भीम आर्मी की ओर से ’11 सितंबर चलो दिल्ली’ का ऐलान, महा रैली का आयोजन
आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नगीना से लोकसभा के सांसद, चंद्रशेखर आज़ाद (Chandra Shekhar Azad) ने लोगों से 11 सितंबर 2024 को दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में आयोजित की जा रही महा रैली में शामिल होने का आह्वान किया है। वजह जान लीजिए।
Bheem Army 11 September Chalo Delhi Maha Rally | भारत में आरक्षण एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो हमेशा से समाज के हाशिए पर रखे गए वर्गों के लिए समानता और अधिकार सुनिश्चित करने का माध्यम माना जाता रहा है। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले ने SC और ST श्रेणियों के भीतर आरक्षण को विभाजित करने की अनुमति दी है। इस निर्णय का कई लोगों ने विरोध भी शुरू किया है, जिसमें आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नगीना से लोकसभा के सांसद, चंद्रशेखर आज़ाद (Chandra Shekhar Azad) का भी नाम शामिल है। और अब भीम आर्मी के संस्थापक ने विरोध दर्ज करवाने के लिए लोगों से 11 सितंबर 2024 को दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में आयोजित की जा रही महा रैली में शामिल होने का आह्वान किया है।
सुप्रीम कोर्ट के 7 न्यायाधीशों की पीठ के निर्णय के तहत अब अनुसूचित जातियों का उप-वर्गीकरण, अनुसूचित जाति श्रेणियों के भीतर अधिक पिछड़े लोगों के लिए अलग से कोटा (Quota Within Quota) प्रदान करना स्वीकार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में SC और ST श्रेणियों में उप-श्रेणियों के तहत आरक्षण को विभाजित करने की अनुमति दी है। इस फैसले को लेकर कई लोगों और संगठनों ने नाराजगी जताई है। उनके अनुसार, आरक्षण को उप-वर्गों में बांटने से पहले से ही कमजोर और वंचित जातियों के लिए और अधिक असमानता पैदा हो सकती है।
11 September Chalo Delhi
इस फैसले की आलोचना करते हुए कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि यह निर्णय सकारात्मक कार्रवाई के मूल उद्देश्य को कमजोर कर सकता है, जो समाज के निचले तबके की जातियों के उत्थान के लिए बनाई गई थीं। भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे समाज में और विभाजन का कारण बताया है।
महा रैली (11 September Chalo Delhi)
भीम आर्मी द्वारा आयोजित इस महा रैली का उद्देश्य इस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करना है और सरकार पर दबाव बनाना है कि आरक्षण नीति को किसी भी तरह से कमजोर न किया जाए। चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने समर्थकों और समाज के अन्य वर्गों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को गहराई से समझें और रैली में बड़ी संख्या में शामिल हों ताकि सरकार और न्यायपालिका तक उनकी आवाज पहुंच सके।
चंद्रशेखर आज़ाद की अपील
भीम आर्मी के चीफ और आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, चंद्रशेखर आज़ाद ने इस महा रैली के माध्यम से एक बड़ा संदेश देने की योजना बनाई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने गाँव, कस्बों, और शहरों में जाकर जागरूकता फैलाएं और अधिक से अधिक लोगों को 11 सितंबर को दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में एकत्रित होने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि यह आंदोलन केवल एक जाति या वर्ग के लिए नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए है, जो आरक्षण के मूल सिद्धांतों में विश्वास करता है। यह रैली आरक्षण प्रणाली को तोड़ने वाले निर्णयों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने का एक प्रतीकात्मक कदम है।
रामलीला ग्राउंड में जुटने की तैयारी
दिल्ली के रामलीला ग्राउंड को इस महा रैली के आयोजन के लिए चुना गया है। रामलीला ग्राउंड, एक ऐतिहासिक स्थल है जहां अनेकों बड़े राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन आयोजित किए गए हैं। भीम आर्मी ने इस आयोजन के लिए पूरे देश से कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बुलाया है। चंद्रशेखर आज़ाद की इस अपील का समाज के कई वर्गों से समर्थन मिल रहा है, और बड़ी संख्या में लोग इस रैली में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे बता दें इसके पहले आरक्षण के इस मुद्दे को लेकर 21 अगस्त को बहुजन संगठनों द्वारा भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान भी किया गया था।
महा रैली का संभावित प्रभाव
भीम आर्मी द्वारा 11 सितंबर को आयोजित की जा रही यह महा रैली सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। अगर इस रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, तो यह एक बड़ा मुद्दा बनता दिखाई देगा। खुद सांसद चंद्रशेखर आज़ाद के आह्वान को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि यह आंदोलन आने वाले समय में एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक मोड़ साबित हो सकता है।