FSSAI Sweets Expiry Date Rule: खुली मिठाइयों पर ‘एक्सपायरी डेट’ लिखना अब जरूरी नहीं
खुली या बिना पैकिंग वाली मिठाइयों की ट्रे आदि पर अब ‘बेस्ट बिफोर डेट’ (Expiry Date of Sweets) लिखना अनिवार्य नहीं है। लेकिन FSSAI ने आगामी त्यौहारी सीजन में मिलावट को लेकर सख्ती करने का फैसला किया है।
Sweets Expiry Date Rule | भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में एक अहम निर्णय लेते हुए खुली या बिना पैकेजिंग वाली मिठाइयों पर ‘बेस्ट बिफोर डेट’ (एक्सपायरी डेट) दिखाने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अब खाद्य व्यापार संचालकों या फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBOs) के लिए ऐसी मिठाइयों पर ‘बेस्ट बिफोर डेट’ की जानकारी देना जरूरी नहीं होगा। हालांकि वे इसे स्वैच्छिक रूप से ऐसा करना जारी रख सकते हैं, लेकिन कानूनी रूप से अब बाध्य नहीं होंगे।
खुली या बिना पैकेजिंग वाली मिठाइयों पर ‘बेस्ट बिफोर डेट’ लिखने का यह प्रावधान पहले 2011 के खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियमों के तहत लागू किया गया था। लेकिन अब इन पुराने नियमों को 2020 के नए खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और डिस्प्ले) विनियमों द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया है। FSSAI अधिकारियों ने पाया कि 2020 के इन नियमों में गैर-पैकेजिंग और खुले खाद्य पदार्थों पर तारीख के निशान को लेकर और विचार-विमर्श की आवश्यकता है। यह जानकारी फ्री प्रेस जर्नल की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है।
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Sweets Expiry Date Rule
इसी कारण से FSSAI ने 25 सितंबर 2020 को जारी किए गए निर्देशों को फिलहाल निलंबित करने का निर्णय लिया है, जिसमें खुली मिठाई के कंटेनर और ट्रे पर बेस्ट बिफोर डेट दर्शाने की बात कही गई थी। एफएसएसएआई के अनुसार, यह फैसला एफबीओ की किसी मांग के कारण नहीं लिया गया, बल्कि यह तकनीकी कारणों से लिया गया है।
वैसे भले डेट मार्किंग का नियम वापस ले लिया गया है, लेकिन हर साल त्योहारों के मौसम के दौरान FDA (खाद्य और औषधि प्रशासन) मिठाई विक्रेताओं और निर्माताओं के लिए कुछ निर्देश जारी करता है। इनमें स्वच्छ परिस्थितियों में मिठाई बनाने, पीने योग्य पानी के उपयोग, तापमान जांच और कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच शामिल है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे किसी भी संक्रमण या त्वचा रोग से मुक्त हैं।
इसके बावजूद, कई मिठाई विक्रेता इन नियमों का उल्लंघन करते हैं और एफडीए द्वारा इनकी नियमित जांच कम ही की जाती है। दूसरी ओर, एफडीए का कहना है कि मिठाई विक्रय स्थलों पर नमूना परीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है और त्योहारों के मौसम में निरीक्षण बढ़ा दिया जाता है, क्योंकि इस दौरान मिठाइयों की खपत अधिक होती है।
‘बेस्ट बिफोर डेट’ लिखने की अनिवार्यता खत्म करने संबंधित इस फैसले के बाद मिठाई विक्रेताओं को कुछ राहत मिली है, लेकिन उपभोक्ताओं को अभी भी मिठाइयों की गुणवत्ता और ताजगी पर विशेष ध्यान देना होगा।
FSSAI की सख्ती
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने त्योहारों के मौसम को देखते हुए मिलावट रोकने के लिए एक सख्त कदम उठाया है। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मिठाई, नमकीन, घी, खोया और पनीर जैसे दूध से बने उत्पादों की सख्ती से जांच की जाए।
Food Safety and Standards Authority of India has written to the Commissioners of Food Safety of all states/UTs, all central licensing authorities of FSSAI, all regional directors of FSSAI regarding “special drives to check adulteration of sweets, savouries, milk and milk products… pic.twitter.com/9OCY6U3L3W
— ANI (@ANI) September 13, 2024
त्योहारी मांग को पूरा करने के प्रयास में अक्सर इन खाद्य पदार्थों में मिलावट की जाती है, जिससे उपभोक्ताओं की सेहत को गंभीर खतरे हो सकते हैं। इसे रोकने के लिए FSSAI ने मिलावट के प्रमुख क्षेत्रों पर गहन निगरानी रखने की हिदायत दी है।
इसके अलावा, उपभोक्ताओं को भी इस दौरान जागरूक रहने की जरूरत है। गुणवत्ता और स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए, संदिग्ध उत्पादों की सूचना अधिकारियों तक पहुंचानी चाहिए ताकि मिलावट के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो सके।
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