EY के पुणे ऑफिस के पास 2007 से नहीं है ‘Work Hours’ परमिट – रिपोर्ट
Ernst & Young (EY India) के पुणे ऑफिस को लेकर एक चौंकानें वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसके मुताबिक साल 2007 से ऑफिस का संचालन बिना वैध वर्क आवर राज्य परमिट के किया जा रहा था। 26 वर्षीय सीए एना सेबेस्टियन पेरायिल की दुखद मौत के बाद अब कंपनी पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
EY Pune Office Do Not Have Work Hours Permit Since 2007? | अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया (EY India) की 26 वर्षीय सीए एना सेबेस्टियन पेरायिल की दुखद मृत्यु के बाद कंपनी की गतिविधियों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि EY का पुणे ऑफिस बिना वैध वर्क आवर राज्य परमिट के संचालन कर रहा है। इस परमिट के तहत काम के घंटे निर्धारित किए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्यालय साल 2007 से बिना परमिट के काम कर रहा है। इस मामले ने कंपनी की कार्यप्रणाली और कर्मचारियों के कल्याण पर सवाल खड़ा कर दिया है।
एना सेबेस्टियन पेरायिल की मृत्यु इस साल जुलाई में हुई, जिससे यह मामला और भी गंभीर बन गया है। वर्क आवर परमिट (Work Hours Permit) न होने की बात सरकारी अधिकारियों के हवाले से रायटर्स की हालिया रिपोर्ट में सामने आई है। इसके पहले एना की मां, अनीता ने EY India इंडिया के अध्यक्ष राजीव मेमानी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत के लिए “ऑफिस संबंधित अत्यधिक काम के तनाव” को जिम्मेदार ठहराया।
EY Pune ऑफ़िस के पास Work Hours Permit नहीं?
एना की मां के पत्र के चलते सोशल मीडिया पर यह एक बड़ा मुद्दा भी बना और इस मामले में व्यापक चर्चा भी शुरू हुई। एना के परिवार का आरोप है कि कंपनी ने उन्हें अत्यधिक काम दिया, जिसके कारण वह मानसिक और शारीरिक रूप से थक गई थीं।
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इस बीच मामले के तूल पकड़ने के बाद महाराष्ट्र के अतिरिक्त श्रम आयुक्त के नेतृत्व में एक टीम ने कथित रूप से EY India के पुणे कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान पाया गया कि कंपनी ने राज्य सरकार के शॉप्स एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत अनिवार्य पंजीकरण नहीं कराया है। यह कानून वयस्कों के लिए कार्य के अधिकतम घंटे प्रतिदिन 9 और प्रति सप्ताह 48 निर्धारित करता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बताया गया कि कंपनी ने फरवरी 2024 में श्रम विभाग में पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया क्योंकि उन्होंने 2007 से कोई आवेदन नहीं किया था। अधिकारियों ने कंपनी को इस लापरवाही के लिए स्पष्टीकरण देने के लिए 7 दिन का समय दिया है।
EY Pune: Work Hours Permit न होने के परिमाण
यह भी जानकारी सामने आ रही है कि तय नियमों (EY Pune Work Hours Permit Controversy) के उल्लंघन के चलते किसी कर्मचारी की मौत या गंभीर चोट के मामले में कंपनी पर ₹500,000 तक का जुर्माना या छह महीने की जेल भी हो सकती है। यह कानून कंपनियों को कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी देता है।
EY India ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, कंपनी ने पहले कहा था कि वह “सभी कर्मचारियों की भलाई को सर्वोच्च महत्व देती है”। एना पेरायिल के मामले ने न केवल EY के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर आज के समय माहौल चिंताजनक है।
बताया जा रहा है कि निरीक्षण के लिए आई टीम द्वारा EY से कर्मचारी के काम के घंटों का लॉग बुक, वेलफेयर पॉलिसी संबंधित जानकारियाँ भी मांगी गई हैं। इतना ही नहीं बल्कि यह जानने के लिए भी विवरण मांगा है कि क्या वाकई एना को अपने चार महीने के कार्यकाल के दौरान अत्यधिक काम करने के लिए कहा गया था?
EY India और इसका कर्मचारी आधार
EY ने भारत में लगभग 100,000 कर्मचारियों के साथ काम करने की पुष्टि की है। ऐसे में यह जरूरी है कि कंपनी अपने कर्मचारियों के वेलफेयर और वर्क-लाइफ बैलेंस पर भी ध्यान दे।