Indian Flag Design Evolution: राष्ट्रीय ध्वज का डिज़ाइन कैसे बदलता रहा?
Indian Flag History The Evolution of the Design | आज भारत स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ माना रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं, चेन्नई स्थित फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय में एक विशेष ध्वज रखा हुआ है, जिसे 15 अगस्त 1947 को सुबह 5.30 बजे फोर्ट सेंट जॉर्ज में फहराया गया था। इस ध्वज की कुल लंबाई 12 फीट और चौड़ाई 8 फीट है। यह भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज है जिसे स्वतंत्रता के दिन प्रमुख ऐतिहासिक स्थल पर फहराया गया था। यह शुद्ध रेशम से बना हुआ है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह ध्वज न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक जीवंत गाथा भी प्रस्तुत करता है।
आजादी के पहले देश में और भी कई ध्वज अपनाए गए, जिनके तले तमाम सेनानियों ने देश को आज़ाद कराने के लिए लड़ाईयां भी लड़ी। तो आइए भारत के राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास के बारे में थोड़ा जानने की कोशिश करते है।
भारतीय ध्वज का इतिहास (Indian Flag Design Evolution)
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की विकास यात्रा काफी दिलचस्प और ऐतिहासिक रही है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विभिन्न झंडे देश की स्वतंत्रता की आकांक्षा और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक बने।
- 1906 का झंडा: भारतीय ध्वज की पहली महत्वपूर्ण योजना 1906 में हुई, जब स्वदेशी आंदोलन (Indian Flag History) के दौरान हरी, पीली और लाल पट्टियों वाला एक झंडा अपनाया गया। इसमें केसरिया, हरी और लाल रंग की पट्टियाँ थीं, जो भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं को दर्शाती थीं।
- 1921 का झंडा: 1921 में, गांधीजी ने एक नया झंडा डिजाइन किया जिसमें सफेद, हरी और लाल पट्टियाँ थीं और बीच में एक चरखा था। यह झंडा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वदेशी आंदोलन की पहचान बन गया।
- 1931 का झंडा: 1931 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक नया तिरंगा झंडा अपनाया जिसमें केसरिया, सफेद और हरी पट्टियाँ थीं और बीच में एक चरखा था। यह झंडा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक था और स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। (1931 – पिंगली वेंकैया द्वारा बनाए गए इसी ध्वज में थोड़े बदलाव किए गए।)
- 1947 का झंडा: 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता के दिन, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगे को अपनाया गया। इसमें केसरिया, सफेद और हरी पट्टियाँ हैं और सफेद पट्टी में एक नीला अशोक चक्र है। यह झंडा देश की एकता, विविधता और आत्म-संस्कार का प्रतीक है।
इस प्रकार, भारतीय ध्वज का इतिहास विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक चरणों से गुजरते हुए आज की पहचान तक पहुंचा है। यह ध्वज न केवल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है, बल्कि यह देश की संप्रभुता और सांस्कृतिक विविधता का भी परिचायक है।
Indian Flag Features
मौजूदा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, जिसे तिरंगा भी कहा जाता है, की विशेषताएँ इसे एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण प्रतीक बनाती हैं। इसके डिजाइन और रंगों का चुनाव भारतीय संस्कृति, इतिहास, और विविधता को दर्शाता है। यहाँ वर्तमान भारतीय ध्वज की मुख्य विशेषताएँ दी गई हैं:
रंग (Color)
- केसरिया (संतरी रंग): ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है, जो साहस, बलिदान, और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है।
- सफेद: ध्वज की मध्य पट्टी सफेद रंग की है, जो शांति, सच्चाई, और स्वच्छता का प्रतीक है।
- हरी: ध्वज की निचली पट्टी हरी रंग की है, जो समृद्धि और विकास का प्रतीक है।
अशोक चक्र (Ashok Chakra)
- स्थान: सफेद पट्टी के केंद्र में एक नीला अशोक चक्र स्थित है।
- विवरण: अशोक चक्र 24 धारा या स्पोक के साथ एक नेवी ब्लू रंग का है। यह चक्र भारतीय धर्म और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और इसे भारतीय सम्राट अशोक के धर्म चक्र से लिया गया है। चक्र का उद्देश्य निरंतर गति और प्रगति को दर्शाना है।
आकार और अनुपात (Size & Ratio):
- आयाम: भारतीय ध्वज का मानक अनुपात 3:2 है। इसका मतलब है कि ध्वज की लंबाई की तुलना में चौड़ाई 3:2 के अनुपात में होती है।
- फीचर: ध्वज की पट्टियाँ समान आकार की होती हैं।
कैनवास और निर्माण
- सामग्री: ध्वज आमतौर पर खादी (हाथ से बुने हुए कपड़े) से बना होता है, जो भारतीय परंपरा और स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक है।
- सही निर्माण: ध्वज के रंग और चक्र को राष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाया जाता है ताकि उसकी पहचान और सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।
इतिहास और प्रचलन
- स्वीकृति: यह ध्वज 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के दिन अपनाया गया था।
- प्रचलन: यह ध्वज भारत की संप्रभुता और एकता का प्रतीक है।
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