दिल्ली कोचिंग हादसा: विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा ने तोड़ी चुप्पी
दिल्ली कोचिंग हादसे को लेकर Drishti IAS के विकास दिव्यकीर्ति सर और अवध ओझा सर के पहले बयान सामने आ गए हैं। आप भी देखिए, दोनों ने क्या कहा है?
Vikas Divyakirti, Avadh Ojha Sir Reaction To Delhi Coaching Centre Incident | बीते शनिवार राजधानी दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में हादसे के बाद अब पहली बार Drishti IAS के विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा सर का बयान सामने आया है। आपको बता दें, हादसे के बाद मुखर्जी नगर में प्रशासन ने बेसमेंट में चलने वाली तीन क्लास को सील कर दिया है, जिसमें दृष्टि IAS का भी एक सेंटर शामिल रहा।
हादसे के बाद से ही लगातार छात्र दोनों ही लोकप्रिय शिक्षकों की चुप्पी को लेकर सवाल उठा रहे थे। सोशल मीडिया पर लगातार स्टूडेंट्स द्वारा Drishti IAS के प्रमुख विकास सर और अपनी बेबाक़ राय के लिए मशहूर अवध ओझा सर से उनकी खामोशी की वजह पूछ रहे थे। लेकिन अब दोनों ही शिक्षकों ने हादसे को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है।
Vikas Divyakirti का Coaching Incident पर First Reaction
दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर चलाने वाले लोकप्रिय शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति ने ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल में हुए हादसे को लेकर दुख व्यक्त किया और साथ ही देरी के लिए खेद भी व्यक्त किया। दृष्टि आईएएस की ओर से साझा की गई प्रेस विज्ञप्ति में निम्नलिखित बातें लिखी गई:
शनिवार (27 जुलाई) को राजिंदर नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान की बेसमेंट में हुई त्रासद घटना तथा उसके बाद बनी परिस्थितियों पर टीम दृष्टि का पक्ष निम्नलिखित है:
देर के लिए माफी
1) हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। वस्तुतः हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें। इस देरी के लिये हम हृदय से क्षमाप्रार्थी हैं।
2) शनिवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें 3 विद्यार्थियों श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय व दर्दनाक मृत्यु हुई, पर हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम तीनों बच्चों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवारजनों को यह अपूरणीय क्षति झेलने का हौसला प्रदान करें।
3) इन बच्चों के परिवारों से हमारा प्रत्यक्ष परिचय नहीं है किंतु दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह उनके साथ हैं। यदि हम किसी भी तरह उनके लिये कुछ कर सकेंगे तो कृतज्ञता महसूस करेंगे।
4) इस दुर्घटना को लेकर विद्यार्थियों में जो रोष दिख रहा है, वह पूरी तरह न्यायसंगत है। बहुत अच्छा होगा यदि इस रोष को सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिये निश्चित दिशानिर्देश लागू करे। इस संबंध में हम सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने को तत्पर हैं।
कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध
5) कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं। इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं। डीडीए, एमसीडी तथा दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। इसी तरह, ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’, ‘नैश्नल बिल्डिंग कोड’, ‘दिल्ली फायर रूल्स’ और ‘यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़’ के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है। ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’ को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं दिये गए हैं। आशा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा।
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6) हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है। वर्तमान में हमारी मैनेजमेंट में ‘फायर एन्ड सेफ्टी ऑफिसर’ का विशेष पद है जिस पर कार्यरत अधिकारी नैशनल फायर सर्विस कॉलेज (नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 वर्षों तक यही कार्य कर चुके हैं। वे प्रत्येक भवन का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक भवन के लिये एक-एक अधिकारी की ज़िम्मेदारी होती है कि वह रोज़ सुरक्षा के 16 बिंदुओं को चेक करे और इसकी सूचना ‘बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप’ पर अपडेट करे। हमारे क्लासरूम जिन भी भवनों में हैं, उनमें आने-जाने के लिये कम से कम दो रास्ते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें।
MCD की कार्यवाई का स्वागत
7) दिल्ली नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई व्यापक कार्रवाई स्वागतयोग्य है।
8) इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिये नियत करे। अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की।
9) इस विषय की जटिलताओं को स्पष्ट करने के लिये हम जल्दी ही एक विस्तृत विश्लेषण (लेख या वीडियो) जारी करेंगे ताकि सभी विद्यार्थियों व अन्य हितधारकों को भी सभी पक्षों का अनुमान हो सके। हमें विश्वास है कि जब सारे पक्ष सामने होंगे, तब समाधान की सही राह निकलेगी।
10) एक बार फिर, यदि जाने-अनजाने में हमारी टीम से कोई चूक हुई है तो हम उसके लिये पुनः खेद व्यक्त करते हैं। अब हम विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर और ज़्यादा सतर्क रहने का भरोसा दिलाते हैं।
हार्दिक आभार,
विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti Sir First Reaction)
Coaching हादसे पर Avadh Ojha का First Reaction
राव आईएएस स्टडी सर्कल में 3 विद्यार्थियों की मौत पर अवध ओझा सर का भी बयान आ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा कानून बनाए जिसमें किसी संस्थान में मालिक की लापरवाही से मौत होने पर उसकी संपत्ति ज़ब्त हो और उम्रकैद की सज़ा मिले। बकौल ओझा सर, सरकार कानून बनाए कि कोचिंग क्लास में 100 से अधिक बच्चे ना बैठें।
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