कैंची धाम: स्थापना दिवस पर बाबा नीम करौली दरबार में भव्य मेला
हर साल 15 जून को नीम करौली महाराज के कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध संत बाबा नीम करौली महाराज (Neem Karoli Baba) जी के कैंची धाम (Kainchi Dham) में वैसे तो साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन जब मौका कैंची धाम व आश्रम के स्थापना दिवस का हो तो मंदिर में भक्तों की संख्या और परिसर की भव्यता देखते ही बनती है। बता दें, हर साल 15 जून को नीम करौली महाराज के कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
हर बार की तरह साल 2024 में इस बार भी स्थापना दिवस के मौके पर कैंची धाम में मानों दिव्य मेले सा माहौल दिखा। बड़ी संख्या में देश-विदेश से भक्त धाम में पहुंचे। सुबह-सुबह शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए।
Neem Karoli Baba Kainchi Dham: स्थापना दिवस
असल में स्थापना दिवस के पावन अवसर में हर वर्ष ही कैंची धाम में भक्तों का सैलाब उमड़ता है। इसे देखते हुए, रातभर से ही दुनिया भर के कोने-कोने से आने वाले भक्तों की कई किलोमीटर लंबी लाइनें लगनी शुरु हो गई थीं। ऐसे में ब्रह्ममुहूर्त में पूजा अर्चना के बाद मंदिर के कपाट को दर्शन हेतु खोल दिए गया।
इस दौरान हर एक भक्त में बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन पाने की ललक दिखी और हमेशा की तरह भक्तों ने बाबा जी महाराज के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किए और महाराज जी को भोग लगाए जाने के बाद, सभी ने भंडारे का प्रसाद भी ग्रहण किया।
नीम करौली बाबा का कैंची धाम
बाबा नीम करौली (नीब करौरी) महाराज जी को मुख्यतः हनुमान जी के अवतरण के रुप देखा जाता है। वैसे तो बाबा नीम करौली महाराज जी के दुनिया भर के तमाम देशों में कई मंदिर हैं, लेकिन उत्तराखंड के नैनिताल से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ‘कैंची धाम‘ इन सभी में बेहद खास है। लम्बें अरसे से यह लाखों-करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
कैंची धाम नामक इस पावन स्थल की स्थापना वर्ष 1964 में की गई थी। कहा जाता है कि वर्ष 1961 में पहली बार बाबा नीम करौली महाराज यहां आए थे। कहते हैं, बाबा नीम करौली ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपना देह त्याग दिया था। इस साल 2024 में 15 जून को कैंची धाम का 60वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है।
मान्यता है कि कैंची धाम पूरी तरह से चमत्कारों से भरा हुआ है और कोई भी शख्स यहां से खाली हाथ नहीं लौटता है। भक्तों की सभी विनती नीम करौरी महाराज पूरी करते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि Apple के संस्थापक, स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) से लेकर Facebook के संस्थापक, मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) भी दर्शन हेतु कैंची धाम आ चुके हैं।
कैंची धाम का महत्व
उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही मानस खंड योजना के तहत कैंची धाम को प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के रूप में मान्यता दी गई है। हर साल यहां लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर समिति की मानें तो हर साल निरंतर भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। साल 2024 में ही अकेले डेढ़ लाख भक्तों के आने का अनुमान है।