Neuralink का ब्रेन-चिप लगा शख्स ने बिना हाथ लगाए खेला ‘वीडियो गेम’
Neuralink ने अपनी ब्रेन-चिप की क्षमता का परीक्षण एक व्यक्ति पर किया. चिप की मदद से वह शख्स अपने दिमाग से निर्देश देते हुए वीडियो गेम और ऑनलाइन शतरंज खेल रहा है.
फ्यूचर टेक: एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) ने एक शख्स के साथ की गई टेस्टिंग (Test on Man) के वीडियो को लाइवस्ट्रीम किया।. इसमें वह व्यक्ति बिना हाथ लगाए, सिर्फ दिमाग द्वारा दिए गए निर्देशों के जरिए वीडियो गेम और ऑनलाइन शतरंज खेलते हुए दिखाई पड़ता है।
बुधवार की रात को एलन मस्क ने इस पर प्रतिक्रिया दी और लिखा कि न्यूरालिंक ने टेलीपैथी का प्रदर्शन किया। यह कंपनी की ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी की क्षमता को भी दर्शता है।
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Neuralink Test on Man, Playing Video Game [WATCH]
वीडियो में दिखाई दे रहे व्यक्ति का नाम नोलन आरबॉग (Noland Arbaugh) है। नोलन की उम्र 29 वर्ष है। करीब आठ साल पहले नोलन एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे। इस वजह से उनके शरीर के अधिकांश हिस्से (मुख्य रूप से गर्दन से नीचे) लकवाग्रस्त हो गए। इस बीमारी को क्वाड्रप्लीजिक नाम से जाना जाता है। कुछ समय पहले ही न्यूरालिंक ने आरबॉग के मस्तिष्क (ब्रेन) में अपने चिप का प्रत्यारोपण किया। इस ऑपरेशन के बाद वह काफी स्वस्थ नजर आ रहे हैं।
न्यूरालिंक की मदद से आरबॉग बिना टच किए, कम्प्यूटर स्क्रीन पर न सिर्फ कर्सर घुमा पा रहे हैं, बल्कि बकायदा वीडियो गेम भी खेल सकने में सक्षम हो सके हैं। ये सब वह चिप की मदद से अपने ब्रेन के सिग्नल के सहारे कर पाते हैं। न्यूरालिंक इम्प्लांट के बाद, कंपनी ने उनका शतरंज और सिविलाइजेशन VI गेम खेलते हुए वीडियो लाइवस्ट्रीम किया।
वीडियो नीचे देखें;
— Neuralink (@neuralink) March 20, 2024
Neuralink Chip Telepathy तकनीक का तरीका
इसे न्यूरालिंक (Neuralink) की टेलीपैथी तकनीक का नाम दिया जाता है। न्यूरालिंक एक खास चिप बनाने के लिए जानी जाती है। इस चिप को ‘लिंक’ (Link) नाम दिया गया है।
कंपनी के मुताबिक, इसकी चिप को दिमाग में इम्प्लांट करने से व्यक्ति कई काम सिर्फ दिमाग के जरिए सिग्नल देकर कर सकता है। कई बार ऐसा साइंस-फिक्शन फिल्मों में देखनें को मिलता है, जिनमें लोग बिना हाथ लगाए या बोले, सिर्फ दिमाग में सोच कर कोई कमांड दे सकते हैं। इसे एक तरीके की टेलीपैथी कहा जा सकता है।
Neuralink Chip की डिटेल
न्यूरालिंक की ये लिंक चिप किसी छोटे सिक्के जितनी होती है। ये चिप इंसान के दिमाग और कम्प्यूटर के बीच एक कम्युनिकेशन चैनल स्थापित करती है। इसके कई लाभ बताए जाते हैं, जैसे;
- चिप की मदद से दृष्टिहीन लोग देख सकेंगे।
- पैरालिसिस (लकवाग्रस्त) मरीज चल-फिर पाएंगे।
- लोग बिना टच किए कंप्यूटर चला सकेंगे पनी ने इस चिप का नाम ‘लिंक’ रखा है।
इंसानों पर परीक्षण की अनुमति?
एलन मस्क की न्यूरालिंक ने पहले बंदरों पर चिप का परीक्षण शुरू किया। सितंबर 2023 में न्यूरालिंक की ब्रेन-चिप को ह्यूमन ट्रायल (इंसानी परीक्षण) की अनुमति दी गई। यह मंजूरी इंडिपेंडेंट इंस्टीट्यूशनल रिव्यू बोर्ड से रिक्रूटमेंट के तहत मिली। इसके बाद न्यूरालिंक सहमत व्यक्तियों को चिप के परीक्षण हेतु आग्रह किया और टेस्टिंग शुरू की।
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