Oshin Sharma: ट्रांसफर को लेकर सुर्खियों में छाईं ओशिन शर्मा
हिमाचल प्रदेश की एक प्रशासनिक अधिकारी ओशिन शर्मा का ट्रांसफर हुआ है। इसी के साथ तमाम लोगों ने ‘सोशल मीडिया पर प्रशासनिक अधिकारियों की अत्यधिक सक्रियता’ को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
Oshin Sharma Transfer Reason | हिमाचल प्रदेश की चर्चित प्रशासनिक अधिकारी ओशिन शर्मा हाल ही में अपने ट्रांसफर को लेकर सुर्खियों में हैं। 32 वर्षीय ओशिन शर्मा अपने प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी काफी सक्रिय रहती हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर 8 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।
ओशिन शर्मा, जो फिलहाल शिमला में कार्यरत एक अधिकारी हैं, सोशल मीडिया पर अपनी एक्टिविटी को लेकर भी सवालों के घेरे में नजर आ रही हैं। लोगों का कहना है कि उनकी इंस्टाग्राम रील्स और अन्य सोशल मीडिया पोस्ट के चलते वह मानों एक इंस्टा सेलिब्रिटी बन चुकी हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि उनकी सोशल मीडिया पर यह सक्रियता हिमाचल प्रदेश के कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय राजनेताओं को पसंद नहीं आ रही है।
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Oshin Sharma Transfer Reason?
हाल ही में ओशिन शर्मा का ट्रांसफर चर्चा का विषय बन गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने उन्हें संधोल में तहसीलदार पद से हटाकर शिमला में कार्मिक विभाग को रिपोर्ट करने के लिए कहा है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी विशेष पोस्टिंग पर नियुक्त नहीं किया गया है। इसके पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सरकार के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस बीच मंडी उपायुक्त कार्यालय समेत कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओशिन शर्मा का ट्रांसफर प्रशासनिक कार्यों को आधार बनाते हुए किया गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो कथित रूप से ओशिन का कार्य संतोषजनक नहीं था, जिसके कारण उन्हें मौजूदा पद से हटा दिया गया। कहा ये भी जा रहा है कि मंडी के डीसी ने उनके काम में कई खामियां पाई और इस पर असंतोष व्यक्त किया।
Oshin Sharma के बारे में!
ओशिन शर्मा का प्रशासनिक क्षेत्र में आने का सफर भी दिलचस्प है। मूल रूप से आ चंबा जिले के भरमौर से ताल्लुक रखती हैं। ओशिन का परिवार धर्मशाला में रहता था। उन्होंने जनवरी 2022 में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HPAS) में कदम रखा। कहा जाता है कि शुरूआत में उनका सिविल सर्विस में जाने का कोई इरादा नहीं था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह जर्नलिज्म में करियर बनाना चाहती थीं, लेकिन किस्मत ने उन्हें प्रशासनिक क्षेत्र में ला खड़ा किया।
सोशल मीडिया पर आलोचना और समर्थन
ओशिन शर्मा की सोशल मीडिया एक्टिविटी को लेकर जहां कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं, वहीं उनके फैंस और फॉलोअर्स उनकी रचनात्मकता और निडरता की सराहना कर रहे हैं। कुछ लोग मानते हैं कि एक सरकारी अधिकारी के लिए सोशल मीडिया पर इतना सक्रिय रहना अनुचित है, जबकि अन्य इसे उनके व्यक्तित्व की स्वतंत्रता और व्यक्तित्व विकास का हिस्सा मानते हैं।
ओशिन शर्मा का सोशल मीडिया पर सक्रिय होना और उनका ट्रांसफर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। और ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया पर प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता का मामला सिर्फ ओशिन शर्मा तक ही सिमट हुआ नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया पर कई लोग तमाम ऐसे अधिकारियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या किसी सरकारी अधिकारी का व्यापक रूप से सोशल मीडिया में एक्टिव रहना उनके कार्यक्षेत्र पर भी नकरात्मक प्रभाव डाल सकता है?
हिमाचल प्रदेश की अधिकारी ओशिन शर्मा (ब्राह्मण) अनुसूचित जनजाति वर्ग गद्दी का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर ST सीट से अधिकारी बन जाती है। यह खुद को ब्राह्मण बता रही है।
जबकि यह ST सीट से अधिकारी बन गई। @SukhuSukhvinder इस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए। @HansrajMeena pic.twitter.com/rpL36tg5Ct— Ashok Meghwal (@AshokMeghwal_) September 14, 2024
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