UPI के लिए थर्ड पार्टी पर स्विच होगा Paytm, आई खबर, क्या होगा असर?
यूपीआई सर्विस को चालू रखने के लिए पेटीएम ऐप को थर्ड पार्टी पर शिफ्ट किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स में ये खबर है.
आरबीआई के प्रतिबंधों की वजह से पेटीएम रोजाना सुर्खियों में है. कभी पेटीएम यूपीआई को लेकर कोई खबर आती है तो कभी पेटीएम पेमेंट्स बैंक को लेकर. ताजा अपडेट ये है कि पेटीएम ऐप पर यूपीआई व अन्य सेवाओं को थर्ड पार्टी पर शिफ्ट (Paytm To Switch on Third Party App For UPI Payments?) किया जा सकता है.
Paytm To Switch on Third Party App For UPI Payments?
जहां तक प्रश्न पेटीएम यूपीआई का है तो इकोनॉमिक टाइम्स की एक अन्य रिपोर्ट की मानें तो इस संबंध में बड़ा फैसला हो सकता है. यूपीआई सर्विस को चालू रखने के लिए पेटीएम ऐप को थर्ड पार्टी पर शिफ्ट किया जा सकता है. कहा गया है कि यूजर्स को यूपीआई सर्विस मिलती रहे इस कारण वन97 कम्युनिकेशंस ने ये योजना बनाई है.
पेटीएम इस संबंध में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ बातचीत की तैयारी में है. भारत में यूपीआई के संचालन का दायित्व एनपीसीआई के हाथों में ही है.
☛ पेटीएम 1 मार्च 2024 से ग्राहकों के लिए 3 या अधिक बैंकों के वीपीए जारी कर सकता है.
☛ पेटीएम यूजर के लिए सर्विस बैकएंड में वीपीए बदलने के साथ यूपीआई सेवा जारी रह सकती है.
आरबीआई की पाबंदियों के बाद पेटीएम अपने ही पेमेंट्स बैंक से तोड़ रहा नाता? दूसरे बैंकों का रुख
अब तक यही अटकलें हैं कि 1 मार्च से पेटीएम पेमेंट्स बैंक सर्विस बंद हो सकती है. इसके बाद पेटीएम भी दूसरे लेंडर्स के जरिये यूपीआई को इंटीग्रेटिड करने वाला थर्ड पार्टी ऐप बनकर रह जाएगा, जैसे फोन पे, गूगल पे आदि.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक से हट जाता ‘पेटीएम’ शब्द?
इसके अलावा कंपनी संस्थापक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अंशकालिक चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम बैंक के बोर्ड से इस्तीफा देने पर भी विचार किया था. पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नाम से ‘पेटीएम’ शब्द हटाने पर भी विचार किया गया था. यह सभी सामने आया है इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा प्रकाशित खबर में.
हालांकि रिपोर्ट में हुए खुलासों में कहा गया कि इन विचार को अमल में नहीं लाया गया. यह विचार, फिलहाल सिर्फ विचार तक ही सीमित हैं. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इसको लेकर कंपनी में पिछले साल के अंत के दौरान चर्चा हुई थी. ये तब हुआ था भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कथित रूप से अनुपालन संबंधी कुछ प्रश्नों पर प्रकाश डालने को कहा था.
इन विचारों या कथित योजनाओं की पुष्टि आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है. इस पर कंपनी या किसी अधिकृत अधिकारी की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई थी.