दिल्ली यूनिवर्सिटी: कर्मचारी की लापरवाही से जीजस एंड मेरी कॉलेज की करीब 500 छात्राएं फेल?
दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज (जेएमसी) में आयोजित हुई परीक्षा में सैकड़ों छात्राएं कॉलेज के एक कर्मचारी की लापरवाही के कारण फेल हुई।
Delhi University Protest For Jesus And Mary College Failed Students Row | दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (NCWEB) के जीसस एंड मैरी कॉलेज (JMC) केंद्र की सैकड़ों छात्राओं के साथ एग्जाम रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस समस्या ने न केवल छात्राओं को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रभावित किया है, बल्कि विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं।
पिछले वर्ष जीसस एंड मैरी कॉलेज (JMC) के एनसीवेब केंद्र से जुड़े सैकड़ों छात्राओं को परीक्षा परिणाम में “फेल” घोषित कर दिया गया। यह मामला तब गरमाया जब कई छात्राओं ने पाया कि उनके द्वारा प्राप्त अंकों और परिणाम में अनियमितता है।
Overview (Table of Contents)
छात्राओं का आरोप (Delhi University Protest)
- गलत तरीके से फेल घोषित करना: छात्राओं का दावा है कि उनकी आंसरशीट्स में प्राप्त नंबर पासिंग क्राइटेरिया को पूरा करते हैं, लेकिन उन्हें फेल कर दिया गया।
- ईआर (Essential Repeat) लगाई गई: बिना किसी गलती के सैकड़ों छात्राओं को ईआर दे दी गई, जिससे उन्हें फिर से परीक्षा के लिए आवेदन करने को कहा गया।
- शिकायत का समाधान नहीं हुआ: कॉलेज प्रशासन और परीक्षा विभाग में शिकायत के बावजूद मामले को सुलझाया नहीं गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईआर पेपर भरने के लिए प्रत्येक फॉर्म पर 300 रुपये का शुल्क लगाया गया। निम्न मध्यम वर्ग से आने वाली एनसीवेब की छात्राओं के लिए यह खर्च उठाना मुश्किल है। छात्राओं का कहना है कि जब उनकी गलती नहीं है, तो उन्हें दोबारा परीक्षा क्यों देनी चाहिए।
कॉलेज प्रशासन और परीक्षा विभाग पर सवाल
डीयू परीक्षा विभाग से संबंधित एक व्यक्ति का कहना है कि यह मामला कॉलेज प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। परीक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही गलत रिजल्ट को सुधारने की बात कही है। कॉलेज प्रशासन ने इस गड़बड़ी के लिए एक स्टाफ सदस्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, अभी तक प्रशासन ने इस मामले पर विस्तृत बयान नहीं दिया है।
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छात्राओं की मांगें (Delhi University Protest)
इस विवाद को लेकर छात्राओं ने रविवार और सोमवार को कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) के सदस्यों ने भी प्रदर्शन में भाग लिया और पोर्टल को दोबारा खोलने की मांग की। इस मामले में अभ्यर्थियों की निम्न मांगे बताई जा रही हैं:
- सही रिजल्ट जारी हो: जिन छात्राओं को गलत तरीके से फेल दिखाया गया है, उनके परिणाम तुरंत संशोधित किए जाएं।
- जिम्मेदारों पर कार्रवाई: इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
- आंसरशीट्स की पारदर्शिता: छात्राओं ने अपनी आंसरशीट्स को दिखाने की मांग की है।
#WATCH | Students hold protest at Jesus and Mary College Women’s College in Delhi against alleged discrepancies in Semester Exams. pic.twitter.com/b4fupct9hX
— ANI (@ANI) December 2, 2024
डीयू अकादमिक काउंसिल का सुझाव
- एनसीवेब और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) के लिए अलग परीक्षा शाखा बनाई जानी चाहिए।
- अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
दिल्ली यूनिवर्सिटीकी एकेडमिक काउंसिल की एक सदस्य ने इस घटना को डीयू के व्यापक संस्थागत संकट का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल एक केंद्र तक सीमित नहीं है, बल्कि डीयू के अन्य विभागों में भी ऐसी गड़बड़ियां होती रही हैं।
डीयू प्रशासन ने कॉलेज और परीक्षा विभाग को गड़बड़ियों को तुरंत सुधारने के निर्देश दिए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिन छात्राओं को गलत तरीके से फेल दिखाया गया है, उनके रिजल्ट जल्द ही संशोधित किए जाएंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के एनसीवेब में हुई यह गड़बड़ी न केवल छात्राओं के लिए एक बड़ी समस्या है, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए भी चिंतन का विषय है। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है।