मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन बिल 2024 क्या है? अब ऐसे होंगी शादियां और तलाक
मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन बिल (Muslim Marriage Registration Bill) 2024 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसके तहत शादी और तलाक को सरकारी रजिस्ट्रेशन में दर्ज कराना अनिवार्य होगा।
Muslim Marriage Registration Bill 2024 Explained | असम में मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने एक बड़े प्रस्तावित कानून – मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन बिल 2024 – को मंजूरी दे दी है। इसके चलते मुस्लिम विवाह और तलाक के पंजीकरण की प्रक्रिया में व्यापक बदलाव देखनें को मिलेगा। इस नए कानून के तहत, मुस्लिम जोड़ों के लिए अपनी शादी और तलाक को सरकारी रजिस्ट्रेशन में दर्ज कराना अनिवार्य होगा।
शादियों व तलाक के रजिस्ट्रेशन आदि को लेकर बनाए गए इस नए कानून में कई अहम प्रावधानों को जगह दी गई है। सरकार का कहना है कि इस नए कानून की मदद से बाल विवाह पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। आइए जानते हैं इस बिल के बारे में विस्तार से और इसके प्रभावों को समझते हैं।
मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन (Muslim Marriage Registration) बिल क्या है?
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा द्वारा प्रस्तुत मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण विधेयक 2024 (Assam Muslim Marriage and Divorce Registration Bill 2024) का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम विवाहों और तलाकों को सरकारी रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत लाना है। यह विधेयक शरदकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा।
इस विधेयक में शामिल नियमों के तहत मुस्लिम विवाहों का रजिस्ट्रेशन सरकार द्वारा किया जाएगा न कि काजी द्वारा। इसके साथ ही बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तो ऐसे में वह स्वतः अवैध हो जाएगा।
मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन बिल के प्रावधान
रजिस्ट्रेशन का सरकारी नियंत्रण
इस विधेयक के लागू होने के बाद, मुस्लिम विवाहों का पंजीकरण अब काजियों के बजाय सरकारी रजिस्ट्रारों द्वारा किया जाएगा। इसका मतलब है कि विवाह और तलाक को उप-रजिस्ट्रार ऑफिस में दर्ज किया जाएगा, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया को औपचारिक रूप दिया जाएगा।
बाल विवाह का निषेध (Muslim Marriage Registration Bill)
नया कानून बाल विवाह को रोकने के लिए विशेष प्रावधान शामिल करता है। अब, 21 साल से कम उम्र के पुरुषों और 18 साल से कम उम्र की महिलाओं के विवाह को पंजीकृत नहीं किया जाएगा। इससे बाल विवाह की प्रथा को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
पुराने कानून का निरसन
1935 का ब्रिटिश युग का कानून, जो मुस्लिम विवाह और तलाक के पंजीकरण से संबंधित था, अब निरस्त किया जाएगा। यह कानून अप्रचलित हो चुका था और इसमें पंजीकरण की प्रक्रिया अनौपचारिक थी, जिससे कई मामले दर्ज नहीं हो पाते थे।
Muslim Marriage Registration: नए कानून के प्रभाव
पंजीकरण में पारदर्शिता (Muslim Marriage Registration Bill)
नई पंजीकरण प्रणाली की शुरुआत से पारदर्शिता में सुधार होगा। सरकारी रजिस्ट्रारों द्वारा पंजीकरण से विवादों और गलतफहमियों की संभावना कम होगी।
बाल विवाह की रोकथाम
बाल विवाह को रोकने के लिए नए कानून की सख्ती इस प्रथा को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। असम सरकार ने बाल विवाह के मामलों में पहले ही कमी की है, और यह नया कानून इस दिशा में एक और कदम होगा।
अवयस्क विवाह पर निगरानी
नए कानून के तहत, अवयस्क विवाहों पर निगरानी रखने के लिए एक ठोस तंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे इन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।
विधेयक 2024 के लाभ
लाभ | विवरण |
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सुधरी हुई पारदर्शिता | विवाह और तलाक की प्रक्रिया अब सरकारी रजिस्ट्रारों द्वारा होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। |
बाल विवाह की रोकथाम | बाल विवाह के मामलों में कमी आएगी और सामाजिक सुधार होगा। |
उम्र संबंधी प्रतिबंध | नाबालिग विवाहों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे अवयस्क विवाह पर नियंत्रण रहेगा। |
अप्रचलित कानून का निरसन | 1935 का कानून अब निरस्त किया जाएगा, जो पुराना और अप्रचलित था। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन बिल 2024 के अंतर्गत कौन से दस्तावेज़ आवश्यक होंगे?
इस नए कानून के अंतर्गत, विवाह और तलाक के पंजीकरण के लिए उप-रजिस्ट्रार ऑफिस में दस्तावेज़ जैसे कि पहचान पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, और अन्य संबंधित कागजात की आवश्यकता होगी।
क्या नए कानून से मौजूदा पंजीकरण रजिस्टर प्रभावित होंगे?
हाँ, नए कानून के लागू होने पर जिला आयुक्तों और रजिस्ट्रारों को मौजूदा काजी के रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड को अपने कब्जे में लेने का अधिकार होगा।
क्या इस नए कानून के तहत धार्मिक परंपराओं में कोई बदलाव किया जाएगा?
नहीं, इस नए कानून का उद्देश्य केवल पंजीकरण प्रक्रिया को व्यवस्थित करना है और इसमें इस्लामिक विवाह प्रणाली में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा।
इस विधेयक के पास होने के बाद बाल विवाह पर कौन सी कार्रवाइयां की जाएंगी?
नए कानून के तहत, बाल विवाहों को पंजीकृत नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिससे इस प्रथा को समाप्त किया जा सके।
पुराने 1935 के कानून के समाप्त होने के बाद क्या होगा?
1935 का कानून अप्रचलित हो जाएगा और उसकी जगह नया, अधिक पारदर्शी और प्रभावी पंजीकरण तंत्र स्थापित किया जाएगा।
इस प्रकार, मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन बिल 2024 असम में विवाह और तलाक की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।