीडियो सुनकर निःशब्द और विचलित हूं।
उफ़ ! #JusticeForAtulSubhash
— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 10, 2024
पुलिस की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत
इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने सुसाइड नोट में नामित परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार किया। अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, और साले अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार करने के बाद, उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, अतुल के चाचा सुशील सिंघानिया को अंतरिम जमानत मिल गई थी। यह गिरफ्तारी और हिरासत मामले की गंभीरता को दर्शाती है, और अब पुलिस इन आरोपों की पूरी जांच करेगी।
अतुल सुभाष के मामले में अब कानूनी कार्रवाई की दिशा में और भी महत्वपूर्ण सवाल उठ रहे हैं। आत्महत्या के मामले में सुसाइड नोट में लगे आरोपों की जांच करते हुए पुलिस को यह तय करना होगा कि क्या इन आरोपों के आधार पर कोई सजा या कार्रवाई की जा सकती है। कथित तौर पर माना जा रहा है कि जज रीता कौशिक के पहलू और फिलहाल नामजद व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की स्थिति को लेकर कानूनी सलाह ली जाएगी, ताकि कोई भी फैसला सही तरीके से लिया जा सके।