IIT और IIM की तरह खुलेंगे IIIC – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स
भारत सरकार अब IIT और IIM की तरह ही देश में IIIC यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स नामक संस्थान खोलने जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य क्रीएटर्स इकोनॉमी को बढ़ावा देना और नए रोजगार मुहैया कराना है।
Govt To Open Indian Institute of Immersive Creators aka IIIC | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार एक नई शुरुआत करने जा रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स (IIIC)’ की स्थापना को मंजूरी दी है, जो IIT और IIM की तर्ज पर एक नया और प्रभावशाली संस्थान होगा। इसका उद्देश्य युवा क्रिएटर्स को प्रोत्साहित करना और उन्हें कौशल विकास के लिए एक सक्षम मंच प्रदान करना है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 18 सितंबर 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस नई पहल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज की क्रिएटर इकोनॉमी तेजी से एक शक्तिशाली अर्थव्यवस्था में बदल रही है। इस संदर्भ में, सरकार ने एक ऐसा संस्थान बनाने का निर्णय लिया है जो क्रिएटिव्स को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सके।
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Indian Institute of Immersive Creators (IIIC)
IIIC का उद्देश्य भारत के पांच लाख युवाओं को प्रोत्साहित करना और उनके कौशल विकास को सशक्त बनाना है। इस संस्थान के माध्यम से युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपनी क्रिएटिव क्षमताओं को बेहतर ढंग से विकसित कर सकें।
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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, आज क्रिएटर इकोनॉमी बहुत बड़ी शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बन रही है। सरकार अब आईआईएम, आईआईटी की तर्ज पर एक नया संस्थान बनाने जा रही है, जिसका औपचारिक नाम बाद में दिया जाएगा। उन्होंने यह संभावना व्यक्त करी कि इसका नाम ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स’ होगा। अपने आईपी अधिकारों के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत का उपयोग करके नई रचनात्मक संपत्तियों का निर्माण करना और प्रौद्योगिकी में नेतृत्व करना इसका काम होगा।
Indian Institute of Immersive Creators (IIIC) की विशेषताएँ
- सांस्कृतिक विरासत और आईपी अधिकार: IIIC का मुख्य उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक विरासत और आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) अधिकारों का उपयोग करके नई रचनात्मक संपत्तियों का निर्माण करना है। यह संस्थान टेक्नोलॉजी में नेतृत्व प्रदान करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।
- स्किलिंग और ट्रेनिंग: IIIC युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करेगा ताकि वे क्रिएटिव इंडस्ट्री में सफलता हासिल कर सकें। इसमें तकनीकी और प्रबंधकीय दोनों प्रकार की ट्रेनिंग शामिल होगी, जो उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
- औपचारिक नामकरण और भविष्य की योजनाएँ: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संस्थान का औपचारिक नाम बाद में तय किया जाएगा, लेकिन इसे ‘भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स’ के नाम से संदर्भित किया जा रहा है। यह संस्था आईआईटी और आईआईएम की तरह ही मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित होगी।
#WATCH केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज क्रिएटर इकोनॉमी बहुत बड़ी शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बन रही है…हम आईआईएम, आईआईटी की तर्ज पर एक नया संस्थान बना रहे हैं जिसका औपचारिक नाम बाद में दिया जाएगा लेकिन संभवत: इसका नाम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स होगा… बहुत… pic.twitter.com/iifaK3sVeN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 18, 2024
भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स (IIIC) का गठन भारतीय क्रिएटिव इकोनॉमी को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह संस्थान न केवल युवाओं को सशक्त करेगा बल्कि भारत को वैश्विक क्रिएटिव मार्केट में एक मजबूत स्थान प्रदान करेगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार की अन्य योजनाएँ जैसे बायो इकोनॉमी और किसान सब्सिडी की पहल भी अर्थव्यवस्था और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक साबित होंगी।
IIIC और अन्य प्रस्तावित योजनाओं के माध्यम से भारत अपने युवा प्रतिभाओं को सशक्त बनाने और सृजनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है:
बायो मैन्युफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री योजना: मंत्रिमंडल ने बायो इकोनॉमी और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 9,197 करोड़ रुपये की बायो मैन्युफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री योजना को मंजूरी दी है। यह योजना बायो टेक्नोलॉजी में नवाचार और उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
फसल पोषक तत्वों पर सब्सिडी: किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक मुहैया कराने के लिए 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह सब्सिडी आगामी रबी फसल सत्र के लिए पीएंडके (फास्फेट और पोटाश) उर्वरकों पर लागू होगी, जिससे किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक मिल सके।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव के अंतर्गत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की गई है। यह रिपोर्ट पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा प्रस्तुत की गई थी।
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