दान पात्र में गलती से गिरा iPhone, मंदिर प्रशासन ने लौटाने से किया मना
iPhone Dropped in Temple Donation Box Becomes God’s Property | तमिलनाडु के तिरुपोरूर स्थित अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा बटोर रहा है। तमाम रिपोर्ट्स में निकलकर सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, विनायकपुरम के निवासी दिनेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक महीने पहले अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। परिवार पूजा-अर्चना करने के बाद मंदिर के दानपात्र (हुंडी) में नकदी डालने के लिए गया। इसी दौरान, जब दिनेश अपनी शर्ट की जेब से पैसे निकाल रहे थे, उनका iPhone गलती से दानपात्र में जा गिरा।
दिनेश ने तुरंत मंदिर प्रशासन से संपर्क कर अपना फोन वापस मांगने की कोशिश की। लेकिन मंदिर प्रबंधन ने यह कहते हुए फोन लौटाने से इनकार कर दिया कि हुंडी में चढ़ाया गया कोई भी सामान भगवान की संपत्ति माना जाता है और इसे वापस करना मंदिर की परंपराओं के खिलाफ होगा। मंदिर प्रशासन ने दिनेश को उनका फोन लौटाने से मना कर दिया, लेकिन उन्हें सिम कार्ड निकालने और फोन से जरूरी डेटा ट्रांसफर करने की अनुमति दी। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान फोन पर किसी का हक तय नहीं किया गया। मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि हुंडी में डाले गए किसी भी सामान को वापस नहीं दिया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि यह तय करना मुश्किल है कि फोन गलती से गिरा या उसे जानबूझकर भगवान को चढ़ावा स्वरूप दान दिया गया।
iPhone Dropped in Temple Donation Box
इस घटना के बाद, दिनेश ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HR & CE) विभाग में शिकायत दर्ज कराई और हुंडी के खुलने की तारीख के बारे में सूचित करने का अनुरोध किया। मंदिर प्रशासन ने बताया कि हुंडी हर दो महीने में एक बार ही खोला जाता है। दो महीने बाद, जब 20 दिसंबर को हुंडी खोला गया, तो दिनेश मौके पर मौजूद थे। उन्होंने उम्मीद की कि इस बार उन्हें अपना फोन वापस मिल जाएगा। लेकिन मंदिर प्रशासन ने अपने पहले के फैसले को दोहराया और फोन लौटाने से इनकार कर दिया।
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दिनेश का यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कई लोगों ने मंदिर प्रशासन की परंपराओं का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे अनुचित और कठोर बताया। कुछ लोगों ने इसकी तुलना PK फिल्म के उस सीन से की जिसमें अनुष्का शर्मा का पर्स मंदिर की दान पेटी में गिर जाता है और पुजारी उसके पैसे को दान बताकर लौटाने से मना कर देते हैं। कुछ ने इस सीन के साथ ‘ई रॉन्ग नंबर है’ जैसे डायलॉग का भी इस्तेमाल किया। लोगों ने इसे मंदिर अधिकारियों का कहना है कि “हमारे लिए यह पहचान पाना असंभव है कि कोई वस्तु गलती से हुंडी में गिरी है या दान के रूप में चढ़ाई गई है। परंपराओं के अनुसार, हुंडी में डाला गया हर सामान भगवान का चढ़ावा बन जाता है।”