दिल्ली कोचिंग हादसे पर डॉक्टर अनुज का ‘यहां जान ऐसे ही सस्ती है’ पोस्ट वायरल
डॉ. अनुज अक्सर सोशल मीडिया पर लोगों के स्वास्थ्य संबंधित सवालों के जवाब देने से लेकर सेहत से जुड़ी तमाम भ्रांतियों को दूर करते दिखाई पड़ते हैं। हाल में Delhi IAS Coaching Centre Incident को लेकर उनका ‘यहां जान ऐसे ही सस्ती है’ पोस्ट भी एक बार सभी को पढ़ना चाहिए।
दिल्ली के राव आईएएस स्टडी सेंटर के बेसमेंट में हाल ही में हुए जलभराव के कारण 3 छात्रों की दुखद मौत हो गई है। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है और इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी तेजी से सामने आ रही है। इसी क्रम में डॉक्टर अनुज कुमार (Dr Anuj Kumar), जो पेशे से Craniofacial Surgeon हैं, ने इस मामले पर एक ऐसा पोस्ट किया, जो देखते ही देखते तमाम लोगों के बीच पहुँचा और लोग इसे शेयर करने से खुद को रोक नहीं पा रहे (Viral Post On Delhi Rau’s IAS Coaching Centre Incident)।
डॉक्टर अनुज कुमार ने अपनी एक्स (पूर्व में ट्विटर) प्रोफाइल से ‘ये भारत है, यहाँ जान ऐसी ही सस्ती है‘ जैसी शुरुआती पंक्ति के साथ कुछ ऐसी बातें लिखीं, जिसका एक-एक शब्द मौजूदा हालातों में तमाम लोगों के दुःख, दर्द और आक्रोश को सटीकता से बयां करता है।
हम सब जानते हैं कि हाल की कोचिंग सेंटर की घटना को देखते हुए, कई यूजर्स मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना और सिस्टम को लेकर अपना गुस्सा बराबर व्यक्त कर रहे हैं। इस बीच आज की वास्तविकता को दर्शाती डॉक्टर अनुज की इन ‘पंक्तियों’ ने बहुतों का ध्यान आकर्षित किया है। कई लोग उनके इस पोस्ट को शेयर कर रहे हैं, और हम भी उन तमाम लोगों में से के हैं। उनके हर एक शब्द शायद इसलिए इतने प्रभावी हैं, क्योंकि ये कोई कल्पना नहीं बल्कि आज की हक़ीक़त हैं।
Dr Anuj Kumar’s Post | Delhi Rau’s IAS Coaching Centre Incident
डॉक्टर अनुज अपने पोस्ट में लिखते हैं:
ये भारत है, यहाँ जान ऐसी ही सस्ती है।
हमारे यहाँ ऐसा ही होता है
हमें ऐसे ही मरने की आदत है.
कभी रोड चलते गड्ढों में गिर जाने से,
कभी सड़क किनारे जमा पानी में करंट आने से,
कभी भगदड़ मच जाने से,
कभी बेसमेंट में पानी भर जाने से,
कभी फ़्लाइओवर के गिरने से,
कभी ट्रेन के टकराने से,
कभी दवाओं की कमी से
पर हमें बोलना नहीं है,
क्योंकि अगर हम बंगाल में मरे तो हम भक्त हैं,
और हम महाराष्ट्र में मरे तो हम चमचे हैं…
अगर हम सड़क किनारे नमाज़ पढ़ने से लगे जाम में फँस कर मरे तो हम मुस्लिम विरोधी हैं,
और अगर रामनवमी में जुलूस में फँस कर मरे तो हिंदू विरोधी हैं.
दरअसल हम इन दोनों में कुछ नहीं है, हम सभी कबीले में बँटे मूर्ख लोग हैं जो बस अपनी अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं…..
ये भारत है, यहाँ जान ऐसी ही सस्ती है।
हमारे यहाँ ऐसा ही होता है
हमें ऐसे ही मरने की आदत है.कभी रोड चलते गड्ढों में गिर जाने से,
कभी सड़क किनारे जमा पानी में करंट आने से,
कभी भगदड़ मच जाने से,
कभी बेसमेंट में पानी भर जाने से,
कभी फ़्लाइओवर के गिरने से,
कभी ट्रेन के टकराने से,…— Dr Anuj Kumar (@dranuj_k) July 28, 2024
डॉक्टर अनुज की यह प्रतिक्रिया समाज से जुड़े मुद्दों पर उनकी गहरी समझ और संवेदनशीलता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है। आइ शायद इसलिए भी है क्योंकि डॉ. अनुज अक्सर सोशल मीडिया पर अधिकांश रूप से लोगों के स्वास्थ्य संबंधित सवालों के जवाब देने से लेकर सेहत से जुड़ी तमाम भ्रांतियों को दूर करते हुए लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते दिखाई पड़ते हैं। बहुत से लोग उनकी इन कोशिशों के प्रशंसक हैं।
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