Sheikh Hasina Resigns: बांग्लादेश की PM का इस्तीफा; सेना ने बनाई सरकार
बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंसा व विरोध के बीचे प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा (PM Sheikh Hasina Resigns) देने की खबर। वह कथित रूप से हेलीकॉप्टर के जरिए भारत के लिए रवाना हो गई हैं। जानिए बांग्लादेश के हालातों में सेना (Army) की प्रतिक्रिया क्या है?
Bangladesh PM Sheikh Hasina Resigns? | पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में उथल-पुथल मची हुई है। देश में लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रधानमंत्री शेख हसीना की इस्तीफे की मांग की जा रही है। मौजूदा हालात में एक बड़ी अपडेट यह सामने आ रही है कि विरोध प्रदर्शन और सेना के रूख को देखते हुए अब खबरों के मुताबिक, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इतना ही नहीं बल्कि यह भी बताया जा रहा है कि उन्होंने बांग्लादेश का पीएम पद छोड़ने के साथ ही देश छोड़ने का भी फैसला किया है और रूप से ढाका से भारत के लिए हेलीकॉप्टर के माध्यम से रवाना हो चुकी हैं। जी हाँ! समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, हसीना एक सैन्य हेलीकॉप्टर में सवार होकर आज दोपहर लगभग 2:30 बजे के करीब अपनी बहन, शेख रेहाना के साथ ढाका से छोड़ते हुए, एक सुरक्षित स्थान के लिए निकल गई हैं। कथित रूप से उन्हें बांग्लादेश के आधिकारिक प्रधानमंत्री आवास – गणभवन (Ganabhaban) से निकलते देखा गया। यह कदम उन्होंने बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के बीच उठाया गया है।
Sheikh Hasina Resigns: हिंसात्मक प्रदर्शन और सरकार पर आरोप
पिछले महीने, सरकारी नौकरी में आरक्षित कोटा को लेकर छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग घायल हो गए थे। ‘Students Against Discrimination’ नामक छात्र समूह इस विरोध का नेतृत्व कर रहा था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को अधिकांश कोटे को समाप्त कर दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारी अब भी हसीना से सार्वजनिक माफी, इंटरनेट बहाली, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के पुनः खोलने और गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
बांग्लादेश में ताजा हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ढाका में अपना सरकारी आवास छोड़ कर किसी अज्ञात स्थान के लिए निकल चुकी हैं।
उनकी इस्तीफे की भी खबरें हैं!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ढाका प्रधानमंत्री के आवास पर भीड़ ने कब्जा कर लिया है।#SheikhHasina pic.twitter.com/mHeYRuMrSf
— Ankit Kumar Avasthi (@kaankit) August 5, 2024
प्रधानमंत्री हसीना का इस्तीफा और सेना की चेतावनी
बीते सप्ताह के अंत में प्रदर्शनकारियों ने हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर व्यापक आंदोलन शुरू किया। बताया जा रहा है कि हाल में बांग्लादेश सेना ने प्रधानमंत्री हसीना को 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया था। ऐसा लग रहा है कि मानों विरोध प्रदर्शन अब प्रधानमंत्री के पद से हटाने के अभियान में बदल चुके हैं, क्योंकि प्रदर्शनकारी जुलाई में हुए हिंसा के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
Bangladesh की Army ने बनाई Interim Government
बताया जा रहा है कि शेख हसीना के इस्तीफ़े के बाद अब बांग्लादेश में सेना ने अंतरिम सरकार के गठन का निर्णय लिया है। इस बात की जानकारी खुद बांग्लादेश के सेना प्रमुख (Bangladesh’s Army Chief), Waker-Uz-Zaman ने सार्वजनिक रूप से घोषणा करके दी है।
सरकार की प्रतिक्रिया (Sheikh Hasina Resigns?)
हसीना की सरकार ने शुरू में छात्रों की हिंसा में संलिप्तता से इनकार किया और इस पर जिम्मेदारी जमात-ए-इस्लामी और मुख्य विपक्षी पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) पर डाली। हालांकि, हिंसा के बढ़ने के बाद हसीना ने आरोप लगाया कि हिंसा को अंजाम देने वाले छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी हैं जो राष्ट्र को अस्थिर करना चाहते हैं।
छात्र समूह ने हसीना के साथ वार्ता की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है। वे बांग्लादेश की सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी के लिए कोटा प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसके खिलाफ उन्होंने विरोध किया था।
बेरोज़गारी और आर्थिक समस्याएँ
बांग्लादेश में बेरोज़गारी और खराब आर्थिक स्थिति भी वर्तमान संकट में योगदान दे रही है। निजी क्षेत्र में नौकरियों की कमी के कारण सरकारी नौकरियों की ओर युवाओं का आकर्षण बढ़ गया है। देश की अर्थव्यवस्था, जो पहले दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी, अब ठहर गई है। मुद्रास्फीति 10% के आसपास है और विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति न केवल राजनीतिक संकट को उजागर करती है बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों को भी सामने लाती है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग और हिंसात्मक प्रदर्शनों ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नई उथल-पुथल पैदा की है। यह स्थिति आने वाले दिनों में बांग्लादेश की राजनीतिक और सामाजिक दिशा को प्रभावित कर सकती।
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