LinkedIn पर ‘54% लॉन्ग पोस्ट्स’ होते हैं AI-Generated: स्टडी
एक विश्लेषण में पाया गया कि LinkedIn पर 54% से अधिक लंबी पोस्ट (100 शब्दों से अधिक) AI-Generated होती हैं।
Over 54 Percent of LinkedIn Long posts are AI-Generated | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने ऑनलाइन कंटेंट क्रिएशन को पूरी तरह बदल दिया है। LinkedIn जैसे प्लेटफॉर्म्स, जो पेशेवर नेटवर्किंग के लिए जानी जाती हैं, अब AI टूल्स को तेजी से इंटीग्रेट करते नजर आ रहे हैं। Microsoft के मालिकाना हक वाले इस प्लेटफॉर्म ने अपने प्रीमियम यूजर्स को AI राइटिंग टूल्स का विकल्प दिया है। ये टूल्स पोस्ट, प्रोफाइल, और डायरेक्ट मैसेज को ‘Rewrite’ करने में मदद करते हैं।
हाल ही में एक AI डिटेक्शन स्टार्टअप, Originality AI द्वारा किए गए विश्लेषण में पाया गया कि 54% से अधिक लंबी पोस्ट (100 शब्दों से अधिक) LinkedIn पर AI-Generated होती हैं। Originality AI ने 2018 से अक्टूबर 2024 तक 8,795 पब्लिक LinkedIn पोस्ट्स का विश्लेषण किया।
जाहिर है, एआई जनरेटेड कंटेंट में तेज़ी, OpenAI के ChatGPT की लॉन्चिंग के बाद देखी गई। शुरुआती वर्षों में AI टूल्स का उपयोग बहुत कम था, लेकिन 2023 की शुरुआत से इसमें जबरदस्त उछाल आया। Originality AI के CEO Jon Gillham ने रिपोर्ट में बताया कि ChatGPT के लॉन्च होने के बाद, AI-Generated पोस्ट में 189% की वृद्धि हुई है। ये वृद्धि अब स्थिर हो चुकी है, लेकिन AI का प्रभाव LinkedIn पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
LinkedIn का AI कंटेंट पर रुख
प्रोफेशनल नेट्वर्किंग प्लेटफ़ॉर्म LinkedIn ने AI-Generated कंटेंट की संख्या पर स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन कंपनी का कहना है कि प्लेटफॉर्म पर “Low-Quality और Duplicate Content” को रोकने के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। LinkedIn यूजर्स अक्सर लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) का उपयोग अपनी पोस्ट को तेज़ी से और स्पष्ट रूप में तैयार करने के लिए करते हैं।
LinkedIn के Feed Relevance के हेड Adam Walkiewicz ने कहा कि AI राइटिंग टूल्स का उपयोग ड्राफ्ट तैयार करने और आइडिया को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन असली विचार और क्रिएटिविटी का महत्व बना रहेगा।
AI टूल्स कैसे मददगार हैं?
सोशल मीडिया के लिहाज से तो मानों एआई राइटिंग टूल्स नॉन-नेटिव इंग्लिश स्पीकर्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। AI टूल्स ने उन लोगों के लिए बड़ा लाभ दिया है, जिनकी पहली भाषा अंग्रेजी नहीं है। एक कंटेंट राइटर के मुताबिक, वह Anthropic’s Claude का उपयोग ड्राफ्ट तैयार करने के लिए करती हैं। हालांकि, एडिटिंग के लिए मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन यह टूल काफी समय बचाने में मदद करता है।
वहीं कुछ जर्नलिस्ट और मार्केटर ने बताया कि वह AI का उपयोग अपनी तुर्की भाषा में लिखी गई पोस्ट को इंग्लिश में रीवर्क करने के लिए करती हैं। इससे टाइम सेविंग भी होती है और एफिशिएंसी बढ़ती है।
AI टूल्स के उपयोग पर बहस
AI टूल्स को लेकर विवाद बना हुआ है। कई लेखकों और कलाकारों का तर्क है कि बिना अनुमति और भुगतान के AI टूल्स को मानव-निर्मित कंटेंट पर प्रशिक्षित करना नैतिक रूप से गलत है। वे यह भी मानते हैं कि AI द्वारा तैयार कंटेंट से मानव लेखन और क्रिएटिविटी का महत्व कम हो सकता है।
वहीं कुछ ने एआई जनरेटेड पोस्ट्स की स्पष्टता और संरचना की सराहना की। AI टूल्स ने प्रोफेशनल नेटवर्किंग और डिजिटल मार्केटिंग को भी नई ऊंचाई दी है। Gemini, OpenAI, और Anthropic जैसे टूल्स न केवल समय बचाने में मदद कर रहे हैं, बल्कि Non-Native English स्पीकर्स के लिए बड़े अवसर भी प्रदान कर रहे हैं। हालांकि, इसका उपयोग नैतिकता और प्रामाणिकता (ऑथेंटिसिटी) के साथ करना जरूरी है।