ट्रैफिक में UPSC की तैयारी, Zomato राइडर का वायरल वीडियो, पढ़ाई का मोटिवेशन
एक Zomato डिलीवरी पार्टनर के ट्रैफिक में UPSC के लेक्चर सुनने का वीडियो वायरल हो रहा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि ‘अभाव में ही स्वभाव का निर्माण’ होता है।
मोटिवेशन: अगर आप भी यूपीएससी (UPSC) या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो यह वीडियो आपके लिए ही है। आपको भी कई बार तैयारी के दौरान यह ख्याल आता होगा कि ‘काश! मेरे पास भी ये..वो होता तो अच्छे से पढ़ सकते!’ लेकिन जैसा अक्सर कहते ‘अभाव में ही स्वभाव का निर्माण‘ होता है। कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किए Zomato के एक डिलीवरी पार्टनर ने, जिन्हें ट्रैफिक में फंसे होने के दौरान ध्यान से UPSC के लेक्चर सुनते देखा गया। यह वीडियो वायरल (Zomato guy UPSC Prep) हो गया है।
सोशल मीडिया पर यूपीएससी टीचर आयुष सांघी (Ayussh Sanghi) ने ये वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में Zomato राइडर अपनी नौकरी को निभाने के साथ ही साथ प्रतिबद्धता के साथ पढ़ाई करता दिखाई दिया। शायद ही आपको आत्मनिर्णय का इससे बेहतर उदाहरण देखनें को मिले।
UPSC Prep In Traffic, Zomato Guy Viral Motivational Video – WATCH
After Watching this video, I Don't Think you Have any Other Motivation to Study Hard#UPSC #Motivation pic.twitter.com/BPykMKBsua
— Ayussh Sanghi (@ayusshsanghi) March 29, 2024
ट्रैफिक में तमाम शोर-शराबें के बीच भी डिलीवरी मैन पूरे ध्यान से UPSC क्लास को सुनता दिखाई दिया। फोन उनकी बाइक पर लगा हुआ था। इस वीडियो को शेयर करते हुए, आयुष ने भी लिखा, ‘इस वीडियो को देखने के बाद, मुझे नहीं लगता कि आपको मेहनत से पढ़ाई करने के लिए कोई और मोटिवेशन चाहिए।’
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पर सोशल मीडिया में इसकों लेकर दो मत सुनने को मिले। कुछ ने इस वीडियो को छात्रों के लिए ‘प्रेरणा’ के एक अहम स्रोत के तौर पर देखा। तमाम लोगों ने ‘सपने, मजबूरी और समय की तंगी’ जैसे शब्दों के साथ इसे अमूल्य परिश्रम करार दिया।
लेकिन दूसरी ओर कुछ उपयोगकर्ता ने एक अलग राय भी व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा कि ‘गाड़ी चलाते समय ध्यान भटकना जोखिम भरा हो सकता है। यह मोटिवेशन का गलत स्रोत है। इससे दुर्घटना भी हो सकती है।’
बहरहाल! डिलीवरी मैन का ऐसी कठिन परिस्थिति में भी अपनी पढ़ाई, करियर और सपनें को लेकर प्रतिबंध होना कहीं न कहीं लोगों को प्रभावित जरूर कर गया। वह भी एक ऐसे समय में जब हममें से अधिकतर लोग किसी न किसी काम को ‘समय की कमी’ के तर्क के साथ टालने की कोशिश में लगे रहते हैं।