चुनाव 2024 बाद महंगे हो जाएंगे ‘मोबाइल रिचार्ज प्लान’, ये है वजह… – रिपोर्ट
जल्द ही टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा करीब 25% तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। कीमतों में इस संभावित इजाफे के पीछे देश में तेजी से बढ़ते प्रतिस्पर्धी माहौल, भारी 5G निवेश और लाभप्रदता बढ़ाने की मंशा को कारण माना जा रहा है।
भारत में लोकसभा चुनाव 2024 के बाद हो सकता है कि मोबाइल फोन यूजर्स को ‘महंगाई‘ को लेकर एक बड़ा झटका लगे। खबर है कि चुनावों के बाद टेलीकॉम कंपनियाँ मोबाइल रिचार्ज प्लान की कीमतों को बढ़ा (Mobile Recharge Plans Price Hike?) सकती हैं। संभावना है कि देश में आम चुनाव के बाद मोबाइल फोन यूजर्स को रिचार्ज पैक के लिए और काफी अधिक खर्च करना पड़े।
इसके पीछे कारण यह दिया जा रहा है कि संभवतः दूरसंचार कंपनियों ने देश में टैरिफ बढ़ोतरी के चौथे दौर का मन बना लिया है। ऐसे में इसका सीधा असर रिचार्ज पैक की कीमतों पर पड़ेगा, जो लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ साबित हो सकता है।
Mobile Recharge Plans (Pack) Price Hike
यह जानकारी बिजनेस इन्साइडर की एक हालिया खबर में ‘एक्सिस कैपिटल’ की एक रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जल्द ही टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा करीब 25% तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। कीमतों में इस संभावित इजाफे के पीछे देश में तेजी से बढ़ते प्रतिस्पर्धी माहौल, भारी 5G निवेश और लाभप्रदता बढ़ाने की मंशा को कारण माना जा रहा है।
गौरतलब है कि कई जानकारों का यह मानना रहा है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा रिचार्ज पैक की कीमतों को बढ़ाने के बावजूद शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के उपयोगकर्ता आधार में बढ़त होती रहेगी। विश्लेषकों का कहना है कि उपभोक्ताओं के वफादार बने रहने और भुगतान करने की संभावना इसलिए भी अधिक है क्योंकि आज के समय हाई-स्पीड कनेक्टिविटी लोगों को एक अहम आवश्यकता लगने लगी है, जो शायद कुछ लोगों के लिए सच भी हो।
वैसे टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा डलाइन दरों में लगभग 25% की बढ़ोतरी के चलते अनुमान है कि उन्हें प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) में 16% की वृद्धि देखनें को मिल सकती है। यह भी एक्सिस कैपिटल का ही अनुमान है।
आपको बता दें, Jio ने मार्च में समाप्त तिमाही के लिए ₹181.7 का ARPU दर्ज किया। वहीं Bharti Airtel और वोडाफोन आइडिया (Vi) ने अभी तक अपने मार्च तिमाही के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है। परंतु अक्टूबर-दिसंबर 2023 की अवधि के लिए इन कंपनियों के लिए यह आंकड़ा क्रमशः ₹208 और ₹145 रहा था।