We Want OPS: पुरानी पेशन स्कीम की मांग, शुरू हुआ ‘सेल्फी अभियान’
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We Want OPS Selfie Campaign | देश भर में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी लगातार OPS यानी ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ की मांग कर रहे हैं। हाल में सरकार की ओर से पेश की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को अस्वीकार्य करते हुए, कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को ओपीएस (Old Pension Scheme) पुनः बहाल करनी चाहिए। सोशल मीडिया पर ‘We Want OPS’ जैसे अभियान के चलते यह मुद्दा और भी प्रमुख हो गया है। हाल ही में, कई कर्मचारी संगठनों ने ‘We Want OPS‘ सेल्फी अभियान और साइक्लोथॉन जैसी गतिविधियों के जरिए इस मांग को और मुखर किया है।
लंबे समय से भारत में सरकारी कर्मचारियों के बीच पेंशन को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को वापस लाने की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग इसको लेकर लगातार नारे देते नजर आते हैं जैसे – “जो पेंशन की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा” आदि।
We Want OPS (Old Pension Scheme) Protest
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन की स्थिरता, फैमिली पेंशन, और महंगाई भत्ते जैसी विशेषताएँ इसे कर्मचारियों के बीच सबसे लोकप्रिय बनाती हैं। दूसरी ओर, न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में शेयर बाजार के जोखिम के कारण अनिश्चितता बनी रहती है, जिससे कर्मचारी असुरक्षित महसूस करते हैं। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) भी कुछ हद तक ही निश्चित पेंशन और महंगाई भत्ते का प्रावधान करती नजर आती है।
हालांकि, सरकारी कर्मचारियों की लगातार मांग यह बताती है कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) उनकी पहली पसंद है, क्योंकि इसमें सबसे अधिक वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
आज हमारी चंडीगढ़ की टीम AINPSEF चंडीगढ़ ने सत्यवीर डागुर, श्याम सागर, रामसेवक मौर्य, मांजनिक कौर के नेतृत्व में #OPS यानी पुरानी पेंशन बहाली के लिए साइक्लोथॉन का आयोजन किया और भारत सरकार को #wewantOPS का संदेश भेजा।#ManjeetSinghPatel pic.twitter.com/HzJZZfEFOE
— Dr Manjeet Singh Patel (@ManjeetIMOPS) September 8, 2024
We Want OPS: ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) क्या है?
ओल्ड पेंशन स्कीम वह पेंशन योजना है, जो 2004 से पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू थी। यह योजना कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन प्रदान करती थी। इसके तहत रिटायरमेंट के समय की आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता था, जिससे कर्मचारियों का वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती थी। OPS की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- निश्चित पेंशन: OPS के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनके वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता है।
- जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF): GPF के तहत सरकारी कर्मचारियों को नियमित बचत का एक सुरक्षित विकल्प दिया जाता था।
- महंगाई भत्ता (DA): हर 6 महीने पर बढ़ने वाले महंगाई भत्ते के साथ कर्मचारियों की पेंशन में बढ़ोतरी होती रहती थी।
- फैमिली पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को भी पेंशन मिलती रहती थी।
- सरकारी वित्त: इस योजना के तहत पेंशन का भुगतान सरकार की ट्रेजरी से होता था।
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) क्या है?
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को 1 जनवरी 2004 के बाद से लागू किया गया, जिसमें सरकार और कर्मचारी दोनों को पेंशन फंड में योगदान देना पड़ता है। यह योजना बाजार आधारित है, जिसमें पेंशन राशि शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। NPS की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
- कर्मचारी योगदान: NPS में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए का 10% हिस्सा पेंशन फंड में योगदान के रूप में कटता है।
- बाजार आधारित जोखिम: NPS पूरी तरह से शेयर बाजार पर आधारित है, जिससे इसमें जोखिम की संभावना रहती है।
- निवेश अनिवार्यता: रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% हिस्सा निवेश करना अनिवार्य है।
- DA का अभाव: NPS में महंगाई भत्ते (DA) का प्रावधान नहीं है, जिससे पेंशन की राशि स्थिर नहीं होती।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
हाल ही में पेश की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को कर्मचारियों और सरकार दोनों के बीच संतुलन बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। UPS में भी कुछ हद तक निश्चित पेंशन की गारंटी दी गई है और महंगाई के हिसाब से पेंशन में वृद्धि का प्रावधान भी है। UPS की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- निश्चित पेंशन: UPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी अंतिम 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता है।
- फैमिली पेंशन: UPS के तहत, कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को 60% पेंशन मिलती रहती है।
- न्यूनतम पेंशन की गारंटी: UPS में कम सेवा अवधि वाले कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन गारंटी दी गई है।
- महंगाई का ध्यान: UPS में DA के आधार पर पेंशन, फैमिली पेंशन और न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की जाती है, जिससे महंगाई के प्रभाव से बचाव होता है।
- ग्रेच्युटी और अतिरिक्त लाभ: UPS में 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी और अतिरिक्त भुगतान का प्रावधान है, जो कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर मिलता है।
OPS vs NPS vs UPS: कौन सी योजना है बेहतर?
अब जब हमने तीनों योजनाओं की प्रमुख विशेषताओं को समझा, तो यह स्पष्ट है कि हर योजना के अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए एक तुलनात्मक विश्लेषण करें:
पेंशन की गारंटी:
- OPS: OPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी होती है।
- NPS: NPS में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती है, क्योंकि यह शेयर बाजार पर आधारित है।
- UPS: UPS में भी निश्चित पेंशन की व्यवस्था है, जो कि रिटायरमेंट से पहले की एवरेज सैलरी पर आधारित होती है।
महंगाई भत्ता (DA):
- OPS और UPS: दोनों योजनाओं में महंगाई भत्ता पेंशन में शामिल किया जाता है।
- NPS: NPS में DA का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे पेंशन की राशि स्थिर रहती है।
कर्मचारी योगदान:
- OPS: OPS में कर्मचारियों को पेंशन के लिए कोई योगदान नहीं करना पड़ता।
- NPS: NPS में कर्मचारियों की सैलरी से 10% हिस्सा कटता है।