Swaayatt Robots: भोपाल के इस स्टार्टअप का कमाल, Bolero को ‘ड्राइवरलेस कार’ में बदला
स्वायत्त रोबोट्स की ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक के कमाल से बिना ड्राइवर के ही सड़कों पर बखूबी दौड़ी Mahindra Bolero.
मध्य प्रदेश के भोपाल आधारित स्टार्टअप Swaayatt Robots ने एक नया कीर्तिमान अपने नाम किया है. स्वायत्त रोबोट्स (Swaayatt Robots) ने स्थानीय सड़कों पर ड्राइवरलेस/सेल्फ-ड्राइविंग वाहन (Autonomous Vehicles) का सफल प्रदर्शन (डेमो) किया है. मेड-इन-इंडिया टेक्नोलॉजी का यह परीक्षण रियल ट्रैफिक के बीच किया गया.
कंपनी ने इसका पूरा वीडियो भी शेयर किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि Swaayatt Robots ने अपनी बनाई तकनीक की मदद से एक Mahindra Bolero कार को ड्राइवरलेस वाहन में बदल दिया. गौरतलब है कि कंपनी ने देश के अर्ध-शहरी इलाकों की तर्ज पर तंग सड़कों और अच्छे-ख़ासे वास्तविक ट्रैफिक के बीच इस सफल प्रदर्शन को अंजाम दिया.
Swaayatt Robots की Driverless Mahindra Bolero का वीडियो वायरल
इस डेमो के दौरान जब ये ड्राइवरलेस या ऑटोनॉमस Bolero कार तंग और व्यस्त सड़कों से भी आसानी से गुजरती दिखाई पड़ती है तो इसके पीछे स्वायत्त रोबोट्स की एडवांस ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक और इसकी विश्वसनीयता की झलक साफ दिखती है.
स्वायत्त रोबोट्स के संस्थापक और सीईओ संजीव शर्मा ने साझा किया कि यह डेमो भोपाल स्थित कंकाली काली माता मंदिर के निकट किया गया. कंपनी पहले भी कुछ डेमो कर चुकी है. कंपनी ऑफ-रोड, ऑन-रोड, सिंगल लेन सड़कों में ट्रैफिक कम्यूनिकेशन और टोल-प्लाजा नेविगेशन जैसे तमाम पैमानों पर अपनी ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक को परख चुकी है.
WATCH – Mahindra Bolero As Driverless Car
Autonomous driving through tight, dynamic, stochastic, and adversarial traffic-dynamics on sub-urban roads in India, as well as through partially unstructured environments.
This demos showcases the robustness of our motion planning and decision making algorithmic frameworks in… pic.twitter.com/UcY07arxSK
— Sanjeev Sharma (@sanjeevs_iitr) February 29, 2024
स्वायत्त रोबोट्स की सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक अपनी रियल-लाइफ यातायात स्थितियों के अंतर्निहित ज्ञान व क्षमता के चलते इतनी प्रभावी साबित हो रही है. संजीव शर्मा ने एक लिंक्डइन पोस्ट में बताया कि मोशन प्लानिंग और निर्णय लेने वाले एल्गोरिदमिक ढांचे का रोल ऐसे ट्रैफिक में ऑटोनॉमस ड्राइविंग के निर्बाध प्रदर्शन में अहम हो जाता है.
आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र रहे संजीव के मुताबिक, स्वायत्त रोबोट्स वैश्विक स्तर पर साल 2024 के अंत तक लेवल-4 ऑटोनॉमस ड्राइविंग को हल करने जा रहा है. कंपनी का लक्ष्य अपनी किफायती ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक को भारत समेत दुनिया भर में ले जाने का है.