Kaji Nemu: असम का राज्य फल बना ‘काजी नेमू’, सीएम बिस्वा का ऐलान
काजी नेमू (साइट्रस लिमोन) को असम का राज्य फल घोषित किया गया. ये एक स्वदेशी नींबू की किस्म है.
असम सरकार ने काजी नेमू (Kaji Nemu) को राज्य फल का दर्जा (State Fruit of Assam) दिए जाने की घोषणा कर दी है. राज्य की समृद्ध कृषि विरासत को पहचान दिलाने के हिस्से के रूप में असम के मुख्यमंत्री, हिमंत बिस्वा सरमा ने ये ऐलान किया. इस ऐतिहासिक के साथ यह स्वदेशी नींबू अहम की एक विशिष्ट पहचान बन जाएगा.
Assam का Kaji Nemu क्या है?
बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होगा कि ‘काजी नेमू‘ (Kaji Nemu) आखिर किस प्रकार का फल है? इसका सेवन कैसे कर सकते हैं? काजी नेमू असम में मिलने वाली एक स्वदेशी नींबू की किस्म है. इसे ‘साइट्रस लेमन‘ के रूप में पहचाना जाता है. यह अपनी ‘अनोखी सुगंध’, ‘पोषण संबंधी लाभों’ और ‘एंटीऑक्सीडेंट गुणों’ के चलते काफी प्रसिद्ध है.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने 13 फरवरी को एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी साझा की. असम के स्थानीय पैदावार व अनोखी किस्मों की उपलब्धता का जश्न मनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया. राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर काजी नेमू (साइट्रस लिमोन) को राज्य फल का दर्जा दिए जाने की कार्यवाई पूरी की.
असम जैसे प्रदेशों के समृद्ध स्थानीय व्यंजनों की चर्चा देश भर में खाने के शौकीनों के बीच होती रहती है. इस मौके पर सीएम हिमंत बिस्वा ने कहा –
“हमारी सरकार ने काजी नेमू (साइट्रस लिमोन) को असम का राज्य फल घोषित करने का फैसला किया है। अपनी अनूठी सुगंध और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ, असम नींबू ने हमारे स्थानीय व्यंजनों को समृद्ध किया है।”
“आज की घोषणा के साथ, यह वैश्विक फल मानचित्र पर चमकने, आत्म-निर्भरता और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।”
Our Government has decided to declare Kaji Nemu (Citrus Limon) as the State Fruit of Assam. With its unique aroma & antioxidant properties, Assam lemon has enriched our local cuisines.
With today’s announcement, it is set to shine on the global fruit map, boosting… pic.twitter.com/tATTxzixUf
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 13, 2024
अपने विशिष्ट स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के साथ काजी नेमू असम की पारंपरिक रसोईयों का अहम हिस्सा रहा है. इसे राज्य फल का दर्जा दिए जाना, ना सिर्फ इसकी प्रतिष्ठिता में इजाफा करेगा, बल्कि घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इसे अलग पहचान दिलाएगा. इसके चलते इसकी मांग बढ़ेगी और इसकी पैदावार को लेकर किसानों का भी प्रोत्साहन बढ़ेगा.
यह फैसला प्रदेश के कृषि क्षेत्र में आर्थिक विकास और स्थिरता को मजबूत करेगा. साथ ही स्वदेशी कृषि उपज को भी बाजार में एक अलग पहचान मिल सकेगी.