प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर प्रयागराज में प्रदर्शन, चयन आयोग का घेराव
प्रयागराज में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर बड़ी संख्या में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी मांग है कि 6 सालों से भर्ती नहीं आई ऐसे में प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी की जाए। खबर है कि छात्रों द्वारा शिक्षा सेवा चयन आयोग में ताला भी जड़ दिया गया है।
Prayagraj Teacher Recruitment Protest | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रदेश भर के डीएलएड व बीटीसी अभ्यर्थी लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को हजारों डीएलएड अभ्यर्थी प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर एकजुट हुए और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। अभ्यर्थियों ने आयोग के गेट पर तख्तियां और बैनर लेकर अपनी बात रखी, जिसमें प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करने की प्रमुख मांग की गई।
अभ्यर्थियों का मुख्य उद्देश्य नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करवाना है। उनका कहना है कि साल 2018 के बाद से कोई बड़ी शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है, जिससे बीटीसी और डीएलएड पास अभ्यर्थियों में निराशा बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी के अभाव के कारण लाखों छात्र-छात्राएं मानसिक तनाव में आ गए हैं।
Prayagraj Teacher Recruitment Protest
डीएलएड संघ के प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने बताया कि आयोग की अध्यक्ष द्वारा पूर्व में मौखिक आश्वासन दिया गया था कि शिक्षक भर्ती के अधियाचन के लिए शासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अभ्यर्थियों की मांग है कि यह आश्वासन मौखिक नहीं, बल्कि लिखित रूप में दिया जाए।
शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष महोदया से मुलाक़ात कर धरना स्थल पर आने के लिए आमंत्रित किया..!!
आज नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती पर निस्तारण होकर रहना है ।
लड़ेंगे और जीतेंगे
शिक्षा सेवा चयन आयोग पर महाधरना #UP_WANT_TEACHER_VACANCY #UP_मांगें_शिक्षक_भर्ती@yadavakhilesh… pic.twitter.com/nbHsxRxagq
— रजत सिंह(प्रदेश अध्यक्ष) (@RajatsinghAU) September 19, 2024
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डीएलएड अभ्यर्थियों का प्रदर्शन: आयोग में जड़ा ताला
प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर आज विरोध प्रदर्शन के दौरान हालात तनावपूर्ण हो गए। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया, ताकि स्थिति नियंत्रित की जा सके। अभ्यर्थियों ने आयोग के गेट पर ताला जड़ दिया और साफ शब्दों में कहा कि जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे।
प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करवाने हेतु आज युवा पुनः शिक्षा सेवा चयन आयोग में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीते 6 सालों से प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं आई है लाखों युवा बेरोज़गारी का दंश झेल रहे हैं!#UP_मांगें_शिक्षक_भर्ती @myogiadityanath @CMOfficeUP @yadavakhilesh… pic.twitter.com/HfIsKBNMLe
— उत्तरप्रदेश डीएलएड(बी.टी.सी) संघ (@rjluckypal) September 19, 2024
2018 के बाद भर्ती न होने से बढ़ी नाराजगी
अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्ष 2011 से 2018 के बीच लगातार बड़ी संख्या में शिक्षक भर्ती विज्ञापन जारी किए गए थे, लेकिन 2018 के बाद से कोई भी नई भर्ती नहीं आई है। इसके चलते लाखों बीटीसी और डीएलएड पास छात्र रोजगार की आस लगाए बैठे हैं। अभ्यर्थियों का मानना है कि सरकार और विभाग के द्वारा भर्ती की प्रक्रिया को टालने के कारण वे रोजगार के अवसरों से वंचित हो रहे हैं।
नीचे दी गई तालिका में पिछले कुछ वर्षों में आई शिक्षक भर्तियों की जानकारी दी गई है:
वर्ष | पदों की संख्या |
---|---|
नवंबर 2011 | 72825 |
अक्टूबर 2012 | 9770 |
अप्रैल 2013 | 10800 |
अक्टूबर 2013 | 10000 |
अगस्त 2013 | 4280 (उर्दू भर्ती) |
जुलाई 2013 | 29334 |
दिसंबर 2014 | 15000 |
जनवरी 2016 | 3500 (उर्दू भर्ती) |
जून 2016 | 16448 |
दिसंबर 2016 | 12460 |
जनवरी 2018 | 68500 |
दिसंबर 2018 | 69000 |
Prayagraj Teacher Recruitment Protest: अभ्यर्थियों का अभियान
डीएलएड और बीटीसी अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी आवाज बुलंद की है। #UP_WANT_TEACHER_VACANCY, #ReleaseUPPRT, #शिक्षकभर्ती जैसे हैशटैग का उपयोग करते हुए ट्विटर (अब X) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अभ्यर्थी एक बड़ा अभियान चला रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचाना है, ताकि जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया जा सके।
अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षक बनने की प्रक्रिया में बीटीसी या डीएलएड कोर्स की फीस और मेहनत एक बड़ी बात होती है। इसके बावजूद अगर भर्ती की प्रक्रिया में देरी होती है, तो उनका भविष्य अधर में पड़ जाता है। युवाओं ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें रोजगार का अवसर मिलना चाहिए ताकि वे अपने जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ा सकें।
शासन स्तर पर क्या हो रही है पहल?
प्रदेश के डीएलएड और बीटीसी अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार और शिक्षा सेवा चयन आयोग को अब युवाओं की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि, आयोग की अध्यक्ष द्वारा कुछ मौखिक आश्वासन दिए गए हैं, लेकिन धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि यह मौखिक आश्वासन पर्याप्त नहीं है। वे लिखित में स्पष्ट आश्वासन चाहते हैं कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में डीएलएड और बीटीसी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। यह प्रदर्शन राज्य की शिक्षा व्यवस्था और युवाओं के भविष्य के लिए एक अहम मुद्दा बन गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार को जल्द ही इस विषय पर कोई ठोस निर्णय लेना होगा, ताकि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें और राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके।