UPSC Aadhaar Authentication: सत्यापन में होगा आधार का इस्तेमाल, सरकार ने दी मंजूरी
यूपीएससी (UPSC) की Aadhaar Authentication प्रक्रिया के तहत अब उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए “वन टाइम रजिस्ट्रेशन” (One Time Registration) पोर्टल के माध्यम से आधार प्रामाणिकरण का इस्तेमाल किया जा सकता है।
UPSC To Use Aadhaar Authentication For Candidates, Government Approves | भारत सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को आधार (Aadhaar)-आधारित प्रामाणिकरण के जरिए उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने की अनुमति दे दी है। यह कदम पंजीकरण के समय और परीक्षा तथा भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, यह प्रामाणिकरण स्वैच्छिक होगा। माना जा रहा है कि हाल में पूजा खेडकर (Puja Khedkar) विवाद को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
UPSC To Use Aadhaar Authentication For Exams
बताते चलें पूर्व ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित प्रयासों की सीमा को पार करने के बावजूद, विकलांगता और ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटे का गलत ढंग से फायदा उठाया। इसके चलते यूपीएससी ने अस्थायी उम्मीदवारी (Provisional Candidature) रद्द कर दी। फिलहाल मामला अदालत में है। लेकिन इसके बाद ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए UPSC ने Aadhaar Authentication समेत तमाम नए बदलावों का रूख किया है।
UPSC Aadhaar Authentication क्या है?
कार्मिक मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, यूपीएससी (UPSC) की Aadhaar Authentication प्रक्रिया के तहत अब उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए “वन टाइम रजिस्ट्रेशन” (One Time Registration) पोर्टल के माध्यम से आधार प्रामाणिकरण का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह प्रक्रिया परीक्षा और भर्ती के विभिन्न चरणों में लागू होगी।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को आधार अधिनियम, 2016 (Aadhaar Act, 2016) और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।
तकनीकी उपायों का विस्तार
हालिया मामले को देखते हुए UPSC ने धोखाधड़ी और पहचान में हेराफेरी से निपटने के लिए चेहरे की पहचान (Facial Recognition) और AI-आधारित सीसीटीवी (CCTV) निगरानी जैसे तरीकों को भी अपनाने पर विचार शुरू किया है। इसके अलावा आयोग ने आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रामाणिकरण, डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग, चेहरे की पहचान, ई-एडमिट कार्ड के क्यूआर कोड (QR Code) स्कैनिंग, और लाइव AI-आधारित सीसीटीवी निगरानी जैसी तकनीकी समाधान प्राप्त करने के लिए एक निविदा (Tender) जारी की है।
तकनीकी उपाय | विवरण |
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चेहरे की पहचान (Facial Recognition) | परीक्षा में धोखाधड़ी और पहचान में हेराफेरी से निपटने के लिए चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग किया जाएगा। |
AI-आधारित सीसीटीवी निगरानी | परीक्षा केंद्रों में AI-आधारित लाइव सीसीटीवी निगरानी स्थापित की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके। |
आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रामाणिकरण | उम्मीदवारों की पहचान को और अधिक सटीक बनाने के लिए आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रामाणिकरण का उपयोग किया जाएगा। |
डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग | परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के फिंगरप्रिंट्स को डिजिटल रूप से कैप्चर किया जाएगा ताकि उनकी पहचान की पुष्टि हो सके। |
क्यूआर कोड स्कैनिंग | ई-एडमिट कार्ड पर मौजूद क्यूआर कोड की स्कैनिंग के माध्यम से उम्मीदवारों की जानकारी को वेरिफाई किया जाएगा। |
निविदा (Tender) जारी | उपरोक्त तकनीकी उपायों के लिए यूपीएससी ने तकनीकी समाधान प्राप्त करने हेतु निविदा जारी की है। |
UPSC द्वारा आयोजित परीक्षाएं
यूपीएससी हर साल मुख्यतः 14 प्रमुख परीक्षाओं का आयोजन करता है, जिसमें सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है, जिसके माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है। इन परीक्षाओं में हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं।
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पूजा खेडकर विवाद पर अपडेट
यूपीएससी ने पूजा खेडकर पर अतिरिक्त प्रयास हासिल करने के लिए अपनी पहचान में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ फर्जीवाड़ा (Forgery) का मामला दर्ज किया गया है। खेडकर ने अपने अयोग्य घोषित किए जाने को चुनौती दी है और सभी आरोपों का खंडन किया है। इस मामले में खेडकर को 29 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दान की गई है, जब उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई करेगा।