बड़े होने के बाद क्यों त्योहारों को कम एंजॉय करने लगते हैं लोग?
जानिए बड़े होने के बाद क्यों त्योहारों को कम एंजॉय करने लगते हैं लोग? और चाय पीने का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Why Festivals Feel Less Exciting As We Grow Up: मनोचिकित्सक देवाशीष पालकर ने इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, त्योहारों का मज़ा/आनंद कम क्यों होने लगता है? इसके पीछे उन्होंने कुछ मनोवैज्ञानिक कारण दिए हैं। उन्होंने ‘नॉस्टेल्जिया इफेक्ट’ से लेकर ‘बेफिक्री की कमी’ और ‘हेडोनिक एडेप्टेशन’ जैसी चीजों का जिक्र किया। आइए इनके बारे में विस्तार से समझते हैं।
Why Festivals Feel Less Exciting As We Grow Up?
देवाशीष ने बताया जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, तो कुछ मनोवैज्ञानिक प्रवृत्ति के चलते हम उन्हीं त्योहारों को कम एंजॉय करने लगते हैं, जिनके लिए बचपन में हम मानों दीवाने से रहते थे। इसको लेकर निम्नलिखित कारण बताए गए;
नॉस्टेल्जिया इफेक्ट – बचपन की मीठी यादें हमें अधिक सजीव और आनंदित लगती हैं। समय के साथ ये यादें संजोई जाती हैं और उनकी तुलना में वर्तमान के अनुभव फीके लगने लगते हैं।
बेफिक्री की कमी – बच्चे कल की चिंता किए बिना पूरी तरह से मौज-मस्ती में डूब जाते हैं। लेकिन बड़े होने पर जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं और हम बेफिक्र होकर उत्सव का आनंद नहीं ले पाते।
हेडोनिक एडेप्टेशन – बड़े होने पर खुशी का अनुभव अक्सर अल्पकालिक हो जाता है। जो चीज़ें एक समय में उत्साहजनक लगती थीं, समय के साथ उनके प्रति हमारी संवेदनशीलता कम हो जाती है।
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Why do we experience less joy during festivals as adults? Here’s me telling 5 reasons why!
Happy Diwali. Please watch this and share. 😊🙏 pic.twitter.com/l2tQ8khDIV— Dr. Devashish Palkar (@psychidiaries) October 30, 2024
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डॉक्टर रवि गुप्ता ने चाय पीने के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का परीक्षण किया है। उन्होंने ग्लूकोज़ स्तर की जांच के लिए एक उपकरण का उपयोग करते हुए बताया, “चाय पीने से पहले रेटिंग 88 थी, लेकिन चाय पीने के डेढ़ घंटे बाद यह बढ़कर 130 हो गई।” इस अध्ययन के जरिए उन्होंने लोगों को चाय की आदतों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी।