पाकिस्तान, यूएई के लोगों को मिले पीएम मोदी के ‘WhatsApp मैसेज? प्राइवेसी पर सवाल
Viksit Bharat Sampark के तहत पीएम मोदी के WhatsApp मैसेज ‘पाकिस्तान’ समेत अन्य देशों के नागरिकों को भी भेजे जा रहे हैं?
आपके भी WhatsApp पर हाल-फिलहाल में पीएम मोदी की ओर से Viksit Bharat Sampark के मैसेज के रूप में एक चिट्ठी आई होगी. देश की सरकार अपनी एक पहल के तहत जनता तक अपनी बात पहुँचा रही है. ये सामान्य सी बात लगती है, उतना हैरान नहीं करती. लेकिन क्या हो अगर पाकिस्तान और यूएई जैसे देशों के नागरिकों को भी WhatsApp पर ‘Viksit Bharat Sampark’ का मैसेज मिलें? अब ये थोड़ी अचरज की स्थिति बनती है. (Pakistan Peoples Receives WhatsApp Message From PM Modi?)
दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले WhatsApp पर पीएम नरेंद्र मोदी की ये चिट्ठी पहले ही विवाद पैदा कर रही थी. लेकिन संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान समेत अन्य देशों के नागरिकों को भी कथित रूप से ‘विकसित भारत संपर्क’ के मैसेज मिलना, एक ने विवाद को जन्म देता नजर आ रहा है.
Pakistan Citizens Receives WhatsApp Message From PM Modi?
इससे कई सवाल खड़े होते हैं. अगर विदेशी नागरिकों को भी WhatsApp मैसेज गया तो भला उनका मोबाइल नंबर कहा से मिला? और सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या ये भारत सरकार की कोई चूक है या कोई सोची समझी रणनीति?
ये ताम सवाल विपक्ष के नेता मुखर होकर पूछ रहे हैं. उदाहरण के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक पोस्ट और कुछ स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए, प्रश्न खड़े किए. इसमें यूएई में रहने वाले एक कंसल्टेंट के पोस्ट की फोटो है. इन्होंने Anthony J Permal ACIM नामक अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल से कुछ बातें लिखीं.
एंथनी ने विकसित भारत संपर्क के तहत प्राप्त WhatsApp मैसेज का स्क्रीनशॉट साझा किया और लिखा;
“कल यूएई के कई नागरिकों को भारत के पीएम मोदी से एक ‘पर्सनल’ WhatsApp मैसेज मिले. यह संभवतः विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए था. इसे सीधे तौर पर प्राइवेसी कानूनों और शिष्टाचार के उल्लंघन के रूप में देखा जा सकता है.”
उन्होंने पूछा;
“ये मैसेज हजारों गैर-भारतीयों को उनके निजी मोबाइल नंबरों पर भेजा गया. बीजेपी और भारत सरकार को हमारा नंबर कैसे मिला? वह हजारों की संख्या में गैर-भारतीयों को खुलेआम स्पैम मैसेज कैसे कर सकते हैं.”
Will the @ECISVEEP take note of such a blatant misuse of government machinery and government data to serve the partisan political interests of the ruling party? pic.twitter.com/wrV6iWwfsJ
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 18, 2024
क्या है Viksit Bharat Sampark का WhatsApp मैसेज?
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा भेजे जा रहे इस ‘Viksit Bharat Sampark’ वाले WhatsApp मैसेज में तमाम बातें लिखी हैं. जैसे।;
‘यह चिट्ठी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई वाली भारत सरकार के विकसित भारत संपर्क केंद्र द्वारा भेजी गई है. पिछले दस वर्षों में भारत सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ देश के 140 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को मिला है एवं भविष्य में भी मिलता रहेगा. विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आपका साथ एवं आपका सुझाव बहुत महत्वपूर्ण है. अतः आपसे अनुरोध है कि योजनाओं को लेकर आपके विचार अवश्य लिखें.’
इसके साथ एक पीडीएफ भी देखनें को मिलता है. इसमें हिंदी-अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पीएम मोदी की ओर से एक चिट्ठी है. इसका कुछ अंश इस प्रकार है;
‘मेरे परिवारजनों के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव ही बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि, सबसे बड़ी पूंजी है. यह आपका विश्वास और समर्थन ही था कि जीएसटी लागू करना, धारा 370 समाप्त करना, तीन तलाक पर नया कानून, संसद में महिलाओं के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम, नये संसद भवन का निर्माण, आतंकवाद और नक्सलवाद पर कठोर प्रहार जैसे अनेक ऐतिहासिक और बड़े फैसले लेने से हम चूके नहीं.
लोकतंत्र की खूबसूरती जनभागीदारी और जनसहयोग में है. देशहित के लिए बड़े फैसले लेने, बड़ी योजनाएं बनाने और उन्हें सुचारू रूप से लागू कर पाने की शक्ति और ऊर्जा मुझे आपके विश्वास और सहयोग से ही प्राप्त होती रही है. विकसित भारत के निर्माण के जिस संकल्प के साथ देश आगे बढ़ रहा है, उसकी पूर्ति में मुझे आपके विचारों, सुझावों, साथ और सहयोग की आवश्यकता है. मुझे विश्वास है कि आपका आशीर्वाद और समर्थन हमें निरंतर मिलता रहेगा. राष्ट्रनिर्माण के लिए हमारे प्रयास बिना थके, बिना रुके अनवरत जारी रहेंगे, यह मोदी की गारंटी है.’
विपक्ष ने चुनाव आयोग (EC) से की कार्रवाई की मांग
विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने पीएम मोदी के इस मैसेज को सरकारी मशीनरी और सरकारी डेटा का खुला दुरुपयोग बताया है. वह लगातार चुनाव आयोग से इस पर कार्यवाई की मांग कर रहे हैं. वह इसे आदर्श आचार संहिता और निजता के अधिकार दोनों का खुला उल्लंघन बता रहे हैं.