तरबूज में मिलाया जा रहा ‘लाल रंग’? सरकार ने बताया जांचने का तरीका
तरबूज में एरिथ्रोसिन (Erythrosine) नामक रंग की मिलावट करके उसे ‘लाल रंग’ देने का काम किया जाता है। यह सबसे खतरनाक रंगों में गिना जाता है, जो खुद गुलाबी रंग का होता है।
गर्मियों के दिन चल रहे हैं और ऐसे में तरबूज (Watermelon) सबके पसंदीदा फलों में से एक बना रहता है। खासकर एक सुर्ख लाल तरबूज को कोई भी मना नहीं कर पाता। तरबूज न सिर्फ आपके शरीर में पानी की जरूरत को पूरा करता है, बल्कि इससे चुभती गर्मी में ठंडक भी मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं बाजार में अब मिलावटी तरबूज (Watermelon Adulteration Using Red Colour Injection) भी आने लगे हैं।
आज के समय बाजार में ऐसे ही तरबूज बिक रहे हैं, जिनमें मीठे स्वाद और लाल रंग के लिए इंजेक्शन के जरिए केमिकल्स मिलाए जा रहे हैं। ये तरबूज को रंग और स्वाद तो दे देते हैं, लेकिन खाने वाले के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। ये मिलावटी तरबूज खाने से आप बीमार भी पड़ सकते हैं।
Watermelon Adulteration Using Red Colour Injection
खतरनाक कृत्रिम रंग की मिलावट वाले तरबूज (Adulterated Watermelon) को खाने से लोग फूड पॉइजनिंग व अन्य तमाम पेट संबंधित बीमारियों को आमंत्रण दे सकते हैं। ये समस्याएं आपकी सेहत को सीधा नुकसान पहुंचाती हैं।
तरबूज में मिलाए जाने वाला रंग – एरिथ्रोसिन
आप जब भी तरबूज खरीदते हैं तो सिर्फ यही देखते हैं कि वह अंदर से लाल हो। इसलिए आजकल तरबूज में एरिथ्रोसिन (Erythrosine Chemical) नामक रंग की मिलावट करके उसे ‘लाल रंग’ देने का काम किया जाता है। यह सबसे खतरनाक रंगों में गिना जाता है, जो खुद गुलाबी रंग का होता है। कई बार इसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थों को रंगने में किया जाता रहा है।
तरबूज में इंजेक्शन के जरिए एरिथ्रोसिन रंग की मिलावट की जाती है। यही वजह है कि बाहर से तरबूज़ को देखकर यह बता पाना मुश्किल रहता है कि यह मिलवाटी है या नहीं? पर अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने तरबूज में मिलावट का पता लगाने का अनोखा तरीका साझा किया है।
तरबूज में मिलावट का पता लगाने का तरीका
क्योंकि गर्मियों के दिनों में शायद ही कोई ऐसा हो जो तरबूज का सेवन न करता हो, ऐसे में इस फल में सीधे-सीधे रंग की मिलावट एक गंभीर विषय है। यही वजह है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए, लोगों को इसके प्रति आगाह करने की कवायद शुरू की है।
असल में FSSAI ने मिलावटी या नकली तरबूज की पहचान करने का तरीका बताते हुए एक वीडियो शेयर किया है। प्राधिकरण के अनुसार, लोग घर में सिर्फ एक छोटे रुई के गोले (कॉटन बॉल) का इस्तेमाल करके नकली/मिलावटी तरबूज पकड़ सकते हैं। इस तरीके को कुछ इस प्रकार अपनाएं;
- सबसे पहले तरबूज को आधा काट लें।
- एक रुई का छोटा गोला सा बना लें।
- तरबूज के लाल गूदे पर रुई के गोले को रगड़ें।
- अगर इसमें बाहर से रंग मिलाया गया होगा तो रुई का गोला लाल हो जाएगा।
- बिना मिलावट का तरबूज होने पर रुई के गोले में कोई रंग नहीं चढ़ेगा।
गौरतलब है कि FSSAI द्वारा आधिकारिक रूप से इस पहचान के इस तरीके की जानकारी देने के बाद कई लोगों ने इसे आजमाया और सोशल मीडिया पर चौंकाने वाले परिणाम साझा किए।
This morning I bought a watermelon and read this news while scrolling through Twitter. Then I cut the watermelon and rubbed cotton on it and it turned red. Is this watermelon made using chemicals? pic.twitter.com/D7IEhbBY6H
— Rahul | Data & Tech (@yesrahulkr) May 18, 2024