समय से पहले रिटायर किए जाएंगे ‘नॉन-परफॉर्मिंग’ सरकारी कर्मचारी, सख्ती निर्देश
सरकारी कर्मचारियों की समय-समय पर होगी समीक्षा। काम में लापरवाही पाए जाने पर कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त करेगी भारत सरकार। ये है कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) का नया आदेश!
केंद्र सरकार ने अपने निर्देशों का पालन न करने पर नाराजगी जताते हुए सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों के कार्य निष्पादन या परफॉर्मेंस की समय पर समीक्षा करें ताकि तय मानकों के अनुरूप काम न करने वाले या कहें तो ‘नॉन-परफॉर्मिंग’ कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त / रिटायर (Govt Asks To Prematurely Retire Non-Performing Employees) किया जा सके।
Govt Retire Non-Performing Employees: DoPT का सख्त निर्देश
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने एक आदेश में संबंधित मंत्रालयों से कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), बैंकों, स्वायत्त संस्थानों और प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाले वैधानिक निकायों के तमाम कर्मचारियों की समय-समय पर समीक्षा की जाए।
आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश निरंतर अंतराल में जारी किए जाने चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें “सेवा में बनाए रखा जाए या सार्वजनिक हित में समय से पहले सेवा से सेवानिवृत्त किया जाए।” यह खबर पीटीआई की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है।
मौलिक नियम और CCS पेंशन नियम क्या है?
प्रशासनिक मंत्रालयों और विभागों से बार-बार अनुरोध किया गया है कि वे इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों का पालन करें और इसको लेकर एक रिपोर्ट DoPT को प्रस्तुत करें। हालांकि, नए आदेश के अनुसार यह देखा गया है कि विभिन्न मंत्रालय और विभाग संबंधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे मौलिक नियम (FR)-56 (J)/(I) और केंद्रीय सिविल सेवा (CCS) पेंशन नियमों [(अब, संशोधित CCS (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 42 के रूप में)] के तहत समीक्षा के लिए लंबित सरकारी कर्मचारियों की पहचान में देरी हो रही है।
क्यों बनाए गए ये नियम?
असल में ये नियम सरकारी कर्मचारियों की समय-समय पर समीक्षा और समय से पहले सेवानिवृत्ति की नीति निर्धारित करते हैं। ये नियम को सरकारी कर्मचारियों के कार्यों के निपटारे संबंधी दक्षता, अर्थव्यवस्था और विकास कार्यों की गति आदि सुनिश्चित करने के इरादे से बनाए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 27 जून को जारी किए गए इस आदेश में कहा गया है:
“उपरोक्त के मद्देनजर, मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध किया जाता है कि वे संबंधित मौलिक/पेंशन नियमों के प्रावधानों के तहत समीक्षा के लिए लंबित कर्मचारियों की पहचान करने के संबंध में तुरंत कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि ऐसे मामले प्रासंगिक निर्देशों के अनुसार समय पर समीक्षा समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जाएं।”
सख्ती से हो समय सीमा का पालन
इतना ही नहीं बल्कि सभी मंत्रालयों, विभागों और संगठनों को 2020 में इस संबंध में जारी DoPT के एक पूर्व आदेश में उल्लिखित समय सीमा का “कड़ाई से पालन” करने के लिए कहा गया है। तय समय सीमा के भीतर प्रशासनिक नियंत्रण वाले संस्थानों जैसे PSUs/बैंकों/स्वायत्त संस्थानों/वैधानिक संगठनों के कर्मचारियों की समीक्षा की प्रक्रिया (Govt Retire Non-Performing Employees) पूरी की जानी है।
इससे यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कार्य के प्रति ईमानदारी के लिहाज से संदिग्ध या अप्रभावी कर्मचारियों को सरकारी सेवा में बने रहने की अनुमति न दी जाए।
समय-समय पर रिपोर्टिंग के निर्देश
गौरतलब है कि
- DoPT ने 2020 के अपने आदेश के माध्यम से समय से पहले सेवानिवृत्ति के मामलों की पहचान करने की प्रक्रियाओं का विस्तृत और समेकित दिशानिर्देश जारी किए थे।
- सभी मंत्रालयों और विभागों को 15 जुलाई, 2024 से शुरू होकर प्रत्येक महीने की 15 तारीख तक एक विशेष प्रारूप में DoPT को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
- DoPT ने कहा कि CCS नियमों का उद्देश्य प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करना है ताकि सभी स्तरों पर जिम्मेदार और कुशल प्रशासन विकसित हो सके और सरकारी कार्यों के निपटारे में दक्षता, अर्थव्यवस्था और गति प्राप्त हो सके।
सभी मंत्रालयों और विभागों से अपेक्षा की गई है कि वे इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और अपने अधीनस्थ संस्थानों में कर्मचारियों की समय-समय पर समीक्षा करें। इसके साथ ही, यदि कोई कर्मचारी कार्य प्रदर्शन के लिहाज से तय मापदंडो को पूरा करता नहीं पाया जाता या अप्रभावी सिद्ध होता है, तो उसे सरकारी सेवा से तुरंत रिटायर किया जाए।
ये भी पढ़ें: तमिलनाडु में NEET खत्म? विधानसभा में प्रस्ताव पारित, क्या है मतलब
जानकारों के अनुसार, आदेश का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी सेवाएं प्रभावी और पारदर्शी रहें, और सरकार के कार्यों का निष्पादन तेजी और कुशलता से हो। सभी संबंधित विभागों और संगठनों को इस संबंध में समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी निर्देशों का उचित पालन हो रहा है।
इस पहल से सरकारी तंत्र में सुधार की उम्मीद की जा रही है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल योग्य और ईमानदार कर्मचारी ही सरकारी सेवाओं में बने रहें, जिससे जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें।