Online Asset Declaration: यूपी सरकार के 13 लाख कर्मचारियों को ‘नो सैलरी’?
उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण 31 अगस्त, 2024 तक “मानव संपदा पोर्टल” (Manav Sampada Portal) पर जमा करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर वेतन (Salary) और पदोन्नति (Promotion) रोक ड़ी जाएगी।
UP Govt Employee Online Asset Declaration Through Manav Sampada Portal | उत्तर प्रदेश में 13 लाख से अधिक राज्य सरकार के कर्मचारियों के अगस्त महीनें के वेतन पर तलवार लटकनी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को अल्टीमेटम देते हुए एक सख्त आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण 31 अगस्त, 2024 तक “मानव संपदा पोर्टल” पर जमा करना अनिवार्य है।
सरकार ने साफ किया है कि अगर कोई राज्य सरकार में कार्यरत कर्मचारी तय की गई इस नई समयसीमा के भीतर अपनी सभी संपत्तियों का विवरण जमा नहीं करता है तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
Overview (Table of Contents)
Online Asset Declaration UP: समय सीमा
यूपी सरकार ने अगस्त 2023 में ही एक आदेश पारित किया था, जिसके तहत राज्य सरकार के अधीन काम करने वाले सभी सरकारी अधिकारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया था। सरकार ने इस आदेश के लिए पहले 31 दिसंबर 2023 की समय सीमा तय की थी।
लेकिन अधिकांश कर्मचारी इस आदेश का पालन करने में विफल साबित होते रहे, जिसके चलते कई बार डेडलाइन बढ़ाई गई। लेकिन अब सरकार ने लगभग 1 साल बाद, अंतिम समय सीमा के रूप में 31 अगस्त की तारीख घोषित कर दी है।
समय सीमा | विवरण |
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31 दिसंबर 2023 | प्रारंभिक समय सीमा |
30 जून 2024 | पहली बार बढ़ाई गई समय सीमा |
31 जुलाई 2024 | दूसरी बार बढ़ाई गई समय सीमा |
31 अगस्त 2024 | वर्तमान और अंतिम समय सीमा |
यूपी: कितने कर्मचारी Online Asset Declaration कर चुके हैं?
उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के अधीन काम करने वाले कुल कर्मचारियों की संख्या 17,88,429 बताई जाती है, जिसमें विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, अब तक महज 26% कर्मचारियों ने अपनी संपत्तियों का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज किया है।
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मतलब साफ है, उत्तर प्रदेश सरकार के 13 लाख से अधिक कर्मचारी अभी भी ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक सरकार के आदेश का पालन न करते हुए अपनी संपत्ति का विवरण जमा नहीं किया है।
क्या कर्मचारी समय सीमा का पालन करेंगे?
31 अगस्त के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कितने सरकारी कर्मचारी इस आदेश का पालन करते हैं। सरकार के इस कड़े रुख का उद्देश्य भ्रष्टाचार को समाप्त करना है, लेकिन इसकी सफलता का आकलन समय के साथ ही किया जा सकेगा।
यह स्पष्ट है कि पारदर्शिता और जवाबदेही के संदर्भ में यह निर्णय राज्य के कर्मचारियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में यह एक बड़ा कदम हो सकता है। सरकार का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है। योगी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करती है, और यह आदेश उसी का हिस्सा है।
Online Asset Declaration न करने के परिणाम
मुख्य सचिव के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारी नियम, 1956 के नियम 24 के तहत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण मानव संसाधन पोर्टल के माध्यम से जमा करना होगा। राज्य सरकार द्वारा विकसित यह पोर्टल कर्मचारियों को समय पर, कुशल और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि 31 अगस्त तक जो कर्मचारी अपनी संपत्ति का विवरण नहीं देंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति भी रोक दी जाएगी।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा, “यह कदम सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है।”
विपक्ष का विरोध और आलोचना
विपक्ष ने सरकार के इस आदेश की कड़ी आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि बार-बार समय सीमा बढ़ाने से यह स्पष्ट होता है कि सरकार अपने ही आदेश को लागू करने में विफल रही है। उनका मानना है कि यह आदेश कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव डालता है और इसे उचित तरीके से लागू नहीं किया गया है।
मानव संपदा पोर्टल: एक परिचय
सरकार का “मानव संपदा” एक ऑनलाइन पोर्टल – ehrms[dot]upsdc[dot]gov[dot]in – है जिसे सरकारी कर्मचारियों की व्यक्तिगत और सेवा संबंधी जानकारी को प्रबंधित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस पोर्टल का उपयोग करते हुए, कर्मचारी अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण दर्ज कर सकते हैं। यह पोर्टल पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मानव संपदा पोर्टल के लाभ
- कर्मचारियों की जानकारी का केंद्रीकरण: सभी सरकारी कर्मचारियों की जानकारी एक स्थान पर उपलब्ध होती है।
- पारदर्शिता में वृद्धि: संपत्ति का विवरण ऑनलाइन होने से पारदर्शिता बढ़ती है।
- सरकारी कार्यों में सुगमता: कर्मचारियों की जानकारी तुरंत उपलब्ध होने से कार्य प्रक्रिया तेज होती है।