Shipwreck With Champagne Bottles: समुद्र में नीचे मिलीं 171 साल पुरानी 100 शैंपेन बोतलें
समुद्र में नीचे एक 171 साल पुराना जहाज मिला है, जिसमें 100 शैंपेन बोतलें (Shipwreck With Champagne Bottles), मिनरल वॉटर और पॉर्सिलेन जैसे समुद्री ख़जाना मिला है।
हाल ही में, बाल्टिक सागर में 171 साल पहले डूबे एक अनूठे जहाज का मलबा मिला है, जिसे पहले एक मछली पकड़ने वाली नाव समझा गया था। लेकिन जब डाइवर्स ने जांच की, तो उन्होंने पाया कि यह 19वीं सदी का एक ऐतिहासिक सेलिंग शिप था, जो शाही शैंपेन, मिनरल वॉटर और पॉर्सिलेन से भरा (Shipwreck With 171 Year Old Champagne Bottles Found Under Sea) हुआ था। यह किसी समुद्री खजाने से कम नहीं है।
इस खोज ने समुद्री इतिहास में एक नई चर्चा शुरू कर दी है। जहाज में मिली चीजों में शैंपेन की बोतलें भी शामिल हैं, वो भी लगभग 100 के करीब, जो टूटी नहीं हैं और जिनमें आज भी शैम्पेन भरी हुई है। ब्रिटेन के लगभग 40 गोतोखोरों ने स्वीडन में बाल्टिक सागर में लगभग 190 फीट की गहराई में यह मलबा हासिल किया है। इस मलबे की सुरक्षा अब पुलिस कर रही है।
Overview (Table of Contents)
Shipwreck With 171 Year Old Champagne Bottles Found Under Sea
समुद्र के नीचे पुराना जहाज | Old Ship Found Recently
जानकारी के अनुसार, समुद्र में मिला ये जहाज रूस के जार निकोलस प्रथम के राज्य में जा रहा था। यह बात साल 1852 की बताई जा रही है। लेकिन किन्ही कारणों के चलते यह जहाज समुद्र में डूब गया। वैसे रिपोर्ट्स बताती हैं कि वैज्ञानिकों ने जहाज के पास से मिली मिट्टी की जांच की। इससे सामने आया है कि यह जहाज सन 1850-67 के बीच का बताया जा रहा है। लेकिन 19वीं सदी का यह जहाज अभी भी ठीक हालत में है।
Shipwreck Champagne Bottles, ये है ब्रांड
इस जहाज में मिली पानी की बोलतें जिस ब्रांड की हैं, वह आज भी मौजूद है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, जहाज पर ही सेल्टर्स नामक जर्मन ब्रांड की मिनरल वाटर की बोतलें मिलीं हैं। यह बोतलें एक मिट्टी के बर्तन बनाने वाली फैक्ट्री में बनाई गई थीं। यह कंपनी आज भी मौजूद है और उसने कथित रूप से इसकी पुष्टि की है कि पानी की बोतलें उनकी ही कंपनी की हैं।
इस बीच शैंपेन कि ब्रांड का अभी तक पता नहीं चल सका है। लेकिन तमाम बोतलों में से एक के कॉर्क पर अक्षर R छपा बताया जा रहा है। शैंपेन और पानी की बोतलें कुछ टोकरियों में रखी हुई थीं।
मलबे में पाया गया खजाना
- खोज: यह मलबा स्वीडन के ओलैंड द्वीप के दक्षिण में लगभग 20 समुद्री मील (37 किमी) की दूरी पर पाया गया।
- खजाना: डाइवर्स ने जहाज़ में 100 से अधिक शैंपेन की बोतलें और मिनरल वॉटर की बॉटलें पाई।
- डेटिंग: मिट्टी की पानी की बोतलें, जिन पर जर्मन कंपनी सेलेर्ट्स का ब्रांड नाम था, ने मलबे को 1850 से 1867 के बीच का बताया।
शाही जुड़ाव का अनुमान – Shipwreck Champagne Bottles
पोलिश डाइविंग ग्रुप बाल्टिटेक के प्रमुख, तोमास्ज़ स्टाचुरा, ने इस खोज को “खजाना” करार दिया है और यह मानते हैं कि यह शिप रूस के ज़ार निकोलस I के लिए हो सकता है। स्टाचुरा के अनुसार, 1852 में इस क्षेत्र में एक जहाज़ खो जाने की रिपोर्ट है, जो इस थ्योरी को समर्थन प्रदान करती है।
खजाने का मूल्य और संरक्षण
मिनरल वॉटर और शैंपेन की बोतलें अत्यधिक मूल्यवान थीं, और इन्हें शाही मेज़ों पर ही पेश किया जाता था। उस समय, मिनरल वॉटर को “दवा की तरह” माना जाता था और इसे पुलिस द्वारा सुरक्षित किया जाता था।
शैंपेन की स्थिति:
- 58 मीटर गहराई पर, ठंडे और अंधेरे वातावरण में, शैंपेन के लिए आदर्श परिस्थितियाँ थीं।
- हालांकि शैंपेन की फिज़ खो चुकी होगी, लेकिन इसकी गुणवत्ता अभी भी “पैलेटेबल” हो सकती है।
भविष्य की योजनाएँ
हालांकि इस खजाने को अभी समुद्र के नीचे ही रखा गया है, स्वीडिश अधिकारियों को सूचित किया गया है और इसके सतह पर लाने के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाएँ चल रही हैं। स्टाचुरा का कहना है कि एक साल और इंतजार करना होगा, लेकिन भविष्य में इस मलबे के बारे में और जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
FAQs – Shipwreck Found Recently
1. यह 19वीं सदी का जहाज़ कहाँ पाया गया?
यह जहाज़ स्वीडन के ओलैंड द्वीप के दक्षिण में लगभग 20 समुद्री मील की दूरी पर पाया गया।
2. जहाज़ में क्या-क्या सामग्री थी?
इस जहाज़ में 100 से अधिक शैंपेन की बोतलें, शैंपेन (Shipwreck Champagne Bottles), मिनरल वॉटर की बोतलें और पॉर्सिलेन पाया गया।
3. इस खोज का शाही जुड़ाव क्या है?
पोलिश डाइविंग ग्रुप के प्रमुख, तोमास्ज़ स्टाचुरा का मानना है कि यह जहाज़ रूस के ज़ार निकोलस I के लिए हो सकता है।
4. शैंपेन की स्थिति कैसी है?
हालांकि शैंपेन की फिज़ खो चुकी होगी, ठंडे और अंधेरे समुद्री परिस्थितियाँ इसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाए रख सकती हैं।
5. इस खजाने को सतह पर कब लाया जाएगा?
अभी के लिए, खजाना समुद्र के नीचे ही रहेगा और स्वीडिश अधिकारियों द्वारा इसकी सतह पर लाने की प्रक्रिया चल रही है।
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