New UPI Feature & Limit: अब दूसरे भी कर सकेंगे आपके अकाउंट से पेमेंट?
नए UPI फीचर के तहत अब अकाउंट होल्डर अपने बैंक अकाउंट से लेनदेन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को अधिकृत कर सकते हैं। इसकी जानकारी खुद RBI गवर्नर ने दी है।
UPI Limit New Feature Allows Others to Make Transactions Using Your Account | यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में कुछ दिलचस्प नए बदलाव होने जा रहे हैं। इसके तहत अब आपके यूपीआई आईडी व अकाउंट से कोई अन्य अधिकृत उपयोगकर्ता भी पेमेंट कर सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या UPI के इस नए फीचर की घोषणा की है।
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस नई सुविधा का खुलासा किया, जिसमें अब खाताधारक अपने बैंक खाते से लेनदेन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को अधिकृत कर सकते हैं।
New UPI Feature Allows Others to Make Transactions Using Your Account
इस नए फीचर के माध्यम से, प्राथमिक ग्राहक (जिनके नाम पर अकाउंट है) किसी अन्य व्यक्ति, जिसे द्वितीयक उपयोगकर्ता कहा जाएगा, को अपने बैंक अकाउंट से लेनदेन करने के लिए अधिकृत कर सकते हैं। यह विशेष रूप से परिवार के सदस्यों जैसे कि पति-पत्नी, बच्चे या बुजुर्ग माता-पिता के लिए उपयोगी होगा। द्वितीयक उपयोगकर्ता को UPI से जुड़े बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे लेनदेन करना और भी आसान हो जाएगा।
लेनदेन की सीमा में बढ़ोतरी
इसके साथ ही, RBI ने UPI के माध्यम से टैक्स भुगतान की सीमा को भी बढ़ा दिया है। पहले यह सीमा 1 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इस बदलाव से बड़ी राशि के टैक्स भुगतान को भी UPI के माध्यम से करना सरल होगा।
आगे की प्रक्रिया और समयसीमा
इस नई सुविधा के संचालन की प्रक्रिया और समयसीमा के बारे में अभी विस्तृत जानकारी का इंतजार है। RBI की ओर से आने वाले दिशानिर्देश और विवरण इस नई सुविधा के कार्यान्वयन को स्पष्ट करेंगे।
UPI के नए फीचर और टैक्स भुगतान की सीमा में वृद्धि से डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया और भी आसान और सुलभ हो जाएगी। यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो परिवार के अन्य सदस्यों की ओर से लेनदेन करना चाहते हैं। इसके अलावा, टैक्स भुगतान की सीमा बढ़ाने से बड़ी लेनदेन करने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी।
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मौद्रिक नीति में बदलाव
RBI की मौद्रिक नीति समिति ने 8 अगस्त को रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। यह लगातार नौवीं बार है जब रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस निर्णय से आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद मिलेगी।