कतर से रिहाई के बाद स्वदेश लौटे पूर्व नौसैनिक ने ‘पीएम मोदी’ को लेकर ये कहा..
कतर में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को किया गया रिहा. भारत पहुँचे और प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कही ये बात?
कूटनीतिक स्तर पर भारत ने एक बड़ी जीत दर्ज करते हुए, कतर से 8 भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारियों की रिहाई सुनिश्चित की है. इससे पहले नेवी के इन 8 पूर्व कर्मचारियों को कथित जासूसी के आरोपों के चलते कतर में मौत (फांसी) की सजा सुनाई गई थी. लेकिन 8 में से 7 भारतीय अब सकुशल वतन लौट आए हैं, और इनमें से एक ने कहा कि “अगर पीएम मोदी हस्तक्षेप नहीं करते तो हम आपके सामने यहाँ खड़े नहीं हो (Qatar Released 8 Navy Veterans Praises PM Modi) पाते”.
कतर से भारत लौटे नौसेना के एक पूर्व कर्मचारी का कहना रहा;
“हम सुरक्षित भारत आकर बहुत खुद हैं. हम इसके लिए पीएम मोदी का शुक्रिया करना चाहते हैं. यह सिर्फ उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और भारत सरकार के लगातार प्रयासों के चलते संभव हो सका.”
#WATCH | Delhi: One of the Navy veterans who returned from Qatar says, "It wouldn't have been possible for us to stand here without the intervention of PM Modi. And it also happened due to the continuous efforts of the Government of India." pic.twitter.com/bcwEWvWIDK
— ANI (@ANI) February 12, 2024
इनकी रिहाई और भारत वापसी की पुष्टि खुद केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से की गई. मंत्रालय के अनुसार, 8 पूर्व नेवी अधिकारियों में से 7 भारत वापस आ चुके हैं. केंद्र सरकार ने इन सभी के रिहाई के फैसले का स्वागत किया गया।
Qatar Released 8 Navy Veterans Praises PM Modi
इंडियन नेवी ये सभी 8 पूर्व कर्मचारी व भारतीय नागरिक कतर की जेल में अक्टूबर 2022 से ही बंद थे. ये सभी दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करते थे. कतर में इन्हें पनडुब्बी से जुड़ी कथित जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार किया था. सभी 8 व्यक्ति भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कर्मचारी हैं. यह कथित जासूसी का मामला कतर की एक अदालत ने चला, जहां इन्हें फांसी (मौत) की सजा सुनाई गई. इस मामले में बहुत अधिक जानकारी सर्वजानिक नहीं की गई.
मौत की सजा का ऐलान होने के बाद से ही पूरा देश इन सभी के लिए चिंतित हो उठा. मुख्य रूप से इनके परिजनों ने सरकार से सभी की रिहाई और सुरक्षित वतन वापसी की अपील की. विदेश मंत्रालय भी हरकत ने आया और यह आश्वस्त किया गया कि देश सभी कानूनी व कूटनीतिक रास्तों की मदद से उनकी पूरी मदद करेगा.
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भारत सरकार की कोशिशें कामयाब हुई और पहले उनकी मौत की सजा को उम्रकैद या लंबी अवधि के जेल में बदला गया. और अब वह रिहाई के बाद भारत वापस लौट आए हैं.