रेडियो स्टेशन ने पत्रकार को नौकरी से निकाला, ‘AI प्रेजेंटर्स’ ने ली जगह
OFF Radio Krakow ने पत्रकारों को नौकरी से निकाल कर उनकी जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित वर्चूअल प्रस्तुतकर्ताओं का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
Radio Station Replaces Journalist Job With AI Presenter | पोलैंड के एक प्रमुख रेडियो स्टेशन, OFF Radio Krakow, ने हाल ही में अपने पत्रकारों को नौकरी से निकाल दिया और उनकी जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित वर्चूअल प्रस्तुतकर्ताओं (Presenters) को काम सौंप दिया है। इस कदम ने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है और इस बदलाव को पोलैंड में मीडिया जगत का पहला AI आधारित प्रयोग बताया जाने लगा है।
OFF Radio Krakow के स्टेशन प्रमुख मार्सिन पुलित ने इस परिवर्तन को “मीडिया, रेडियो और पत्रकारिता के लिए एक प्रयोगात्मक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि वर्चूअल AI प्रेजेंटर्स का इस्तेमाल एक नई पीढ़ी के श्रोताओं तक पहुँचने और उनकी रूचियों से जुड़ने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा:
“क्या AI मीडिया के लिए एक अवसर है या एक खतरा? हम इस सवाल का उत्तर ढूंढने का प्रयास करेंगे।”
एआई ने छिनी नौकरी (Replaces Job With AI)
लेकिन AI पत्रकारों की नियुक्ति के इस फैसले ने पूरे पोलैंड में एक बहस छेड़ दी है। पूर्व रेडियो पत्रकार माटेउज डेमस्की, जो इस रेडियो स्टेशन के एक प्रमुख होस्ट थे, ने अपने निष्कासन के बाद एक खुला पत्र प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने AI के उपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इस कदम को “खतरनाक मिसाल” बताया जो मीडिया और रचनात्मक उद्योगों के भविष्य के लिए गंभीर चिंताएं पैदा करता है।
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डेमस्की ने लिखा:
“यह एक ऐसा कदम है जो अनुभवी पत्रकारों और रचनात्मक पेशेवरों को मशीनों से बदलने का रास्ता खोलता है।”
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि OFF Radio Krakow एक सार्वजनिक रेडियो स्टेशन है, जिसे करदाताओं द्वारा समर्थन मिलता है, और इस तरह का कदम जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाता है।
रेडियो स्टेशन की प्रतिक्रिया
OFF Radio Krakow के प्रमुख पुलित ने इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि किसी भी पत्रकार को AI के कारण नहीं निकाला गया है। कंपनी के मुताबिक, रेडियो स्टेशन के श्रोताओं की संख्या शून्य के करीब थी, इसलिए हमें इस परिवर्तन की जरूरत महसूस हुई।” पुलित का दावा है कि यह निर्णय केवल श्रोताओं की संख्या बढ़ाने के लिए लिया गया है, न कि पत्रकारों को AI से बदलने के लिए।
रेडियो स्टेशन के मुताबिक, उनके AI पात्र मुख्य रूप से सांस्कृतिक, कला और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसमें LGBTQ+ समुदाय के मुद्दों पर भी चर्चा होगी। स्टेशन का मानना है कि वर्चूअल प्रस्तुतकर्ताओं के जरिये वह युवा श्रोताओं तक अपनी पहुंच बढ़ा सकेगा, जो डिजिटल और तकनीकी इनोवेशन के प्रति अधिक रुचि रखते हैं।
AI Job: शुरुआत में ही विवाद
स्टेशन के नए प्रारूप के तहत, एक AI प्रस्तुतकर्ता ने नोबेल पुरस्कार विजेता पोलिश कवियत्री विस्वावा सिम्बोर्स्का (Wislawa Szymborska) की आवाज और व्यक्तित्व को AI तकनीक के माध्यम से पुनः जीवंत कर दिया। हालांकि सिम्बोर्स्का का निधन 2012 में हो चुका है, इस साक्षात्कार के लिए उनके नाम और आवाज का उपयोग किया गया। यह भी एक बड़ा विवाद का विषय बन गया है।
हालांकि, मिचाल रुशिनेक, जो सिम्बोर्स्का फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं, ने इस प्रयोग को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि सिम्बोर्स्का को हास्य पसंद था और शायद वह इस तरह के प्रयोग को सराहतीं। बावजूद इसके, कई लोगों का मानना है कि इस प्रकार के AI प्रयोग साहित्यिक और सांस्कृतिक हस्तियों के साथ अनैतिक हैं।
पोलैंड के डिजिटल मामलों के मंत्री क्रिज़्टोफ गॉकोवस्की ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि AI के बढ़ते उपयोग को नियंत्रित करने के लिए नियम और कानून बनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “AI के विकास का मैं समर्थक हूँ, लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि AI का उपयोग लोगों के लाभ के लिए हो, न कि उनके खिलाफ।”
AI और पत्रकारिता
AI के मीडिया और पत्रकारिता में प्रवेश ने कई लोगों के लिए अवसरों और संभावनाओं के द्वार खोले हैं। AI आधारित प्रस्तोता और पत्रकार तेजी से डेटा प्रोसेसिंग, व्यक्तिगत सामग्री तैयार करने और स्वचालित समाचार वितरण में सक्षम हैं। यह मीडिया संस्थानों को समय और संसाधनों की बचत करने में मदद कर सकता है।
हालांकि, इस तकनीकी प्रगति के साथ ही कई चुनौतियाँ और चिंताएँ भी उभर रही हैं। रचनात्मक उद्योगों में AI के उपयोग से बेरोजगारी का खतरा, समाचारों की विश्वसनीयता पर सवाल और इंसानों द्वारा निर्मित सांस्कृतिक तत्वों की कमी जैसी समस्याएं प्रमुख हैं। माटेउज डेमस्की और उनके समर्थकों का मानना है कि AI तकनीक का अत्यधिक उपयोग रचनात्मकता और पत्रकारिता की मूल भावना को नुकसान पहुँचा सकता है।
OFF Radio Krakow के इस कदम ने पोलैंड और दुनियाभर में एक बहस छेड़ दी है कि क्या AI तकनीक मीडिया, रेडियो और पत्रकारिता के लिए एक अवसर है या खतरा। जहाँ एक ओर यह नवाचार नई संभावनाओं को जन्म दे सकता है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े नैतिक, सामाजिक और व्यावसायिक सवालों के जवाब ढूंढना अभी बाकी है।