Avadh Ojha: नामी UPSC शिक्षक अवध ओझा AAP में हुए शमिल, लड़ेंगे चुनाव
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में मशहूर टीचर अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अटकलें हैं कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनकी सीट और टिकट लगभग तय हो चुका है।
UPSC Teacher Avadh Ojha Joins AAP | दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ा चेहरा अपने साथ जोड़ा है। प्रसिद्ध कोचिंग शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा ने AAP का दामन थाम लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल किया। ओझा के पार्टी में आने से दिल्ली में शिक्षा और राजनीति के मेल का नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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अवध ओझा आप के साथ (Avadh Ojha Joins AAP)
अवध ओझा को पार्टी में शामिल करते हुए अरविंद केजरीवाल ने उनकी जमकर सराहना की। उन्होंने कहा:
“अवध ओझा देश में शिक्षा के क्षेत्र का एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने लाखों बच्चों को अपने ज्ञान से सशक्त बनाया है। उनका हमारी पार्टी में शामिल होना, शिक्षा व्यवस्था को और मजबूती देगा।”
केजरीवाल ने यह भी कहा कि ओझा सर जैसे व्यक्ति के शामिल होने से दिल्ली सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में बनाई गई नीतियां और मजबूत होंगी।
अवध ओझा जी के AAP में आने से देश की शिक्षा होगी मजबूत ✒️📚
“अवध ओझा जी ने लाखों युवाओं को अच्छी शिक्षा देकर रोज़गार और जीवन जीने के लायक़ बनाया है। आज इनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने से देश की शिक्षा मजबूत होगी।”@ArvindKejriwal pic.twitter.com/Pqt0TOAslV
— AAP (@AamAadmiParty) December 2, 2024
AAP: कौन हैं अवध ओझा (Avadh Ojha)?
अवध ओझा, जिन्हें “ओझा सर” के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के निवासी हैं। वे एक प्रख्यात शिक्षक, मोटिवेशनल स्पीकर, और कोचिंग इंडस्ट्री में बड़ा नाम हैं। उन्होंने UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लाखों छात्रों को मार्गदर्शन दिया है। उनका आकर्षक व्यक्तित्व और शिक्षण शैली युवाओं के बीच उन्हें एक प्रेरणा स्त्रोत बनाती है।
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उनके द्वारा दिए गए मोटिवेशनल वीडियो और भाषण सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते हैं, जिससे उनकी फॉलोइंग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि ओझा सर की यह लोकप्रियता दिल्ली चुनाव में एक मजबूत सहारा साबित हो सकती है।
राजनीति के जरिए शिक्षा में सुधार का उद्देश्य
AAP में शामिल होने के बाद अवध ओझा ने पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“शिक्षा समाज और राष्ट्र की आत्मा है। राजनीति के माध्यम से मैं शिक्षा के विकास के लिए काम करना चाहता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में सुधार ही उनका सर्वोच्च उद्देश्य रहेगा। ओझा का मानना है कि हर महान देश की जड़ें उसकी शिक्षा व्यवस्था में होती हैं, और इसे मजबूत करने के लिए वे राजनीति को एक जरिया मानते हैं।
AAP की शिक्षा क्रांति को और मजबूत करेंगे प्रख्यात शिक्षक अवध ओझा जी🙏
“राजनीति में आकर शिक्षा के विकास के लिए काम करना ही मेरा सर्वोत्तम उद्देश्य है” 📚💯
~ अवध ओझा जी pic.twitter.com/A8GTtw3mbz
— AAP (@AamAadmiParty) December 2, 2024
दिल्ली चुनाव में टिकट की संभावना
सूत्रों के अनुसार, अवध ओझा को आम आदमी पार्टी से टिकट दिए जाने की पूरी संभावना है। हालांकि, पार्टी ने अब तक उनकी सीट की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए एक अहम सीट से उन्हें मैदान में उतार सकती है।
ओझा के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले यह अटकलें थीं कि वे भाजपा के संपर्क में थे और प्रयागराज से लोकसभा का टिकट चाहते थे। हालांकि, अब उन्होंने AAP में शामिल होकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
दिल्ली चुनाव में AAP की रणनीति: नए चेहरों पर फोकस
AAP इस बार अपने उम्मीदवारों की सूची में कई बदलाव कर रही है। पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, जिसमें तीन मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया गया है। पार्टी उन सीटों पर नए चेहरों को उतारने की कोशिश कर रही है, जहां पिछली बार हार हुई थी।
अवध ओझा जैसे नए चेहरे के शामिल होने से पार्टी को उम्मीद है कि वह युवा वर्ग को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती है। अवध ओझा का राजनीति में प्रवेश इस बात की ओर इशारा करता है कि अब शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ भी अपनी भूमिका राजनीति में देख रहे हैं। ओझा सर जैसे व्यक्ति का राजनीति में आना यह भी दिखाता है कि शिक्षा और राजनीति एक-दूसरे के पूरक बन सकते हैं।
अवध ओझा का आम आदमी पार्टी में शामिल होना न केवल AAP के लिए बल्कि दिल्ली की राजनीति के लिए भी एक बड़ा घटनाक्रम है। उनकी लोकप्रियता, शिक्षण का अनुभव, और युवाओं के बीच प्रभाव निश्चित रूप से पार्टी को फायदा पहुंचा सकता है। आने वाले विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि ओझा सर का यह कदम कितना सफल होता है।