पीएम मोदी ने किया सुदर्शन सेतु का लोकार्पण, रितेश पांडे BJP में शामिल
पीएम मोदी ने अरब सागर में बने सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया है. बीएसपी सांसद रितेश पांडे ने भाजपा ज्वाइन कर ली है.
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व पीएम मोदी ने गुजरात का दौरा किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सुदर्शन सेतु‘ (Sudarshan Setu Details) को देश को समर्पित किया. यह देश का सबसे लंबा केबल आधारित पुल है. सुदर्शन सेतु नामक यह पुल अरब सागर में स्थित है. द्वारका में एक सार्वजनिक समारोह के तहत पीएम ने यह सौगात दी.
Sudarshan Setu Details: सुदर्शन सेतु मुख्य रूप से ओखा मुख्य भूमि और बेयत द्वारका द्वीप को जोड़ने का काम करेगा. पुल की लंबाई लगभग 2.32 किलोमीटर है. इस लिहाज से यह देश का सबसे लंबा केबल पुल बन गया है. इसे करीब 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
सुदर्शन सेतु पुल का डिजाइन भी देखते ही बनता है. इसमें दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोक अंकित हैं. साथ ही पुल में प्रभु श्री कृष्ण की छवियों को भी दर्शाया गया है. पुल में बने पैदलपथ में सौर पैनल भी लगाए गए हैं. इसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1 MW (मेगावाट) बताई जा रही है.
આજે દ્વારકા ખાતે “સુદર્શન સેતુ” નું ઉદ્ઘાટન કરતા ખૂબજ આનંદ થયો.
આ સેતુનું નિર્માણ એ વિકાસ માટેની અમારી પ્રતિબદ્ધતા દર્શાવે છે અને આનાથી પ્રવાસન પ્રવૃત્તિને મોટા પ્રમાણમાં વેગ મળશે. pic.twitter.com/Cv9X0by8Vb
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024
अपने दौरे के तहत पीएम मोदी ने द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन भी किए. उन्होंने द्वारका में 4,150 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण भी किया. साथ ही पीएम मोदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) राजकोट भी विजिट करेंगे.
रितेश पांडे BJP में शामिल
लोकसभा चुनाव से पहले मायावती के नेतृत्व वाली बसपा को एक बड़ा झटका देते हुए यूपी के अंबेडकरनगर से लोकसभा सांसद रितेश पांडे ने भाजपा का दामन थाम लिया है. सांसद रितेश पांडे ने रविवार 25 फरवरी को बसपा (BSP) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
गौरतलब है कि रितेश पांडे हाल में तब भी सुर्खियों में रहे थे जब उन्होंने संसद में 8 अन्य सांसदों संग पीएम मोदी के साथ लंच किया. बीएसपी छोड़ने के पीछे सांसद ने कहा कि लंबे समय से उन्हें पार्टी की बैठकों में नहीं बुलाया जा रहा था और न ही नेतृत्व के स्तर पर उनका संवाद हुआ था. उनके मुताबिक, उन्होंने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क और मायावती से भेंट करने की कई कोशिशें की लेकिन सफलता नहीं मिली.