तनु जैन मैम पहुंची राजिंदर नगर; छात्र बोले विकास सर, अवध ओझा सर कहां हैं?
दिल्ली कोचिंग सेंटर बेसमेंट हादसे के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच पहुँची मशहूर टीचर डॉ. तनु जैन मैम (Dr. Tanu Jain Ma’am), इस बीच छात्रों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti, ) सर और अवध ओझा (Avadh Ojha) सर कहां हैं?
Famous UPSC Teacher Dr. Tanu Jain Reaches Rajinder Nagar | दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में बीते शनिवार को पानी भरने से तीन छात्रों की मौत की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह त्रासदी उस संस्थान में हुई, जो भारत में यूपीएससी की तैयारी के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस घटना ने न केवल शिक्षा जगत बल्कि पूरे समाज को एक गंभीर सवाल पर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इस तरह की अनहोनी के लिए कौन जिम्मेदार है और इसका सुधार कैसे संभव है।
राव आईएएस के बेसमेंट में भारी बारिश के बाद पानी भरने से 3 छात्रों की जान चली गई। हादसे की खबर फैलते ही पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई। इस घटना के बाद, यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर आए हैं और हंगामा कर रहे हैं।
लापरवाही व अन्य तमाम प्रश्नों के साथ ही छात्रों ने इस बात पर भी सवाल उठाया है कि इस घटना पर प्रमुख शिक्षकों और कोचिंग सेंटर के मालिकों की चुप्पी क्यों है। खासकर, विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा जैसे प्रसिद्ध शिक्षकों के मौन ने छात्रों को और अधिक नाराज कर दिया है।
डॉ. तनु जैन का समर्थन – Dr. Tanu Jain Reaches Rajinder Nagar
इस बीच, यूपीएससी की एक और मशहूर शिक्षिका, डॉ. तनु जैन, राजेंद्र नगर पहुंची हैं और प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई है।
डॉ. तनु जैन मैम भी हम छात्रों का समर्थन करने राजिंदर नगर पहुंच चुकी हैं।
हमें अभी भी डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सर और अवध ओझा सर का इंतज़ार है।#RaoIAS #UPSCaspirants pic.twitter.com/vD1YzSnC7U
— Ankit Singh (@AnkitRadheY007) July 29, 2024
इसके पहले सोशल मीडिया पर उन्होंने हादसे के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और इस मुद्दे पर तत्काल प्रभाव से ध्यान देने की जरूरत बताई है। डॉ. तनु जैन मैम में एक्स पर लिखा, ‘मैं भी एक एस्पिरेंट रही हूँ, जो राजिंदर नगर में रहती थी और लाइब्रेरी जाती थी। मैं उनमें से एक हो सकती थी, आप उनमें से एक हो सकते थे। यह न सिर्फ दुखद है बल्कि दिल दहला देने वाला है और मानव जीवन की क्षति मुझे निःशब्द कर देती है। मैं खुद अभिभावक हूं और एक मां-बाप के लिए अपने बच्चे को खोने का दर्द सबसे बुरा दर्द होता है। मुझे नहीं पता कि क्या कहूं जिससे दर्द कम हो जाए, शब्द नहीं हैं।’
I was an aspirant and lived in Rajinder Nagar and went to libraries. I could have been one of them, you could have been one of them. It is not just tragic but it is heart-wrenching and the loss of human life makes me speechless. I am a parent and the pain of a parent losing a…
— Dr.Tanu Jain (@DrTanuJain1) July 28, 2024
डॉ. जैन का यह कदम छात्रों को एक उम्मीद की किरण प्रदान करता है और इस बात की पुष्टि करता है कि समाज के कुछ हिस्से अब भी मानवता और संवेदनशीलता को प्राथमिकता देते हैं।
यह घटना एक गंभीर प्रश्न उठाती है कि क्या हमारी शिक्षा प्रणाली और संस्थान अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रहे हैं। छात्रों की सुरक्षा, उनके जीवन की गुणवत्ता और उनकी मानसिक स्थिति के प्रति संवेदनशीलता को सुनिश्चित करना भी क्या उनकी प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए?
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