‘UPSC समय की बर्बादी है, बड़ा हिस्सा नीरस और उबाऊ’, सरकार के सलाहकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने UPSC को बताया समय कि बर्बादी, क्या है सच?
करियर: यूपीएससी समय की बर्बादी है (UPSC Is A Waste Of Time), नौकरशाही का बड़ा हिस्सा नीरस और उबाऊ है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। यह कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल (Sanjeev Sanyal) का। यह बात उन्होंने सिद्धार्थ अहलूवालिया के ‘द नियॉन शो’ पॉडकास्ट पर कही।
इस पॉडकास्ट के दौरान संजीव सान्याल ने यूपीएससी परीक्षा के क्रेज और युवाओं की आकांक्षाओं पर अपनी राय साझा की। चर्चा यह भी हुई कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की कठिन परीक्षा की तैयारी करना प्रयास के लायक है या नहीं?
‘UPSC is a waste of time’ – Sanjeev Sanyal
संजीव सान्याल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बहुत से युवा, जिनके पास ऊर्जा है, वे UPSC को क्रैक करने की कोशिश में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। मैं ये नहीं कह रहा कि हम नहीं चाहते की लोग परीक्षा न दें। हर देश को नौकरशाही की जरूरत होती है। यह बिल्कुल ठीक है। लेकिन मुझे लगता है कि लाखों लोग एक परीक्षा पास करने की कोशिश में अपने बेहतरीन साल बिता देते हैं, जहां कुछ हजार लोग ही सिलेक्ट होने वाले हैं, इसका कोई मतलब नहीं है।’
सान्याल के मुताबिक अगर वह तमाम युवा वही ऊर्जा कुछ और करने में लगाते हैं, तो हम अधिक ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतेंगे, बेहतर फिल्में, बेहतर डॉक्टर बना सकेंगे, अधिक उद्यमी, अधिक वैज्ञानिक आदि देखेंगे। उन्होंने आगे कहा;
“मैं कहूंगा कि यह [UPSC] समय की बर्बादी है। और मैं हमेशा लोगों को हतोत्साहित करता हूं जब तक कि वे असल में प्रशासक नहीं बनना चाहते, उन्हें यूपीएससी परीक्षा नहीं देनी चाहिए। उनमें से कई लोग इससे गुज़रने के बाद अपने करियर के दौरान निराश हो जाते हैं। अंततः, नौकरशाही में जीवन हर किसी के लिए नहीं है। और इसका बड़ा हिस्सा काफी हद तक नीरस और उबाऊ है और फाइलों को ऊपर-नीचे करने से जुड़ा है। जब तक आप वास्तव में इसे करना नहीं चाहते, आप इससे विशेष रूप से खुश नहीं होंगे।”
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