महाराष्ट्र में ऑनलाइन बिकेगी रेत (बालू), अपनाएगा ‘नो प्रॉफिट नो लॉस’ पॉलिसी?
महाराष्ट्र में जल्द लागत कीमत पर ऑनलाइन रेत (बालू) बेचनें की शुरुआत की जा सकती है. राज्य सरकार ‘नो प्रॉफिट नो लॉस’ स्कीम के आधार पर ये बिक्री करेगी.
महाराष्ट्र सरकार लागत कीमत (नो प्रॉफिट नो लॉस) पर ऑनलाइन बालू (रेत या सैंड) बेचना शुरू कर सकती है. प्रदेश में जल्द ये अनोखी पहल देखनें को मिल सकती है. रेत खनन नीति में इस बदलाव का प्रस्ताव (Maharashtra sell online sand) बुधवार को कैबिनेट की बैठक में राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की ओर से रखा गया. इस पर कैबिनेट में सहमति व्यक्त की गई.
निर्माण सामग्री सस्ती दर पर उपलब्ध करवाने और अवैध रेत खनन पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद इस फैसले का ऐलान किया.
Maharashtra to sell online sand
प्रदेश में रेत खनन पॉलिसी में इस बदलाव के जरिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का यूज करके “बिना लाभ, बिना हानि” के आधार पर रेत बेची जाएगी. इसके जरिए प्रदेश सरकार सुनिश्चित करेंगी कि राज्य में लोगों को उचित और प्रतिस्पर्धी दाम पर ये बुनियादी व अहम निर्माण सामग्री उपलब्ध हो सके.
पीटीआई के हवाले से यह बताया गया कि विखे पाटिल ने जोर देते हुए यह कहा कि इस नए तरीके से न सिर्फ उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि अन्य आयामों में भी अहम सुधार देखनें को मिलेगें. जैसे प्रदेश में रेत खनन और वितरण की प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी. गैर-कानूनी या अवैध रेत खनन पर नकेल कसी जा सकेगी.
नई रेत माइनिंग पॉलिसी के साथ सरकार इस क्षेत्र में व्याप्त शोषण और अनियमितताओं को भी दूर करने की कोशिश करेगी.
मीडिया रिपोर्ट बताती है कि नई पॉलिसी में रेत खनन संचालन, परिवहन और रेत खनन डिपो के निर्माण और प्रबंधन के लिए टेंडर्स मंगवाए जाएंगे. खाड़ियों और नदियों में रेत खनन या निकालने से संबंधित गतिविधियों की निगरानी बढ़ाई जा सकती है. निगरानी करने और इसको बेहतर बनाने के उपाय आदि के नियंत्रित के लिए टेक्निकल कमेटी का गठन किया जाएगा. ये कमेटी तय अधिकार क्षेत्र के तहत कार्य करेगी.