अभिनव अरोड़ा 7 यूट्यूबर्स के खिलाफ पहुंचे कोर्ट, ट्रोलिंग को लेकर FIR की मांग
दिल्ली आधारित 10-वर्षीय आध्यात्मिक कंटेंट क्रिएटर अभिनव अरोड़ा, जिन्हें अक्सर प्यार से “बाल संत” भी कहा जाता है, हाल ही में कथित ऑनलाइन ट्रोलिंग को लेकर कई बार जिक्र करते नजर आए हैं। और अब वह इस मामले में कानून का सहारा ले रहे हैं। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, अभिनव अरोरा (Abhinav Arora) ने दिल्ली की अदालत में याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने उन यूट्यूबर्स के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग की है जो कथित रूप से उन्हें और उनकी सनातन धर्म की मान्यताओं को निशाना बना रहे हैं। परिवार का दावा रहा है कि अभिनव अरोड़ा ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा को महज तीन साल की उम्र में शुरू कर दिया था।
दिल्ली निवासी अभिनव, आज इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगभग एक मिलियन फॉलोअर्स रखते हैं। इंटरनेट पर कई ऐसे लोग हैं जो उनके उनकी भक्ति भाव वाले कंटेंट की सराहना करते हैं, वहीं कई ऐसे भी हैं जो इसे लोकप्रियता की भुख के लिए धर्म का इस्तेमाल तक करार देते हैं। हाल में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अभिनव को “भारत के सबसे युवा आध्यात्मिक वक्ता” के रूप में मान्यता दी है। अभिनव मुख्यतः अब भी विवादों में आए जब एक यूट्यूब चैनल की ओर से उनके पिता तरुण राज अरोड़ा को लेकर एक विस्तृत वीडियो पोस्ट किया गया।
Abhinav Arora की YouTubers पर FIR
साथ ही अभिनव अरोड़ा को तब जबरजस्त ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा जब वृंदावन में आयोजित एक कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने उन्हें मंच पर डांटा, लेकिन बाद में उन्हें आशीर्वाद भी दिया। इस घटना के बाद तमाम लोगों ने यह आरोप लगाते हुए ट्रोलिंग की थी कि सिर्फ एक सोशल मीडिया रील शूट करने के लिए अभिनव और उनका परिवार मंच की गरिमा का मान नहीं रख रहा। वहीं कुछ यूट्यूबर्स ने उनकी आध्यात्मिक व भक्ति पर भी सवाल उठाते हुए, इन चीजों को पीआर स्टंट तक बताया। जाहिर है शायद अभिनव इन सबसे काफी आहत हुए। और अब इस मामले में सामने आ रही ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिनव के वकील की ओर से अदालत में याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि यह ट्रोलिंग न केवल अभिनव बल्कि सनातन धर्म पर भी हमला है।
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आपको बता दें, 28 अक्तूबर को एसीजेएम (प्रथम) सोनिका वर्मा की कोर्ट में मुख्यतः 7 यूट्यूबर के खिलाफ बाल संत अभिनव की ओर से यह याचिका दायर की गई। इसी याचिका को लेकर अभिनव अरोड़ा शुक्रवार को एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचे। लेकिन सुनवाई के दौरान साइबर थाने से आई आख्या के स्पष्ट ना होने के चलते कोर्ट ने साइबर थाने को स्पष्ट आख्या दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अदालत इस मामले पर अब 3 जनवरी को फिर सुनवाई करेगी।
Abhinav Arora Case: किन-किन पर FIR की मांग?
याचिका में इन ट्रोलिंग को एक संगठित अभियान बताया गया, जिसके तहत अभिनव और सनातन धर्म को निशाना बनाने तक की बात कही गई। साथ ही अदालत से मांग की गई है कि ऐसे यूट्यूबर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। रिपोर्ट के हवाले से, अभिनव की याचिका में जिन यूट्यूबर्स का नाम शामिल है, उनमें अंकित पटेल, श्वेताभ गंगवार, राकेश कुमार, अनुराग जोशी, अभिजीत वैष्णव, नितान, देवांश कणाबर और कुछ अन्य अज्ञात लोग हैं। अदालत ने इस मामले में साइबर सेल से रिपोर्ट मांगी है और अगली सुनवाई की तारीख 3 जनवरी 2025 निर्धारित की है।
शुक्रवार को मथुरा पहुंचे अभिनव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें कविता के माध्यम से वह अपनी बात कहते दिखे। उन्होंने कहा कि हम इतने भी बुरे नहीं थे, जितने इल्जाम लगाए लोगों ने। चंद लाइक और व्यूज के लिए न जाने कितनी बात बनाई लोगों ने, भेड़चाल में चलकर न कैसे सब बहक गए, राधा नाम लेने को भी धंधा बताया लोगों ने। मैं अदना सा बालक तो कान्हा जी का सेवक हूं, मेरी तो छोडो इनकी भक्ति का मजाक बनाया लोगों ने।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से धमकी
इसके साथ ही अभिनव से जुड़ा एक विवाद तब भी पैदा हुआ जब अक्टूबर 2024 में अभिनव के परिवार ने दावा किया कि उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जान से मारने की धमकी मिली है। अभिनव की मां ज्योति अरोड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अभिनव ने केवल भक्ति की है। उन्हें इतना कुछ सहना पड़ रहा है। यह बहुत दुखद है कि एक छोटे बच्चे को इस तरह की धमकियां मिल रही हैं।”