भारत में ‘Driverless’ मेट्रो, इस शहर में शुरुआत, Alstom कर रहा प्रोडक्शन
भारत में पहली ‘Driverless मेट्रो’ की शुरुआत हो रही है. इस शहर में Alstom कर रहा प्रोडक्शन, मेट्रो यहाँ होगी यूज.
आपने ड्राइवरलेस कार के बारे में तो आजकल बहुत सुना होगा, लेकिन आज बात होगी ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन (Driverless Metro in India) की. भारत के शहरों में जल्द ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन दौड़ती दिखेंगी. इसकी शुरुआत चेन्नई से होगी. नामी वैश्विक निर्माता कंपनी एल्सटॉम (Alstom) ने चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (CMRL) के लिए ड्राइवरलेस मेट्रो का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है.
ड्राइवरलेस मेट्रो के निर्माण को लेकर चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड और एल्सटॉम के बीच 124 मिलियन यूरो या करीब 133 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट हुआ था. कॉन्ट्रैक्ट के तहत एल्सटॉम इस ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन की कार बॉडी का निर्माण करेगी.
Driverless Metro in India
चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड के फेज-2 नेटवर्क में चलाए जाने के लिए 36 चालक रहित या ड्राइवरलेस ट्रेनों का निर्माण किया जाना है. इनकी मैन्युफैक्चरिंग चेन्नई से लगभग 55 किमी उत्तर में स्थित श्री सिटी (Sri City) में एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया के कारखाने में शुरू की गई है. एल्सटॉम इस प्रोजेक्ट के तहत पहली ट्रेन अगस्त 2024 तक सौंप सकता है.
ड्राइवरलेस ट्रेन चेन्नई मेट्रो के फेज-II के 26 किलोमीटर लंबे गलियारे पर चलेंगी. ये कुल 28 स्टेशनों के साथ पूनमल्ली बाईपास को लाइट हाउस से कनेक्ट करेंगी. इनमें हर एक ट्रेन की सवारी क्षमता 1,000 होगी. इतने यात्री इसमें बैठ सकेंगे. ट्रेन की रफ्तार 80 किमी/घंटा तक अधिकतम होगी. इसके चलते करीब 1.1 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे.
मैन्युफैक्चरिंग का उद्घाटन चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, एम ए सिद्दीकी ने किया. इस दौरान चेन्नई मेट्रो रेल और एल्सटॉम के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन भारत में – खूबियाँ
भारत के पहली बार चलने जा रही इन चालक रहित मेट्रो ट्रेनों की खूबियाँ ये हैं,
- पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ट्रेन कोचों में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम होगा.
- मॉडर्न अनाउंसमेंट सिस्टम से लैस होंगे.
- सभी 36 मेट्रो यूनित तीन कारों या कुल 108 कोच से बनेंगी.
- बिना ड्राइवर के चलेंगी मेट्रो ट्रेनें.
- 26 किलोमीटर ट्रैक कवर करेंगी.
- 28 स्टेशनों पर होगा संचालन.
- अधिकतम स्पीड 80 किमी/घंटा.
- ट्रेनें अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशंस (यूटीओ) सिस्टम होगा.
- ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन (एटीओ) और ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम भी दिया गया.