उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को लेकर परीक्षाओं में देरी, लंबित रिजल्ट और PET की जटिलताओं आदि में सुधार के लिए ‘REFORM UPSSSC’ कैंपेन की शुरुआत की गई। Exampur के विवेक कुमार ने छात्रों से अपने-अपने क्षेत्रों में स्थानीय MLA/MP को भी ज्ञापन सौंपनें का आह्वान किया।
Reform UPSSSC |उत्तर प्रदेश सबऑर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन या यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के संचालन व कार्यप्रणाली को लेकर हाल के वर्षों में कई सवाल उठाए गए हैं। इसके प्रमुख कारणों में परीक्षाओं की देरी, लंबित परिणाम, और PET जैसी विवादित प्रक्रिया शामिल हैं। और अब इन मुद्दों को उठाते हुए Exampur कोचिंग के संचालक और मशहूर शिक्षक विवेक कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर व्यापक सुधारों की मांग की है। उन्होंने युवाओं से “REFORM_UPSSSC” कैंपेन के तहत अपनी आवाज उठाने की अपील की है, ताकि UPSSSC में आमूलचूल परिवर्तन हो सकें। इसके लिए उन्होंने छात्रों से अपने-अपने क्षेत्रों में स्थानीय MLA/MP को भी ज्ञापन सौंपनें का आह्वान किया।
इसके साथ ही छात्रों और समाज के तमाम वर्गों से इसमें सक्रिय सहयोग देने की अपील की गई है। विवेक कुमार ने जोर दिया है कि इन सुधारों से प्रदेश में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और युवाओं का भविष्य बेहतर होगा। आइए विस्तार से समझते हैं कि UPSSSC में सुधार को लेकर प्रमुख मांगें क्या है और इस कैम्पेन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
Overview (Table of Contents)
Reform UPSSSC: क्या हैं प्रमुख मांगें?
विवेक कुमार द्वारा साझा किए गए सुधारों की सूची में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया है। ये मांगें सीधे तौर पर छात्रों और युवाओं के भविष्य से जुड़ी हैं। इन मांगों को विस्तार से समझते हैं:
मांग
विवरण
PET को हटाना
Preliminary Eligibility Test (PET) को हटाने या फिर इसमें सुधार की मांग काफी समय से की जा रही है। बहुत से लोगों का मत रहा है कि PET के कारण बहुत से उम्मीदवारों का समय बर्बाद हो रहा है, जबकि इसके विकल्प के रूप में एक कॉमन कट-ऑफ प्रणाली होनी चाहिए। इससे चयन प्रक्रिया सरल और त्वरित हो सकेगी।
वार्षिक कैलेंडर जारी हो
हर साल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा समय पर भर्ती परीक्षाओं का वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए ताकि छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके और अनिश्चितता कम हो।
लंबित एग्जाम जल्द हो
पिछले कई वर्षों से कई महत्वपूर्ण परीक्षाएँ लंबित हैं। इनमें तेजी लाने और समय पर आयोजित कराने की मांग की जा रही है।
लंबित परिणाम जल्द जारी हो
परीक्षाओं के परिणाम में देरी छात्रों के भविष्य को प्रभावित करती है। लंबे समय से अटके हुए परिणामों को जल्द जारी करने की जरूरत है।
रिजर्व लिस्ट का प्रावधान
रिजर्व लिस्ट जारी करने का प्रावधान आवश्यक है ताकि चयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।
Exampur के विवेक कुमार ने उठाई आवाज
विवेक कुमार ने X (पहले ट्विटर) पर अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि UPSSSC की कार्यप्रणाली ने पिछले कई वर्षों से युवाओं का समय व्यर्थ किया है। युवाओं की सरकार से बहुत अपेक्षाएँ हैं और इस दिशा में सुधार की अति आवश्यकता है।
उनका मानना है कि केवल सोशल मीडिया पर अभियान चलाना ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों और विधायकों से मिलकर ज्ञापन सौंपें। यह ज्ञापन शांतिपूर्वक दिया जाए, ताकि सरकार इस पर जल्द से जल्द विचार करे और आवश्यक कदम उठाए।
विवेक कुमार ने यह भी कहा है कि यदि UPSSSC में सुधार होते हैं तो हर साल 20,000 से अधिक नौकरियों का रास्ता खुल सकता है। इसके लिए REFORM UPSSSC कैंपेन के साथ सभी युवाओं को संगठित होकर आवाज उठानी होगी।
REFORM UPSSSC अभियान केवल सोशल मीडिया पर चलाया जाने वाला एक कैंपेन नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं की समस्याओं को सरकार तक पहुँचाना है। इसमें शामिल प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
सरकार तक आवाज पहुंचाना: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अभियान चलाने के साथ-साथ सांसदों और विधायकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना इस अभियान का प्रमुख हिस्सा है।
छात्रों की समस्याओं को हल करना: छात्रों को PET जैसी जटिलताओं से निजात दिलाने और उन्हें समय पर नौकरियों का अवसर प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है।
नौकरी की संभावना: यदि UPSSSC में सुधार होते हैं, तो प्रत्येक वर्ष हजारों नौकरियों की संभावनाएँ खुलेंगी, जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
UPSSSC में सुधार की आवश्यकता क्यों है?
UPSSSC पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएँ आयोजित करता आ रहा है, लेकिन इसकी कार्यप्रणाली में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है। कुछ प्रमुख समस्याएँ जो सुधार की मांग को बढ़ावा देती हैं, वे निम्नलिखित हैं:
परीक्षाओं में देरी: परीक्षाओं का समय पर न होना और उनकी तिथियों में बदलाव छात्रों के लिए समस्या बन गया है।
परिणामों की देरी: परिणामों की घोषणा में हो रही देरी से छात्रों की तैयारी और भविष्य की योजनाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
लंबित परीक्षाएँ और नौकरियों का संकट: कई भर्ती प्रक्रियाएँ लंबित हैं, जिससे नौकरियों का संकट उत्पन्न हो रहा है।
PET की अनिवार्यता: PET ने चयन प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है, जिससे छात्र मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।
अभियान में कैसे हो सकता है योगदान?
यदि आप UPSSSC में सुधारों के पक्ष में हैं और इस अभियान का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आप X, Facebook, Instagram जैसे प्लेटफार्म्स पर #REFORM_UPSSSC का उपयोग करके सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। इसके साथ ही विवेक कुमार ने स्पष्ट कहा है कि स्थानीय सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपकर अपनी बात को शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त किया जा सकता है। लेकिन इस दौरान शांति और अनुशासन को प्राथमिकता देना ज़रूरी है, ताकि यह आंदोलन सकारात्मक दिशा में बढ़ सके।
UPSSSC में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, और अब विवेक कुमार जैसे शिक्षकों द्वारा उठाई गई आवाज ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जा सकने की उम्मीद दी है। सरकार से इन मांगों पर सकारात्मक विचार करने की उम्मीद की जा रही है ताकि लाखों युवाओं का भविष्य बेहतर हो सके।
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