IAS Puja Khedkar: पूजा खेडकर का UPSC चयन रद्द, परीक्षा देने पर लगा बैन
IAS के तौर पर पूजा खेडकर का चयन व उम्मीदवारी हुई रद्द। UPSC ने उनके फ्यूचर में एग्जाम देने पर भी लगा दिया लाइफटाइम बैन।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने एक सख्त कदम उठाते हुए हाल में विवादों से घिरी ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के IAS अधिकारी के रूप में चयन को रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं बल्कि पूजा खेडकर को जीवनभर के लिए परीक्षा देने से भी प्रतिबंधित या बैन (Puja Khedkar UPSC Selection Cancelled, Banned From All Future Exams) कर दिया गया है।
पूजा खेडकर को UPSC ने भविष्य की सभी परीक्षाओं/चयनों से भी स्थाई रूप से बैन कर दिया है। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, संघ लोक सेवा आयोग ने पाया कि खेडकर ने असल जानकारियां व तथ्य छुपाकर परीक्षा दी और निर्धारित सीमा से भी अधिक अटेम्प्ट दिए।
Puja Khedkar UPSC Selection Cancelled, Banned From Future Exams
मामले से संबंधित उपलब्ध अभिलेखों की जांच के बाद UPSC ने पाया कि पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा (CSE)-2022 नियमों का उल्लंघन किया है। इसके लिए UPSC द्वारा साल 2009 से 2023 तक 15 वर्षों के लगभग 15,000 से अधिक अनुशंसित उम्मीदवारों के सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) डेटा की समीक्षा की गई।
Puja Khedkar का चयन रद्द करने के पीछे का कारण (Reason)
UPSC ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि 2022 की सिविल सर्विसेज परीक्षा (CSE-2022) में अस्थायी रूप से चयनित हुई पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को 18 जुलाई, 2024 के दिन आयोग की ओर से एक कारण बताओ नोटिस (शो कॉज नोटिस) जारी किया गया था। उन पर अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करने और निर्धारित सीमा से अधिक एग्जाम अटेम्प्ट देते हुए नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
जानकारी के अनुसार, खेडकर ने गलत ढंग से परीक्षा देने के लिए केवल अपने नाम ही नहीं बदले बल्कि अपने माता-पिता के नाम भी बदले, जिससे SOP (Standard Operating Procedure) द्वारा उनके प्रयासों की पहचान करना मुश्किल हो गया।
आयोग ने मांगा था जवाब
इस नोटिस का जवाब देने के लिए खेडकर को 25 जुलाई, 2024 तक का समय दिया गया। लेकिन उन्होंने 04 अगस्त, 2024 तक का अतिरिक्त समय मांगा, ताकि वे अपने जवाब के लिए आवश्यक डॉक्सयूमेंट्स जमा कर सकें। इस पर आयोग ने समय सीमा को 30 जुलाई तक का बढ़ाया। साथ ही UPSC ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि ये अंतिम अवसर है और अब समय सीमा किसी भी हालत में नहीं बढ़ाई जाएगी। इसके बावजूद, खेडकर ने निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर कोई जवाब नहीं दिया।
इस दौरान UPSC ने रिकॉर्ड की गहन जांच की और पाया कि खेडकर ने परीक्षा नियमों का उल्लंघन किया है। ऐसे में बतौर उम्मीदवार ही उनकी अस्थायी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है और उन्हें भविष्य की सभी UPSC परीक्षाओं से स्थायी रूप से प्रतिबंधित (Ban) कर दिया गया है।
जैसा हमनें आपको पहले ही बताया कि आयोग ने 2009 से 2023 के बीच चयनित 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की भी जांच की, जिसमें खेडकर के मामले को छोड़कर किसी अन्य उम्मीदवार पर ऐसे आरोप नहीं मिले।
UPSC के मौजूदा SOP और भविष्य के उपाय
UPSC ने कहा कि वर्तमान SOP केवल प्रारंभिक प्रमाण पत्र की जांच करती है और सामान्यतः प्रमाण पत्र को सही मान लिया जाता है अगर यह सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया हो। हालांकि, प्रमाण पत्रों की सत्यता की जाँच की जिम्मेदारी अन्य संबंधित अधिकारियों की होती है। लेकिन आयोग अब SOP को मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।
प्रमुख बिंदु:
बिंदु |
विवरण |
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उम्मीदवार का नाम | पुजा मनोरा दिलीप खेडकर |
मामले की प्रकृति | पहचान धोखाधड़ी और प्रयास सीमा का उल्लंघन |
निर्णय | अस्थायी नियुक्ति रद्द और जीवनभर परीक्षा से प्रतिबंधित |
जांच अवधि | 2009 से 2023 तक के 15,000 उम्मीदवारों की जांच |
भविष्य के उपाय | SOP को और सख्त करना |
Official Statement By UPSC On Puja Khedkar Case
FAQs – Puja Khedkar Selection Cancelled & Banned
1. UPSC ने पुजा खेडकर के खिलाफ कौन सा नियम उल्लंघन पाया?
- UPSC ने पाया कि पुजा खेडकर ने अपनी पहचान छुपाकर और नाम बदलकर परीक्षा के प्रयास किए, जो कि परीक्षा नियमों का उल्लंघन है।
2. पुजा खेडकर को कितना समय दिया गया था जवाब देने के लिए?
- उन्हें 25 जुलाई तक जवाब देने का समय दिया गया था, जिसे बढ़ाकर 30 जुलाई कर दिया गया था।
3. क्या अन्य उम्मीदवारों पर भी ऐसा कोई आरोप है?
- आयोग ने 15,000 से अधिक उम्मीदवारों की जांच की और केवल पुजा खेडकर के मामले में ही ऐसे आरोप पाए गए।
4. UPSC की SOP क्या करती है?
- UPSC की SOP केवल प्रारंभिक प्रमाण पत्र की जांच करती है और आमतौर पर प्रमाण पत्र को सही मान लिया जाता है यदि यह सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया हो।
5. भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए UPSC क्या उपाय कर रही है?
- UPSC SOP को और सख्त करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।
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