Prayagraj Protest: 97000 शिक्षक भर्ती की मांग, प्रयागराज में आयोग का घेराव व प्रदर्शन
UP Teacher Vacancy Protest: प्रयागराज में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर हज़ारों बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन जारी है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, 5000 हजाार से ज्यादा डीएलएड अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं।
Prayagraj Protest For Teacher Vacancy | उत्तर प्रदेश में शिक्षा सेवा चयन आयोग (UP Education Service Selection Commission) की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय को पदभार ग्रहण करने से पहले ही हजारों डीएलएड (D.El.Ed) अभ्यर्थियों ने आयोग भवन का घेराव कर लिया। गुरुवार को प्रयागराज में अनुमानित तौर पर करीब 5,000 अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया, जो प्राथमिक शिक्षक भर्ती में देरी को लेकर नाराज थे। यह प्रदर्शन पिछले कुछ दिनों से जारी लखनऊ के धरनों का हिस्सा भी बताया जा रहा है, जहां युवा बेरोजगारी और नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान बारिश ने छात्रों की मुसीबत और बढ़ा दी है।
Prayagraj Protest For Teacher Vacancy
डीएलएड अभ्यर्थियों का विरोध: क्या हैं मुख्य कारण?
डीएलएड अभ्यर्थियों के इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती व नई भर्ती प्रक्रियाओं में देरी माना जा रहा है। इस भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के चलते कई अभ्यर्थी लंबे समय से रोजगार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के हालिया फैसले ने भी इस विरोध को और तेज़ कर दिया है, जिसमें कोर्ट ने भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के भीतर नई सूची तैयार करने का आदेश दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला और उसके प्रभाव
16 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69,000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट को निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने मेरिट लिस्ट में आरक्षण प्रक्रिया में अनियमितताओं की ओर इशारा किया था। अब राज्य सरकार को कोर्ट के आदेशानुसार नए सिरे से मेरिट लिस्ट तैयार करनी होगी, जिसमें बुनियादी शिक्षा नियमों और आरक्षण दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। यह भर्ती प्रक्रिया साल 2018 से ही लंबित है, और कोर्ट के इस फैसले के बाद भी अभ्यर्थियों को लग रहा है कि उनकी प्रतीक्षा और लंबी हो सकती है।
प्रयागराज में जोरदार विरोध प्रदर्शन
प्रयागराज के शिक्षा सेवा चयन आयोग कार्यालय के बाहर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 5,000 से अधिक डीएलएड अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी अपने हाथों में तख्तियां लिए नारेबाजी कर रहे थे। “हमें दावे नहीं, नौकरी चाहिए”, “अनुपात हटाओ, शिक्षामंत्री यह अधिकार हमारा है” जैसे नारे गूंज रहे थे।
प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण उनकी उम्र निकलती जा रही है, और अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा।
Prayagraj Protest Teacher Vacancy: मंत्रियों के आवास का घेराव
प्रयागराज के अलावा, लखनऊ में भी पिछले कुछ दिनों से क्रमबद्ध धरने जारी हैं। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था, वहीं बुधवार को केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के आवास के बाहर धरना दिया गया। गुरुवार को अभ्यर्थियों ने योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन (Prayagraj Protest Teacher Vacancy) किया।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का इतिहास
उत्तर प्रदेश की 69,000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दिसंबर 2018 में शुरू हुई थी, जब भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 2019 में लगभग 4 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में भाग लिया, और 2020 में परिणाम घोषित किया गया। कुल मिलाकर 1,47,000 अभ्यर्थी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, जिनमें से 1,10,000 अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग से थे।
हालांकि, भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे, और यह मामला कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करने का आदेश दिया है।
Prayagraj Protest Teacher Vacancy: अभ्यर्थियों की मांग
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द नई मेरिट लिस्ट जारी करे और उन्हें नौकरी प्रदान करे। प्रदर्शनकारी इस मुद्दे पर अडिग हैं और तब तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प ले रहे हैं, जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
राज्य सरकार को अब तीन महीने के भीतर कोर्ट के निर्देशानुसार नई मेरिट लिस्ट जारी करनी होगी। इसके अलावा, सरकार को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी होगी ताकि हजारों युवा अभ्यर्थियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
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