UPPSC RO ARO Re Exam मांग के साथ ‘प्रयागराज’ से ‘लखनऊ’ तक सड़कों पर उतरे छात्र
RO ARO Re Exam मांग के साथ ‘प्रयागराज’ से ‘लखनऊ’ तक सड़कों पर उतरे छात्र. UPPSC आयोग का किया घेराव.
यूपी में हाल के दिनों में हुई समीक्षा अधिकारी (आरओ) व सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती परीक्षा- 2023 को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है. प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र सड़कों (RO ARO Prayagraj News) पर उतरे और परीक्षा रद्द करते हुए, री-एग्जाम की मांग की. प्रयागराज में तो कल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयेाग (यूपीपीएससी) का घेराव भी किया गया.
छात्र देर रात तक उ. प्र. लोक सेवा आयोग के गेट के बाहर ही प्रदर्शन करते रहे. इस दौरान प्रशासन ने शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया. आयोग के गेट के बाहर बैरिकेडिंग लगाई गई. सामने आया कि इस दौरान कुछ बड़े अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत की कोशिश भी की, लेकिन छात्र परीक्षा रद्द कर, री-एग्जाम की मांग पर बरकरार रहे.
खबर है कि प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत के लिए आयोग के उप सचिव विनोद गौड़ ने भी पेशकश की. कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पेपर रद्द होने की सूचना के बाद ही प्रदर्शन खत्म किया जाएगा.
जब पर्चा पेपर के पहले खुले में distribute हुआ तो वार्ता भी खुले में होनी चाहिए न?
क्या बोलता भाई? https://t.co/6aVSAvNBE4
— Anuj Chaturvedi (@AnujChaVlogs) February 23, 2024
RO ARO Prayagraj & Lucknow Protest News
प्रदेश में 11 फरवरी को आरओ एआरओ प्री परीक्षा करवाई गई. प्रदेश के 58 जिलों में हुई इस परीक्षा के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया और इनमें से 64 प्रतिशत ने परीक्षा दी. परीक्षा के तुरंत बाद ही छात्र ने पेपर लीक के आरोप लगाए और कथित रूप से कई साक्ष्य भी प्रस्तुत किए. छात्रों का कहना है कि यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है. आरोप हैं परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटों पहले ही आन्सर-की बहुत लोगों के मोबाइल में आ गई थी.
ऐसे में प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर सबूत/साक्ष्य प्रदान कर दिए गए हैं तो फिर आयोग परीक्षा रद्द करने में देरी क्यों कर रहा है.
UPPSC की इंटरनल कमेटी
छात्रों की मांग को देखते हुए, आयोग ने मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति (इंटरनल कमेटी) बनाई है. वैसे तो परीक्षा के बाद से ही छात्र पेपर रद्द किए जाने की बात कह रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को आंदोलन तब तेज हुआ, जब यूपी के कुछ जिलों जैसे लखनऊ खासकर प्रयागराज में छात्र सड़क पर उतरे और आयोग का भी घेराव शुरू कर दिया.
Priyanka Gandhi on UP Paper Leak
इस बीच पुलिस भर्ती के पेपर लीक को लेकर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने लिखा ने आगे लिखा, ’50 लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा. ये प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा थी. 400 रुपए का एक फॉर्म था. 48 लाख एडमिट कॉर्ड जारी हुए. और परीक्षा के पहले पेपर लीक हो गया. क्या बीत रही होगी बच्चों पर? उनके परिवारों पर? ऐसा ही RO Exam में हुआ. पेपर लीक हो गया.’
‘यूपी के एक एक गाँव में यह चर्चा हो रही है. सरकार सो रही है। लड़के-लड़कियाँ इलाहाबाद, मेरठ से लखनऊ तक चीख-पुकार-प्रदर्शन कर रहे हैं और Re-Exam की माँग कर रहे हैं. सरकार उन्हें अपमानित कर रही है, लाठियों से पिटवा रही है. कौन कराता है ये पेपर लीक? कैसे होता है ये पेपर लीक? चाँद-मंगल पर जाने वाला हमारा देश एक फुलप्रूफ परीक्षा नहीं करा सकता? जहां एक युवा की मेहनत चोरी न हो, उसके भविष्य पर डाका न पड़े.’
प्रयागराज: छात्रों के समर्थन में उतरे अखिलेश यादव, RO/ARO Re exam का मुद्दा
कांग्रेस ने यूपी में भर्ती विधान पेश किया था जिसमें पेपर लीक और भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के प्रावधान रखे गए थे। पेपर लीक संकट को देखते हुए हमारी मांग है-
हाल में हुई दोनों पेपर लीक की घटनाओं की CBI जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
एक परीक्षा कैलेंडर जारी हो, जिसमें विज्ञापन, परीक्षा, नियुक्ति की तारीखें दर्ज हों और इसका उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाए.
भर्तियों के साथ आरक्षण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सामाजिक न्याय पर्यवेक्षक नियुक्त हों.
युवाओं का भरोसा बहाल करने के लिए सभी परीक्षाओं के फॉर्म नि:शुल्क किए जाएं.
परीक्षा देने के लिए युवाओं को फ्री बस और ट्रेन मुहैया कराई जाए.