UPSSSC के बजाए UPPSC कराए लोवर पीसीएस भर्ती परीक्षा, उठी मांग
उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी छात्रों ने लोवर सबऑर्डिनेट (Lower PCS) भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी UPSSSC से लेकर वापस UPPSC को सौंपनें की मांग शुरू कर दी है।
प्रयागराज | प्रतियोगी छात्रों ने एक बार फिर ‘सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा‘ या ‘लोवर सबऑर्डिनेट‘ या ‘लोवर पीसीएस‘ भर्ती परीक्षा के संबंध में व्यापक बदलाव की मांग उठानी शुरू की है। सामने आ रही खबरों के अनुसार अभ्यर्थियों की मांग है कि लोवर सबऑर्डिनेट / लोवर पीसीएस भर्ती परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को सौंपी (Lower PCS Exam Will Conducted By UPPSC Instead Of UPSSSC, Students Demands) जाए।
इस संदर्भ में हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट के हवाले से यह सामने आया है कि छात्रों ने यूपी के सीएम योगी से यह मांग की है कि लोअर अधीनस्थ सेवा (Lower PCS) भर्ती परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) से वापस लेकर पुनः उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) से भर्ती कराने की मांग की है।
Lower PCS Exam Will Conducted By UPPSC Instead Of UPSSSC, Students Demands | लोवर पीसीएस भर्ती: प्रतियोगी छात्रों की मांग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को मिले जिम्मेदारी
लोअर पीसीएस को लेकर इस व्यापक बदलाव के लिए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी लिखा गया है। इस पत्र में यह भी बताने का प्रयास किया गया कि आखिर अभ्यर्थी क्यों UPSSSC के बजाए UPPSC द्वारा संबंधित परीक्षा को करवाए जाने की डिमांड कर रहे हैं।
क्यों जरूरी है लोक सेवा आयोग को लोवर पीसीएस की जिम्मेदारी देना?
सामने आ रही जानकारी के अनुसार, छात्रों का कहना है कि 2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को लोअर पीसीएस की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन इसके बाद पिछले लगभग 6 सालों में आयोग सिर्फ एक बार ही यह परीक्षा करवा सका है।
पिछले छह वर्षों में मात्र एक बार परीक्षा कराने से लाखों छात्रों की आयु सीमा समाप्त हो गई है, जिससे उनमें निराशा व्याप्त है। वहीं, लोक सेवा आयोग हर साल या एक साल के अंतराल पर यह परीक्षा कराता था, जिससे हजारों छात्रों को नौकरी का अवसर मिलता था।
लोवर पीसीएस परीक्षा की स्थिति
वर्ष | चयन आयोग | परीक्षा की संख्या |
---|---|---|
2018 | उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग | 1 |
2017 | उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग | 2 |
2016 | उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग | 1 |
2015 | उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग | 1 |
मुख्य समस्याएँ और समाधान
आयु सीमा समाप्ति
पिछले छह वर्षों में मात्र एक भर्ती होने से लाखों छात्रों की आयु सीमा समाप्त हो गई है। यह एक प्रमुख समस्या है जिससे छात्रों को मेहनत के बावजूद इस दिशा में करियर बनाने में कठिनाई हो रही है।
नियमितता की कमी
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत परीक्षा की नियमितता में कमी है, जिससे छात्रों को अपने भविष्य को लेकर भी स्पष्टता नहीं मिल पाती।
लोक सेवा आयोग की भूमिका
आपको बता दें, एक समय उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा लोवर पीसीएस परीक्षा नियमित रूप से आयोजित की जाती थी। इससे छात्रों को हर साल परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलता था और उनका चयन संभव हो पाता था।
छात्रों की मांगें
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने मांग की है कि लोवर पीसीएस परीक्षा की जिम्मेदारी पुनः उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को सौंपी जाए। इससे परीक्षा की नियमितता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। अभ्यर्थियों का तर्क रहा है कि लोवर पीसीएस परीक्षा की नियमितता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को जिम्मेदारी सौंपना एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे न केवल छात्रों को लाभ होगा, बल्कि सरकारी विभागों में भी कुशलता से पदों की भर्ती हो सकेगी।