Tata Power: कर्मचारियों पर लैपटॉप खरीदने का दबाव? Reddit यूज़र का आरोप
टाटा पावर कंपनी के एक कर्मचारी ने Reddit पर आरोप लगाया है कि कथित रूप से कंपनी उसे जबरन ₹65,000 में लैपटॉप खरीदने के लिए मजबूर कर रही है।
Tata Power Employees Forced To Buy Company Laptop? | टाटा पावर कंपनी के एक कथित कर्मचारी ने Reddit पर आरोप लगाया है कि कंपनी उसे जबरन लैपटॉप खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। इस पोस्ट के अनुसार, कर्मचारी को कंपनी द्वारा जारी किया गया लैपटॉप छोड़ने से पहले ₹65,000 में खरीदने के लिए कहा जा रहा है। यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, और कई Reddit उपयोगकर्ताओं ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।
Reddit पर ‘Melodic-Trainer8508’ नाम के एक उपयोगकर्ता ने गुमनाम रूप से पोस्ट किया कि वह पिछले 1.2 साल से टाटा पावर में काम कर रहा है। जब वह इस कंपनी में शामिल हुआ था, तब उसे कंपनी द्वारा जारी लैपटॉप खरीदने की कोई शर्त नहीं बताई गई थी। 5-6 महीने पहले कंपनी ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें लैपटॉप खरीदने के लिए शर्तें बताई गईं।
Tata Power Laptop Controversy
पोस्ट में कर्मचारी ने लिखा, “मैं आप सभी से सुझाव चाहता हूं कि इस स्थिति से निपटने के लिए मुझे क्या कानूनी उपाय अपनाने चाहिए। जब मैंने इस संगठन में शामिल हुआ था, तो उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं बताया था। अब वे हर किसी को लैपटॉप खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अगर कोई इनकार करता है, तो उसे अनुभव प्रमाण पत्र (Experience Letter) भी नहीं दिया जा रहा है।”
Company Forcing me to buy the laptop before leaving at 65k (Tata Power)
byu/Melodic-Trainer8508 inLegalAdviceIndia
Reddit उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर Reddit पर कई उपयोगकर्ताओं ने अपनी राय दी है, जो कुछ निम्न प्रकार है;
- classic_performer346, जो खुद को वकील बताते हैं, ने कहा, “कोई भी कंपनी आपको आधिकारिक लैपटॉप खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकती। यह सुनने में अजीब और अविश्वसनीय लगता है, खासकर टाटा जैसी कंपनी के लिए। आपको HR को कड़ा ईमेल भेजना चाहिए।”
- BeDumbLiveSimple ने टिप्पणी की, “यह शायद किसी बिचौलिए का खेल हो सकता है जो कमीशन कमा रहा हो। वे आपको 65k बताते हैं, लेकिन कंपनी के रिकॉर्ड में शायद यह 30k है। आप कंपनी के उच्च प्रबंधन को गुमनाम मेल लिखने का प्रयास करें।”
- Kingphysics427 ने सवाल उठाया कि क्या यह कर्मचारी सीधे टाटा पावर में भर्ती हुआ है या किसी कंसल्टेंसी के जरिए काम कर रहा है। उन्होंने लिखा, “मैंने टाटा ग्रुप के साथ काफी काम किया है और मैंने कभी भी ऐसी नीति का सामना नहीं किया। यह टाटा के नियमों में नहीं है।”
कानूनी सलाह की आवश्यकता
वैसे अब ये पोस्ट ख़बरों में है और फिलहाल इस पर कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक सफाई या बयान जारी नहीं किया गया है, न ही ऐसी किसी पॉलिसी की सत्यता की पुष्टि हो सकी है। लेकिन अभी के लिए सोशल मीडिया पर इस मामले ने टाटा पावर जैसी प्रतिष्ठित कंपनी की पारदर्शिता और कर्मचारियों के प्रति निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्पष्ट है कि ऐसे मामलों में कर्मचारियों को कंपनी की आचार संहिता और सरकारी श्रम कानूनों की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।
इस विवादास्पद लैपटॉप खरीदने के मुद्दे ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया है। कई यूजर्स ने कहा कि कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी कंपनी के लिए ठीक नहीं है, खासकर टाटा जैसी कंपनी के लिए, जो अपनी नैतिकता और पारदर्शिता के लिए जानी जाती है। कर्मचारियों को चाहिए कि वे अपने अधिकारों के लिए खड़े हों और यदि आवश्यक हो तो कानूनी सहायता प्राप्त करें।