प्रयागराज: छात्रों की माँग, ‘UPPSC करे RO ARO री-एग्जाम का ऐलान’
RO ARO ReExam की मांग तेज हो गई है और UPPSC से छात्र पूछ रहे हैं कि री-एग्जाम के ऐलान में देरी क्यों?
यूपी में आज फिर छात्रों ने आरओ एआरओ री-एग्जाम की मांग तेज कर दी. अभ्यर्थियों ने अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. तमाम लोगों ने #uppsc_announce_ROARO_reexam से लेकर कई ट्रेंड के बीच आयोग से आरओ एआरओ 2023 प्री परीक्षा रद्द करने की मांग की. इसको लेकर प्रयागराज में भी छात्रों ने धरना (UPPSC Announces RO ARO Re Exam) दिया.
इससे पहले भी भारी संख्या में अभ्यर्थी प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का घेराव कर चुके हैं. समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में छात्र लगातार पेपर लीक होने और इसके सबूत पेश करने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स का सवाल है कि “जब तमाम सबूत आयोग को उपलब्ध करवा दिए गए हैं तो फिर यूपीपीएससी की ओर से परीक्षा रद्द करते हुए, पुनः री-एग्जाम का ऐलान करने में देरी क्यों की जा रही है?”
UPPSC Announces RO ARO Re Exam?
आज सोशल मीडिया पर भी तमाम छात्रों ने #uppsc_announce_ROARO_reexam से लेकर #Cancel_ROARO_Exam और #We_Want_Reexam_Reexam के साथ अपनी इस मांग को उठाने की कोशिश की.
Today is almost 19th day of agitation of RO/ARO candidates in Prayagraj.
The evidence had come to light on February 11 itself, but the authorities are still not taking any decision.
Why??? @UPGovt #uppsc_announce_ROARO_reexam #ReExam_RO_ARO @Nehaa_1#We_Want_Reexam_Reexam pic.twitter.com/6c2bAm9lZ6— Neha Sharma (@Nehaa_1) March 2, 2024
UP RO ARO 2023 में अब तक की अपडेट
देश में 11 फरवरी को आरओ एआरओ प्री परीक्षा करवाई गई. प्रदेश के 58 जिलों में हुई इस परीक्षा के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया और इनमें से 64 प्रतिशत ने परीक्षा दी. परीक्षा के तुरंत बाद ही छात्र ने पेपर लीक के आरोप लगाए और कथित रूप से कई साक्ष्य भी प्रस्तुत किए.
छात्रों का कहना है कि यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है. आरोप हैं परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटों पहले ही आन्सर-की बहुत लोगों के मोबाइल में आ गई थी. ऐसे में प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर सबूत/साक्ष्य प्रदान कर दिए गए हैं तो फिर आयोग परीक्षा रद्द करने में देरी क्यों कर रहा है.
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UPPSC की इंटरनल कमेटी
छात्रों की मांग को देखते हुए, आयोग ने मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति (इंटरनल कमेटी) बनाई है. वैसे तो परीक्षा के बाद से ही छात्र पेपर रद्द किए जाने की बात कह रहे हैं, लेकिन आंदोलन तब तेज हुआ, जब यूपी के कुछ जिलों जैसे लखनऊ खासकर प्रयागराज में छात्र सड़क पर उतरे और आयोग का भी घेराव शुरू कर दिया.