‘ड्रग्स पार्सल’ स्कैम क्या है? भारत सरकार ने बताया इससे बचने का तरीका
पार्सल स्कैम (Parcel Scam) हाल के दिनों में धोखाधड़ी के लिए जालसाज़ों का नया तरीका बन गया है। भारत सरकार की ओर से बताया गया है कि यह क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है?
आज के डिजिटल दौर में तमाम तरीके के स्कैम सामने आ रहे हैं। हाल के दिनों में ‘ड्रग्स इन पार्सल’ स्कैम (Drugs In Parcel Scam) काफी सुनने में आया है और कई पढ़े-लिखे लोग तक इसका शिकार बन चुके हैं। भारत में लगातार बढ़ते जा रहे इस ‘पार्सल स्कैम‘ के चलते अब सरकार को खुद दखल देना पड़ा है। सरकार की ओर से इस स्कैम से बचने के तरीके भी बताए गए हैं।
इस स्कैम में ठग धोखाधड़ी के लिए लोगों के ‘कथित डर’ का इस्तेमाल करते हैं और उनसे पैसे ऐठनें का काम करते हैं। ड्रग्स इन पार्सल स्कैम के तहत जालसाज़ मुख्य रूप से फोन कॉल या एसएमएस जैसे माध्यमों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
क्या है ड्रग्स पार्सल स्कैम | What Is Drugs Parcel Scam
हाल के दिनों में आपने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल में ड्रग्स पार्सल स्कैम की घटनाओं के बारे में जरूर देखा-सुना होगा। ड्रग्स पार्सल स्कैम में जालसाज़ लोगों को भारतीय सीमा शुल्क या कस्टम अधिकारी बनकर कॉल या एसएमएस करते हैं। उन्हें बताया जाता है कि उनके आधार कार्ड (Aadhaar Card) या पैन कार्ड (PAN Card) का इस्तेमाल कर बाहर के किसी देश में कोई पार्सल भेजा गया है।
लेकिन कस्टम्स अधिकारियों ने उस पैकेज या पार्सल को पकड़ लिया है और उसमें से कुछ मात्रा ड्रग्स, कपड़े और अन्य तमाम वस्तुएं पाई गई हैं। जालसाज़ आपको भरोसा दिलाने की कोशिश करते हैं कि वह कस्टम विभाग के कर्मचारी हैं और क्योंकि पार्सल उनके (जिसको शिकार बनाया जा रहा है) नाम और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके भेजा गया है, ऐसे में उन्हें कस्टम ऑफिस आना होगा। यह एक गंभीर अपराध है और उनके खिलाफ जेल या भारी जुर्माने तक की कार्यवाई की जा सकती है।
लोगों को भरोसा दिलाया जाता है कि कस्टम विभाग संबंधित पार्सल के लिए ‘कस्टम्स ड्यूटी’ या ‘टैक्स’ के भुगतान का विकल्प भी देता है। और अगर उन्होंने बताई गई राशि का भुगतान कर दिया तो उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, और दूसरे देश में भी कार्यवाई से बच सकेंगे। इस दौरान जालसाज़ आपको आपका नाम, आधार कार्ड नंबर, क्रेडिट/डेबिट कार्ड डिटेल आदि भी बताते हैं, और हो सकता है कि वह आपकी ही डिटेल हो।
ऐसे में लोग अक्सर ऐसे जालसाज़ों की कॉल पर भरोसा कर लेते हैं और कथित कानूनी कार्यवाई के डर के चलते जालसाज़ों को बताई गई राशि का भुगतान ऑनलाइन ही कर देते हैं।
ड्रग्स पार्सल स्कैम: कैसे बनाते हैं शिकार?
जालसाज़ों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ सामान्य तरीके:
- फर्जी कॉल/SMS: जालसाज़ कूरियर या कस्टम अधिकारी/कर्मचारी बनकर आपको कॉल, टेक्स्ट मैसेज या ईमेल के माध्यम से संपर्क करते हैं। वो बताते हैं कि कस्टम्स ने एक पैकेज या पार्सल पकड़ा है, जिसके लिए कस्टम्स ड्यूटी या टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता है।
- कानून के कथित डर की रणनीति: जालसाज़ खुद को कस्टम्स/पुलिस/सीबीआई अधिकारी बताकर उस पार्सल या पैकेजों के लिए कस्टम्स ड्यूटी/निकासी शुल्क का भुगतान करने को कहते हैं, जो कथित तौर पर किसी अन्य देश से प्राप्त किए गए हैं और उस पार्सल को कस्टम्स क्लीयरेंस की जरूरत है। और क्योंकि पार्सल में ड्रग्स जैसे सामान हैं, इसलिए व्यक्ति को डराया जाता है कि निर्धारित टैक्स का भुगतान न करने पर उनके ख़िलाफ कानूनी कार्यवाई भी की जा सकती है।
- पैसों की मांग: जिस व्यक्ति को शिकार बनाने की कोशिश की जाती हैं, उन्हें बताया जाता है कि उनके नाम और क्रेडिट/डेबिट/आधार कार्ड का इस्तेमाल कर भेजे गए पार्सल या पैकेज को अवैध सामग्री (जैसे ड्रग्स / विदेशी मुद्रा / नकली पासपोर्ट / अन्य निषिद्ध वस्तुएं) या कस्टम्स नियमों के उल्लंघन के कारण कस्टम्स द्वारा जब्त कर लिया गया है। जालसाज़ कानूनी कार्रवाई या जुर्माने तक की धमकी देते हैं, और समस्या के समाधान के लिए भुगतान की मांग करते हैं।
Drugs Parcel Scam: बचाव का तरीका
ड्रग्स पार्सल स्कैम की संख्या को बढ़ता देख, अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने व्यापक रूप से जन जागरूकता अभियान शुरू किया है। सीबीआईसी की ओर से लोगों को इस तरह के घोटालों से बचने की अपील की गई है और इसके लिए निम्नलिखित उपाय बताए गए हैं:
- न करें रिप्लाई: सीबीआईसी के मुताबिक, भारतीय सीमा शुल्क अधिकारी कभी भी निजी अकाउंट में भुगतान के लिए आम जनता को फोन, एसएमएस या ई-मेल के माध्यम से संपर्क नहीं करते हैं। ऐसे में अगर धोखाधड़ी का शक होता है या कोई अनियमितता लगती है तो कॉल डिस्कनेक्ट करें और मैसेज या एसएमएस का जवाब न दें।
- डिटेल्स शेयर न करें: कभी भी अगर जालसाज किसी भी तरीके से आपकी व्यक्तिगत जानकारी (पासवर्ड, सीवीवी, आधार कार्ड नंबर, आदि) शेयर करने या प्रकट करने को कहते हैं, तो ऐसा बिल्कुल भी न करें। कभी भी उचित पहचान और वैधता की पुष्टि किए बिना किसी को भी पैसे ट्रांसफर न करें।
- खुद कर सकते हैं चेक: भारतीय सीमा शुल्क विभाग जब भी किसी ग्राहक के साथ संपर्क करता है तो इसमें एक दस्तावेज पहचान संख्या (DIN) भी शामिल होती है, जिसकी जांच सीबीआईसी की आधिकारिक वेबसाइट esanchar.cbic.gov.in/DIN/DINSearch पर जाकर कर सकते हैं।
- तुरंत रिपोर्ट करें: जालसाज़ी का शक होने पर तुरंत इसकी शिकायत cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें।
गौर करने वाली बात ये है कि ये जालसाज़ पढ़ें-लिखे लोगों को भी अपना शिकार बनाने की कोशिश करते हैं। हाल के दिनों में ऐसी ही एक घटना दिग्गज पत्रकार व एनडीटीवी के पूर्व एंकर और TheRedMike के संस्थापक, संकेत उपाध्याय के साथ भी हुई, जिसका जिक्र उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट किए गए एक विशेष वीडियो में किया और लोगों से सावधान रहने की अपील भी की। आप भी देखिए:
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— The Red Mike (@TheRedMike) June 8, 2024