Google Layoff: गूगल ने पूरी पायथन टीम को नौकरी से निकाला – रिपोर्ट
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट द्वारा पूरी पायथन टीम को नौकरी से निकाले जाने की खबर सामने आई है। यह कदम लागत में कटौती के उद्देश्य से उठाया गया हो सकता है।
सुंदर पिचाई के नेतृत्व वाली गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने अपनी पूरी पायथन टीम को नौकरी से निकाल (Google Layoff Entire Python Team) दिया है। इस संबंध में प्रभावित कथित कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है। माना जा रहा है कि गूगल ने अमेरिका से बाहर ‘सस्ती दरों’ में लोगों को काम पर रखकर लागत कम करने के मकसद से यह कदम उठाया है।
पिछले कुछ हफ्तों से विभिन्न कारणों के चलते गूगल छंटनी का गवाह बना है। हाल में इजराइल-ईरान विवाद के बीच हुए प्रदर्शन के चलते भी कुछ कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। तब कथित तौर पर यह कहा गया था कि ‘ऑफिस राजनीति की जगह नहीं हो सकता।’
Google Layoff Entire Python Team
पूरी पायथन टीम को निकाले जाने की खबर सबसे पहले फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट में सामने आई है। साथ ही X (Twitter) पर प्रभावित कर्मचारियों ने भी इस बारे में सूचना साझा की हैं। इस क्रम में एक पोस्ट भी वायरल हुआ, जिसमें खुद को गूगल का पूर्व कर्मचारीबताने वाले एक व्यक्ति ने लिखा कि Google ने अपनी Python फाउंडेशन टीम को निकाल दिया है।
यह भी जानकारी सामने आ रही है कि गूगल अब इस टीम की जगह म्यूनिख, जर्मनी में एक नई टीम स्थापित करेगी। यह लागत के लिहाज से कंपनी के लिए सस्ता विकल्प होगा। इसके साथ ही व्यक्ति ने बताया कि निकाली गई टीम से म्यूनिख आधारित नई टीम के लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए भी कहा गया है।
Google has laid off their Python Foundation team and asked them to train their replacements who will be in the Munich office.
This is similar to layoffs in their finance department a few weeks ago where some positions were moved outside the country where they’re cheaper. 😬 pic.twitter.com/tVBh1dWLli
— Dare Obasanjo🐀 (@Carnage4Life) April 28, 2024
कंपनी की योजना साफ झलकती है। यह अमेरिका के बाहर उन जगहों पर कई कामों व कर्मचारियों को स्थानांतरित करना चाहती है, जो तुलनात्मक रूप से सस्ती हों। कुछ समय पहले भी इसके कुछ उदाहरण सामने आते रहे हैं। असल में अमेरिका के मुकाबले अन्य कुछ देशों में कंपनी को इतना अधिक वेतन नहीं देना पड़ता है।