नए आपराधिक कानून देश में लागू, पहला मामला दर्ज, ये नियम बदले?
आज से भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (BSA) लागू हो गए हैं, जिससे ब्रिटिश काल के IPC, CRPC, और Indian Evidence Act की विदाई हो गई है।
भारत में तीनों नए आपराधिक कानून आज यानी 1 जुलाई से लागू हो गए हैं। देश में नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद, इनके तहत पहला मामला भी दर्ज हो गया है। नए कानूनों के तहत पहला केस (First Case Under New Criminal Laws In India) दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है। यह मामला एक स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ दर्ज किया गया है, जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे बिक्री कर रहा था। भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है।
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New Criminal Laws In India – Explained & First Case
दिल्ली पुलिस के अनुसार, तीनों नए आपराधिक कानून वर्तमान में देश में लागू ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की जगह लेंगे। इन नए कानूनों के नाम निम्नलिखित हैं:
- भारतीय न्याय संहिता (BNS)
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)
Delhi: First FIR u/s of Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 registered at Kamla Market PS in Delhi. Case registered against a street vendor u/s 285 of Bharatiya Nyaya Sanhita for obstruction under foot over bridge of New Delhi Railway Station and making sales.
— ANI (@ANI) July 1, 2024
भारतीय न्याय संहिता 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023)
भारतीय न्याय संहिता 2023 अब भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC) का स्थान ले चुका है। इस नए कानून के तहत निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान शामिल किए गए हैं:
अपराध | सजा |
---|---|
शादी का धोखा देकर यौन संबंध बनाना | 10 साल की सजा और जुर्माना |
नौकरी या पहचान छिपाकर शादी के लिए धोखा देना | सजा और जुर्माना |
संगठित अपराध (अपहरण, डकैती, गाड़ी की चोरी, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, आर्थिक अपराध, साइबर क्राइम) | कठोर सजा का प्रावधान |
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य | कड़ी सजा |
महत्वपूर्ण बदलाव
- सामाजिक सेवा: सजा के तौर पर दोषी को सामाजिक सेवा करनी होगी।
- संगठित अपराध: संगठित अपराधों के लिए कड़े सजा का प्रावधान।
- राष्टीय सुरक्षा: राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्यों पर कड़ी सजा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita 2023)
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 ने CRPC 1973 का स्थान ले लिया है। इस कानून में प्रक्रियात्मक कानून में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
प्रावधान | विवरण |
---|---|
पहली बार अपराधी | अधिकतम सजा का एक तिहाई पूरा करने के बाद जमानत |
आजीवन कारावास | जमानत का प्रावधान नहीं |
सात साल की कैद | फोरेंसिक जांच अनिवार्य |
फोरेंसिक विशेषज्ञ | अपराध स्थल से सबूत इकट्ठा और रिकॉर्ड करेंगे |
महत्वपूर्ण बदलाव
- जमानत प्रावधान: पहली बार अपराधी के लिए जमानत का प्रावधान।
- फोरेंसिक जांच: सात साल की कैद की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच अनिवार्य।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (Bharatiya Sakshya Adhiniyam 2023)
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 ने Indian Evidence Act 1872 का स्थान ले लिया है। इस कानून में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बदलाव शामिल किए गए हैं:
प्रावधान | विवरण |
---|---|
इलेक्ट्रॉनिक सबूत | विस्तृत नियम शामिल |
एफिडेविट | कोर्ट को विस्तृत जानकारी देनी होगी |
महत्वपूर्ण बदलाव
- इलेक्ट्रॉनिक सबूत: इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के नियमों का विस्तार।
- द्वितीय सबूत: द्वितीय सबूत को भी शामिल किया गया।
पुराने कानूनों की विदाई – New Criminal Laws & First Case
औपनिवेशिक काल से प्रभावी तीनों पुराने कानूनों – IPC 1860, CRPC 1973, और Indian Evidence Act 1872 – को अब विदाई दी गई है। इन कानूनों के बारे में वकीलों, न्यायिक पदाधिकारियों, और पुलिस पदाधिकारियों को अच्छी जानकारी थी, लेकिन अब उन्हें नए सिरे से नए कानूनों को सीखना होगा।
पुराने कानून | नए कानून |
---|---|
IPC 1860 | भारतीय न्याय संहिता 2023 |
CRPC 1973 | भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 |
Indian Evidence Act 1872 | भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 |
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नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी। समाज की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव अत्यंत आवश्यक था। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन नए कानूनों का प्रभाव देश की न्याय प्रणाली पर कैसा पड़ता है।